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150 साल पहले भारत में आया था फुटबॉल, कई गोल्ड मेडल हैं भारत के नाम

ऐसा है भारत में फुटबॉल का इतिहास, इनको कहते हैं 'फुटबॉल का जनक'

Football Came to India 150 years ago
History of football in India
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Published : Nov 18, 2022, 10:57 PM IST

नई दिल्ली : फीफा विश्व कप 2022 (FIFA World Cup 2022) कतर में 20 नवंबर से शुरू होने जा रहा है, जिसका भारत में भी बेसबरी से इंतजार हो रहा है. ये बेचैनी तब है जब विश्व कप में भारत की टीम शामिल नहीं है. फुटबॉल के इस महासंग्राम में भारत की टीम कभी नहीं खेली है. भारत में फुटबॉल की शुरुआत (Football Started in India) 19वीं सदीं में ही हो गई थी, जब देश में अंग्रेजों को शासन था. क्रिकेट की तरह ही भारतीयों ने ये खेल अंग्रेजों को देखकर सीखा लेकिन इसमें इतनी महारत नहीं मिली जितनी क्रिकेट में मिली.

साल 1872 में कोलकाता में इस खेल के बारे में भारतीयों ने जाना. तब कोलकाता देश की राजधानी होती थी और ब्रिटिश सिपाही ये खेल खेलते थे. नागेंद्र प्रसाद सर्ब अधिकारी (Nagendra Prasad Serbadhikari) को देश में फुटबॉल का जनक कहा जाता है. उन्होंने अपने दोस्तों के साथ इसे खेलना शुरू किया था. स्कूल में एक अंग्रेज अध्यापक ने उन्हें खेलते हुए देखा और फिर नागेंद्र और उसके साथियों को इसे खेल को प्रमोट करने के लिए प्रोत्साहित किया.

डूरंड कप की शुरूआत

साल 1894 में भारत में फुटबॉल क्लब की स्थापना हुई और साल 1888 में शिमला में डूरंड कप का आयोजन हुआ. ये भारत में पहली फुटबॉल प्रतियोगिता थी. ये प्रतियोगिता आज भी जारी है, जो दुनिया की तीसरी सबसे पुरानी प्रतियोगिता है. इस प्रतियोगिता के विजेता को तीन ट्रॉफी मिलती हैं.

मोहन बागान एथलीट क्लब की स्थापना

इसके बाद 1889 में मोहन बगान एथलीट क्लब (Mohun Bagan Athletes Club) की स्थापना हुई, जो 123 साल बाद आज भी भारत में कायम है. यह एशिया का सबसे पुराना क्लब है. फुटबॉल में भारतीय टीम को पहली सफलता 1892 में मिली थी. सोवा बाजार क्लब ने पहली बार ट्रेडर्स कप जीत कर इतिहास रचा था.

इंडियन फुटबॉल एसोसिएशन की स्थापना

ब्रिटिशर्स ने 1893 में इंडियन फुटबॉल एसोसिएशन की स्थापना की, लेकिन 1920 तक उसमें कोई भी भारतीय नहीं था.

1899 में दक्षिण भारत में पहला फुटबॉल क्लब, जिसका नाम आरबी फर्ग्यूसन फुटबॉल क्लब (RB Ferguson Football Club) था. केरल के थिरुस्सर में इसकी स्थापना 20 फरवरी को हुई. पहली बार किसी भारतीय फुटबॉल क्लब ने कोई ट्रॉफी जीती थी. उस ट्रॉफी का नाम आईएफए शील्ड था. साल 1911 में मोहन बागान को ये सफलता मिली. ये टूर्नामेंट पहले केवल ब्रिटिश टीम द्वारा ही जीता जाता था.

भारतीय टीम जिसमें ब्रिटिश खिलाड़ी भी शामिल हुआ करते थे. भारत की फुटबॉल टीम का पहला अंतरराष्ट्रीय टूर साल 1924 में श्रीलंका का था. जहां टीम के कप्तान गोष्ठा पाल थे.

साल 1937 में ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन की स्थापना हुई, जो छह क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करती थी. साल 1938 में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया का पहला अधिकारिक दौरा किया. वहां टीम ने कई फुटबॉल क्लबों और ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय टीम से मैच खेले. आर लुम्सडन ने पहली बार अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में गोल की हैट्रिक लगाई. उन्होंने 24 सितंबर को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ये कारनामा किया था.

