नई दिल्ली : आईएसएसएफ विश्व कप में महिला 25 मीटर पिस्टल स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाली चिंकी यादव का कहना है कि उनके लिए राही सरनोबात से आगे निकलना आश्चर्यजनक रहा तथा मनु भाकर से उन्हें फायदा पहुंचा.
ओलंपिक कोटा हासिल करने के बावजूद चिंकी इस साल होने वाले टोक्यो ओलंपिक में शामिल होने को लेकर पूरी आश्वस्त नहीं है, क्योंकि एक वर्ग में एक देश से सिर्फ दो ही निशानेबाजों को शामिल होने की इजाजत है.
ऐसे में इस बात चर्चा है कि एशिया खेलों की चैंपियन राही और मनु टोक्यो जा सकती हैं लेकिन चिंकी ने बुधवार को विश्व कप में जिस तरह इन दोनों निशानेबाजों को पछाड़कर स्वर्ण पदक हासिल किया, उससे उन्होंने ओलंपिक के लिए अपनी दावेदारी मजबूत कर ली है.
यहां डॉ. कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में चल रहे विश्वकप मुकाबले में महिला 25 मीटर पिस्टल वर्ग में चिंकी ने स्वर्ण, राही ने रजत और मनु ने कांस्य पदक जीता.
फाइनल राउंड में चिंकी और राही के बीच कांटे का मुकाबला चला और दोनों ने 32 का स्कोर किया. इसके बाद चिंकी ने शूटऑफ में 4-3 से जीत हासिल की. मैच के बाद चिंकी ने कहा कि कुछ दबाव था, लेकिन वह चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार थी.
चिंकी ने कहा, "मुझे अपने प्रतिद्वंद्वी की चिंता नहीं थी लेकिन मेरा ध्यान अपनी खुद की क्षमता पर केंद्रित था जिसने शूटऑफ में मुझे स्वर्ण पदक दिलाया."
चिंकी और राही ने 2019 के पीरियड में टोक्यो ओलंपिक का कोटा हासिल किया था लेकिन ऐसी चर्चा था कि अगर चिंकी प्रदर्शन करने में नाकाम रही तो राही और मनु को ओलंपिक टीम में जगह दी जाएगी.
आज की जीत के बाद भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) की चयन समिति चिंकी के प्रदर्शन से प्रभावित हुई होगी जो विश्व कप के बाद ओलंपिक के लिए फाइनल टीम चुनने को लेकर बैठक करेगी.
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चिंकी ने कहा, "मेरा काम सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना था और मैंने विश्व कप में ऐसा किया. यह अब चयन समिति पर कि वे किसे चुनते हैं. यह मेरा काम नहीं है. मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया और स्वर्ण पदक जीता."