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लॉकडाउन में निशानेबाजी भूलने जैसा हो गया था: दिव्यांश

विश्व रैंकिंग में पहले स्थान पर काबिज इस निशानेबाज ने हालांकि शनिवार को अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (आईएसएसएफ) विश्व कप में दस मीटर एयर राइफल में कांस्य पदक कर लय में आने का संकेत दिया.

Divyansh Singh Panwar
Divyansh Singh Panwar
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Published : Mar 20, 2021, 5:21 PM IST

नई दिल्ली: भारतीय निशानेबाज दिव्यांश सिंह पंवार ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण लागू हुए लॉकडाउन के दौरान वह निशानेबाजी को लगभग भूल गये थे.

विश्व रैंकिंग में पहले स्थान पर काबिज इस निशानेबाज ने हालांकि शनिवार को अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (आईएसएसएफ) विश्व कप में दस मीटर एयर राइफल में कांस्य पदक कर लय में आने का संकेत दिया.

विश्व कप 2019 फाइनल्स के इस स्वर्ण पदक विजेता को यह मानने में कोई संकोच नहीं कि लॉकडाउन के दौरान उनका आत्मविश्वास डगमगा गया था.

दिव्यांश ने पदक जीतने के बाद यहां कहा, "लॉकडाउन के दौरान मेरा आत्मविश्वास डगमगा गया था, ऐसा लगा कि कुछ भी नहीं बचा है. भविष्य के लिए कोई योजना नहीं थी और हमें नहीं पता था कि आगे क्या होने वाला है, सबकुछ शून्य की तरह हो गया था."

इस 18 साल के निशानेबाज ने कहा, "जैसा कि हमने अभ्यास करना शुरू किया, हमें अच्छा महसूस हुआ लेकिन इससे पहले, इतने लंबे समय तक कोई प्रतिस्पर्धा नहीं थी और मैं निशानेबाजी को लगभग भूल गया था. यह मानसिकता की बात है, हम रोज अभ्यास नहीं कर रहे थे इसलिए भूलने जैसा महसूस हो रहा था. इसके बाद हमने फिर से कड़ी मेहनत की और धीरे-धीरे लय में आये."

दिव्यांश यहां ने 228.1 स्कोर किया और तीसरे स्थान पर रहे.

ये भी पढ़ें- विजेंदर सिंह का अजेय क्रम टूटा, रूसी मुक्केबाज अर्तिश लोपसान से हारे

उन्होंने बीजिंग विश्व कप (अप्रैल 2019) में 10 मीटर एयर राइफल में रजत पदक के साथ तोक्यो ओलंपिक का कोटा हासिल किया था.

जयपुर के इस निशानेबाज ने कहा कि यहां कांस्य पदक जीतने से ओलंपिक के लिए उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा.

उन्होंने कहा, "यह पदक मेरे आत्मविश्वास के लिए बहुत अच्छी बात है, मुझे यह विश्वास दिलाता है कि मैं इससे बेहतर कर सकता हूं और मैं निश्चित रूप से अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगा."

नई दिल्ली: भारतीय निशानेबाज दिव्यांश सिंह पंवार ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के कारण लागू हुए लॉकडाउन के दौरान वह निशानेबाजी को लगभग भूल गये थे.

विश्व रैंकिंग में पहले स्थान पर काबिज इस निशानेबाज ने हालांकि शनिवार को अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी खेल महासंघ (आईएसएसएफ) विश्व कप में दस मीटर एयर राइफल में कांस्य पदक कर लय में आने का संकेत दिया.

विश्व कप 2019 फाइनल्स के इस स्वर्ण पदक विजेता को यह मानने में कोई संकोच नहीं कि लॉकडाउन के दौरान उनका आत्मविश्वास डगमगा गया था.

दिव्यांश ने पदक जीतने के बाद यहां कहा, "लॉकडाउन के दौरान मेरा आत्मविश्वास डगमगा गया था, ऐसा लगा कि कुछ भी नहीं बचा है. भविष्य के लिए कोई योजना नहीं थी और हमें नहीं पता था कि आगे क्या होने वाला है, सबकुछ शून्य की तरह हो गया था."

इस 18 साल के निशानेबाज ने कहा, "जैसा कि हमने अभ्यास करना शुरू किया, हमें अच्छा महसूस हुआ लेकिन इससे पहले, इतने लंबे समय तक कोई प्रतिस्पर्धा नहीं थी और मैं निशानेबाजी को लगभग भूल गया था. यह मानसिकता की बात है, हम रोज अभ्यास नहीं कर रहे थे इसलिए भूलने जैसा महसूस हो रहा था. इसके बाद हमने फिर से कड़ी मेहनत की और धीरे-धीरे लय में आये."

दिव्यांश यहां ने 228.1 स्कोर किया और तीसरे स्थान पर रहे.

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उन्होंने बीजिंग विश्व कप (अप्रैल 2019) में 10 मीटर एयर राइफल में रजत पदक के साथ तोक्यो ओलंपिक का कोटा हासिल किया था.

जयपुर के इस निशानेबाज ने कहा कि यहां कांस्य पदक जीतने से ओलंपिक के लिए उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा.

उन्होंने कहा, "यह पदक मेरे आत्मविश्वास के लिए बहुत अच्छी बात है, मुझे यह विश्वास दिलाता है कि मैं इससे बेहतर कर सकता हूं और मैं निश्चित रूप से अपना सर्वश्रेष्ठ दूंगा."

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