साल 1940 में पहली बार डूरंड कप मोहम्मडन स्पोर्टिंग टीम ने जीता. मोहम्मडन स्पोर्टिंग टीम ने वारविकशायर रेजिमेंट को 2-1 से हराकर ये जीत हासिल की थी.

1948 लंदन ओलंपिक में भारतीय टीम ने पहली बार भाग लिया. लंदन ओलंपिक1948 में भाग लेना भारत का पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट था. भारत की टीम फ्रांस से 2-1 से हार कर बाहर हो गई थी.

1949 में भारतीय टीम ने श्रीलंका और अफगानिस्तान का दौरा किया. 1950 में भारतीय टीम ने फीफा विश्व कप के लिए डिफॉल्ट क्वालीफाई किया था, लेकिन इसमें लेकिन इसमें खेलने से मना कर दिया. इस दौरान सैयद अब्दुल रहीम भारतीय फुटबॉल टीम के कोच बने थे.

1951 में एशिया चैंपियन बना भारत

भारतीय फुटबॉल टीम 1951 में एशियाई खेलों की चैंपियन बनी. भारत ने इंडोनिशया और अफगानिस्तान को 3-0 से हराया. फाइनल में ईरान को 1-0 से हराया. कोलकाता के श्यो मेवालाल ने इस टूर्नांमेंट में चार गोल किये. वो टीम के स्ट्राइकर थे. इस साल पूर्वी बंगाल ने तीसरी बार आईएफए शील्ड जीती.

साल 1952 में भारत पाकिस्तान के साथ मिलकर श्रीलंका में आयोजित कोलंबो कैवडरेंगुलर कप का संयुक्त विजेता रहा. इसके बाद भारत लगातार 1953-54-55 तक इस टूर्नामेंट का विजेता रहा. इस दौरान घरेलू प्रतियोगिताओं में जूते पहन कर खेलना जरुरी कर दिया गया और खेल की अवधि भी 70 मिनट कर दी गई.

1956 के ओलंपिक खेलों में भारत चौथे स्थान पर रहा. नेविली डी सूजा ओलंपिक में हैट्रिक करने वाले पहले एशियाई खिलाड़ी बने. वो टूर्नामेंट में चार गोल कर संयुक्त रूप से टॉप गोल स्कोरर भी रहे. 1958 में जापान के टोक्या में आयोजित एशियन गेम्स में भारत चौथे स्थान पर रहा. 1960 में सुब्रतो कप की शुरुआत हुई, जिसमें इंटरनेशनल इंटर स्कूल टूर्नामेंट है. पहली बार इसमें एशिया को विभिन्न देशों के 50 स्कूलों ने भाग लिया था.

पीके बनर्जी को अर्जुन पुरस्कार

फुटबॉल में शानदार प्रदर्शन करने के लिए पीके बनर्जी को साल 1961 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया. साल 1990 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया. भारतीय टीम की स्वर्णीम युग 1962 में शुरू हुआ जब भारत ने एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीता. भारत ने सेमीफाइनल में साउथ वियतनाम को हराया और फाइनल में साउथ कोरिया को 2-1 से मात दी. ये एशियाई खेल इंडोनेशिया के जकार्ता में हुए थे. 1962 में ही गोष्ठा पाल को फुटबॉल में शानदार प्रदर्शन के लिए पहला पद्मश्री पुरस्कार मिला.

साल 1964 में भारत की फुटबॉल टीम इजराइल में आयोजित एएफसी कप में उप विजेता रही. इस साल टीम मेरडका टूर्नामेंट में उप विजेता रही और 1965-63 में तीसरे स्थान पर रही.

अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (All India Football Federation) ने साल 1967 में फुटबॉल मैच का समय 70 से 90 मिनट कर दिया. साल 1970 में बैंकाक में हुए एशियाड और मेडरक कप में भारत की टीम ने ब्रॉन्ज जीतने में सफलता हासिल की. इस दौरान सैय्यद नियामुदीन टीम के कप्तान थे. साल 1971 में सिंगापुर में आयोजित पेस्टा सुकान कप में भारत साउथ वियतनाम के साथ संयुक्त चैंपियन बना. 1974 में थाईलैंड के बैंकाक में आयोजित एशियन चैंपियनशिप में भारत ईरान के साथ संयुक्त रूप से चैंपियन बना. तब प्रसून बनर्जी भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान थे.

SAF खेलों में गोल्ड मेडल जीता

1977 में भारत में फेडरेशन कप के पहला संस्करण केरल में हुआ. अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी पेले ने भी यहां प्रदर्शनी मैच खेला. पश्चिम बंगाल में साल 1982 में नेहरु कप की शुरुआत हुई. पहला नेहरु कप उरुग्वे ने जीता. 1983 में शांति मलिक को फुटबॉल में शानदार प्रदर्शन करने के लिए अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया. भारतीय टीम ने 1985 में बांग्लादेश में आयोजित SAF खेलों में गोल्ड मेडल जीता.

1993 में भारतीय टीम ने पाकिस्तान में आयोजित सार्क कप का पहला संस्करण जीता. 1995 में भारत SAF खेलों में फिर एकबार गोल्ड मेडल जीता. भारत ने बांग्लादेश को 1-0 से हराया. साल 2012 में भारत ने तीसरी बार नेहरु कप जीता. इस साल भारत में पहली बार फीफा महिला अंडर 17 विश्व कप आयोजित हुआ, जिसमें भारत की टीम अपने तीनों मैच हारकर बाहर हो गई. भारत ने विश्व कप के लिए क्वालीफाई नहीं किया था. लेकिन मेजबान होने के कारण फीफा विश्व कप में खेलना का मौका मिला था.

इसे भी पढ़ें- FIFA World Cup : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ विश्व कप उद्धघाटन समारोह में करेंगे शिरकत

भारत में 150 साल से फुटबॉल खेली जा रही है, लेकिन अभी तक फीफा विश्व कप के लिए टीम क्वालीफाई तक नहीं कर पाई है. इस बार भी भारतीय टीम फीफा में नहीं खेल रही है, लेकिन फुटबॉल को लेकर देशवासियों में जुनून कम नहीं है. फीफा विश्व कप 20 नवंबर से कतर में शुरू होगा, लेकिन इसको लेकर जोश भारत में भी कम नहीं हैं.

नई दिल्ली : फीफा विश्व कप 2022 (FIFA World Cup 2022) कतर में 20 नवंबर से शुरू होने जा रहा है, जिसका भारत में भी बेसबरी से इंतजार हो रहा है. ये बेचैनी तब है जब विश्व कप में भारत की टीम शामिल नहीं है. फुटबॉल के इस महासंग्राम में भारत की टीम कभी नहीं खेली है. भारत में फुटबॉल की शुरुआत (Football Started in India) 19वीं सदीं में ही हो गई थी, जब देश में अंग्रेजों को शासन था. क्रिकेट की तरह ही भारतीयों ने ये खेल अंग्रेजों को देखकर सीखा लेकिन इसमें इतनी महारत नहीं मिली जितनी क्रिकेट में मिली.

साल 1872 में कोलकाता में इस खेल के बारे में भारतीयों ने जाना. तब कोलकाता देश की राजधानी होती थी और ब्रिटिश सिपाही ये खेल खेलते थे. नागेंद्र प्रसाद सर्ब अधिकारी (Nagendra Prasad Serbadhikari) को देश में फुटबॉल का जनक कहा जाता है. उन्होंने अपने दोस्तों के साथ इसे खेलना शुरू किया था. स्कूल में एक अंग्रेज अध्यापक ने उन्हें खेलते हुए देखा और फिर नागेंद्र और उसके साथियों को इसे खेल को प्रमोट करने के लिए प्रोत्साहित किया.

डूरंड कप की शुरूआत

साल 1894 में भारत में फुटबॉल क्लब की स्थापना हुई और साल 1888 में शिमला में डूरंड कप का आयोजन हुआ. ये भारत में पहली फुटबॉल प्रतियोगिता थी. ये प्रतियोगिता आज भी जारी है, जो दुनिया की तीसरी सबसे पुरानी प्रतियोगिता है. इस प्रतियोगिता के विजेता को तीन ट्रॉफी मिलती हैं.

मोहन बागान एथलीट क्लब की स्थापना

इसके बाद 1889 में मोहन बगान एथलीट क्लब (Mohun Bagan Athletes Club) की स्थापना हुई, जो 123 साल बाद आज भी भारत में कायम है. यह एशिया का सबसे पुराना क्लब है. फुटबॉल में भारतीय टीम को पहली सफलता 1892 में मिली थी. सोवा बाजार क्लब ने पहली बार ट्रेडर्स कप जीत कर इतिहास रचा था.

इंडियन फुटबॉल एसोसिएशन की स्थापना

ब्रिटिशर्स ने 1893 में इंडियन फुटबॉल एसोसिएशन की स्थापना की, लेकिन 1920 तक उसमें कोई भी भारतीय नहीं था.

1899 में दक्षिण भारत में पहला फुटबॉल क्लब, जिसका नाम आरबी फर्ग्यूसन फुटबॉल क्लब (RB Ferguson Football Club) था. केरल के थिरुस्सर में इसकी स्थापना 20 फरवरी को हुई. पहली बार किसी भारतीय फुटबॉल क्लब ने कोई ट्रॉफी जीती थी. उस ट्रॉफी का नाम आईएफए शील्ड था. साल 1911 में मोहन बागान को ये सफलता मिली. ये टूर्नामेंट पहले केवल ब्रिटिश टीम द्वारा ही जीता जाता था.

भारतीय टीम जिसमें ब्रिटिश खिलाड़ी भी शामिल हुआ करते थे. भारत की फुटबॉल टीम का पहला अंतरराष्ट्रीय टूर साल 1924 में श्रीलंका का था. जहां टीम के कप्तान गोष्ठा पाल थे.

साल 1937 में ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन की स्थापना हुई, जो छह क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करती थी. साल 1938 में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया का पहला अधिकारिक दौरा किया. वहां टीम ने कई फुटबॉल क्लबों और ऑस्ट्रेलिया की राष्ट्रीय टीम से मैच खेले. आर लुम्सडन ने पहली बार अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में गोल की हैट्रिक लगाई. उन्होंने 24 सितंबर को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ये कारनामा किया था.

साल 1940 में पहली बार डूरंड कप मोहम्मडन स्पोर्टिंग टीम ने जीता. मोहम्मडन स्पोर्टिंग टीम ने वारविकशायर रेजिमेंट को 2-1 से हराकर ये जीत हासिल की थी.

1948 लंदन ओलंपिक में भारतीय टीम ने पहली बार भाग लिया. लंदन ओलंपिक1948 में भाग लेना भारत का पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट था. भारत की टीम फ्रांस से 2-1 से हार कर बाहर हो गई थी.

1949 में भारतीय टीम ने श्रीलंका और अफगानिस्तान का दौरा किया. 1950 में भारतीय टीम ने फीफा विश्व कप के लिए डिफॉल्ट क्वालीफाई किया था, लेकिन इसमें लेकिन इसमें खेलने से मना कर दिया. इस दौरान सैयद अब्दुल रहीम भारतीय फुटबॉल टीम के कोच बने थे.

1951 में एशिया चैंपियन बना भारत

भारतीय फुटबॉल टीम 1951 में एशियाई खेलों की चैंपियन बनी. भारत ने इंडोनिशया और अफगानिस्तान को 3-0 से हराया. फाइनल में ईरान को 1-0 से हराया. कोलकाता के श्यो मेवालाल ने इस टूर्नांमेंट में चार गोल किये. वो टीम के स्ट्राइकर थे. इस साल पूर्वी बंगाल ने तीसरी बार आईएफए शील्ड जीती.

साल 1952 में भारत पाकिस्तान के साथ मिलकर श्रीलंका में आयोजित कोलंबो कैवडरेंगुलर कप का संयुक्त विजेता रहा. इसके बाद भारत लगातार 1953-54-55 तक इस टूर्नामेंट का विजेता रहा. इस दौरान घरेलू प्रतियोगिताओं में जूते पहन कर खेलना जरुरी कर दिया गया और खेल की अवधि भी 70 मिनट कर दी गई.

1956 के ओलंपिक खेलों में भारत चौथे स्थान पर रहा. नेविली डी सूजा ओलंपिक में हैट्रिक करने वाले पहले एशियाई खिलाड़ी बने. वो टूर्नामेंट में चार गोल कर संयुक्त रूप से टॉप गोल स्कोरर भी रहे. 1958 में जापान के टोक्या में आयोजित एशियन गेम्स में भारत चौथे स्थान पर रहा. 1960 में सुब्रतो कप की शुरुआत हुई, जिसमें इंटरनेशनल इंटर स्कूल टूर्नामेंट है. पहली बार इसमें एशिया को विभिन्न देशों के 50 स्कूलों ने भाग लिया था.

पीके बनर्जी को अर्जुन पुरस्कार

फुटबॉल में शानदार प्रदर्शन करने के लिए पीके बनर्जी को साल 1961 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया. साल 1990 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया. भारतीय टीम की स्वर्णीम युग 1962 में शुरू हुआ जब भारत ने एशियाई खेलों में गोल्ड मेडल जीता. भारत ने सेमीफाइनल में साउथ वियतनाम को हराया और फाइनल में साउथ कोरिया को 2-1 से मात दी. ये एशियाई खेल इंडोनेशिया के जकार्ता में हुए थे. 1962 में ही गोष्ठा पाल को फुटबॉल में शानदार प्रदर्शन के लिए पहला पद्मश्री पुरस्कार मिला.

साल 1964 में भारत की फुटबॉल टीम इजराइल में आयोजित एएफसी कप में उप विजेता रही. इस साल टीम मेरडका टूर्नामेंट में उप विजेता रही और 1965-63 में तीसरे स्थान पर रही.

अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (All India Football Federation) ने साल 1967 में फुटबॉल मैच का समय 70 से 90 मिनट कर दिया. साल 1970 में बैंकाक में हुए एशियाड और मेडरक कप में भारत की टीम ने ब्रॉन्ज जीतने में सफलता हासिल की. इस दौरान सैय्यद नियामुदीन टीम के कप्तान थे. साल 1971 में सिंगापुर में आयोजित पेस्टा सुकान कप में भारत साउथ वियतनाम के साथ संयुक्त चैंपियन बना. 1974 में थाईलैंड के बैंकाक में आयोजित एशियन चैंपियनशिप में भारत ईरान के साथ संयुक्त रूप से चैंपियन बना. तब प्रसून बनर्जी भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान थे.

SAF खेलों में गोल्ड मेडल जीता

1977 में भारत में फेडरेशन कप के पहला संस्करण केरल में हुआ. अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी पेले ने भी यहां प्रदर्शनी मैच खेला. पश्चिम बंगाल में साल 1982 में नेहरु कप की शुरुआत हुई. पहला नेहरु कप उरुग्वे ने जीता. 1983 में शांति मलिक को फुटबॉल में शानदार प्रदर्शन करने के लिए अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया. भारतीय टीम ने 1985 में बांग्लादेश में आयोजित SAF खेलों में गोल्ड मेडल जीता.

1993 में भारतीय टीम ने पाकिस्तान में आयोजित सार्क कप का पहला संस्करण जीता. 1995 में भारत SAF खेलों में फिर एकबार गोल्ड मेडल जीता. भारत ने बांग्लादेश को 1-0 से हराया. साल 2012 में भारत ने तीसरी बार नेहरु कप जीता. इस साल भारत में पहली बार फीफा महिला अंडर 17 विश्व कप आयोजित हुआ, जिसमें भारत की टीम अपने तीनों मैच हारकर बाहर हो गई. भारत ने विश्व कप के लिए क्वालीफाई नहीं किया था. लेकिन मेजबान होने के कारण फीफा विश्व कप में खेलना का मौका मिला था.

इसे भी पढ़ें- FIFA World Cup : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ विश्व कप उद्धघाटन समारोह में करेंगे शिरकत

भारत में 150 साल से फुटबॉल खेली जा रही है, लेकिन अभी तक फीफा विश्व कप के लिए टीम क्वालीफाई तक नहीं कर पाई है. इस बार भी भारतीय टीम फीफा में नहीं खेल रही है, लेकिन फुटबॉल को लेकर देशवासियों में जुनून कम नहीं है. फीफा विश्व कप 20 नवंबर से कतर में शुरू होगा, लेकिन इसको लेकर जोश भारत में भी कम नहीं हैं.

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