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हाई कोर्ट ने BFI को चुनाव कराने का निर्देश दिया

अदालत ने फैसले में कहा है कि महासंघ को चुनाव स्थगित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती, खासकर तब जब बीएफआई के ऊपर राष्ट्रीय खेल संहिता का पालन नहीं करने को लेकर भारत सरकार से अपनी मान्यता खत्म होने का खतरा है.

हाई कोर्ट
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Published : Dec 19, 2020, 1:59 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) के अध्यक्ष पद का चुनाव स्थगित करने के फैसले पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने शुक्रवार को बीएफआई कार्यकारी परिषद को विस्तार देने से इनकार कर दिया और महासंघ को चुनाव कराने का निर्देश दिया.

बीएफआई के चुनाव गुरुग्राम में 18 दिसम्बर को होने थे. लेकिन कोविड-19 सम्बंधी सुरक्षा कारणों के चलते इसके अध्यक्ष अजय सिंह ने इसे स्थगित कर दिया था, क्योंकि बीएफआई के अधिकतर राज्य संघों ने कोरोना महामारी को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की थी.

उत्तर प्रदेश मुक्केबाजी संघ ने चुनाव स्थगित कराने के अजय सिंह के फैसले को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश मुक्केबाजी संघ की याचिका सुनवाई करते हुए चुनाव को स्थगित करने के फैसले पर रोक लगा दी.

भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई)
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई)

अदालत ने फैसले में कहा कि महासंघ को चुनाव स्थगित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती, खासकर तब जब बीएफआई के ऊपर राष्ट्रीय खेल संहिता का पालन नहीं करने को लेकर भारत सरकार से अपनी मान्यता खत्म होने का खतरा है.

खेल मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार, प्रत्येक खेल महासंघ को खेल संहिता का अवश्य पालन होगा और 31 दिसंबर, 2020 से पहले अपने सभी चुनावों को कराना होगा.

उत्तर प्रदेश मुक्केबाजी संघ की ओर से अदालत में पेश हुए वकील शोहित चौधरी ने कहा, "अदालत ने कोविड-19 आशंकाओं का हवाला देते हुए पदाधिकारियों को तीन से छह महीने के लिए विस्तार देने से इनकार कर दिया और कहा कि चुनाव ई-वोटिंग के माध्यम से हो सकते हैं."

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए)
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए)

उन्होंने कहा, "न्यायालय ने साथ ही बीएफआई को 10 जनवरी 2021 तक चुनाव कार्यक्रम मुहैया कराने को कहा है."

बीएफआई ने इससे पहले कहा था कि 32 में से 23 राज्य संघों द्वारा कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता जाहिर की थी और इसे लेकर रिटर्निंग ऑफिसर राजेश टंडन को पत्र भी लिखा था. उनकी दलील थी कि बीएफआई के अधिकांश वोटिंग सदस्य 60 साल के ऊपर के हैं और ऐसे में उन्हें कोरोना होने का खतरा काफी अधिक है.

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने भी इस स्थगन को अपनी मंजूरी दे दी थी. बीएफआई के चुनाव इससे पहले सितंबर में होने थे, लेकिन कोरोना महामारी के कारण स्थगित कर दिए गए थे.

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) के अध्यक्ष पद का चुनाव स्थगित करने के फैसले पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने शुक्रवार को बीएफआई कार्यकारी परिषद को विस्तार देने से इनकार कर दिया और महासंघ को चुनाव कराने का निर्देश दिया.

बीएफआई के चुनाव गुरुग्राम में 18 दिसम्बर को होने थे. लेकिन कोविड-19 सम्बंधी सुरक्षा कारणों के चलते इसके अध्यक्ष अजय सिंह ने इसे स्थगित कर दिया था, क्योंकि बीएफआई के अधिकतर राज्य संघों ने कोरोना महामारी को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की थी.

उत्तर प्रदेश मुक्केबाजी संघ ने चुनाव स्थगित कराने के अजय सिंह के फैसले को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश मुक्केबाजी संघ की याचिका सुनवाई करते हुए चुनाव को स्थगित करने के फैसले पर रोक लगा दी.

भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई)
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई)

अदालत ने फैसले में कहा कि महासंघ को चुनाव स्थगित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती, खासकर तब जब बीएफआई के ऊपर राष्ट्रीय खेल संहिता का पालन नहीं करने को लेकर भारत सरकार से अपनी मान्यता खत्म होने का खतरा है.

खेल मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार, प्रत्येक खेल महासंघ को खेल संहिता का अवश्य पालन होगा और 31 दिसंबर, 2020 से पहले अपने सभी चुनावों को कराना होगा.

उत्तर प्रदेश मुक्केबाजी संघ की ओर से अदालत में पेश हुए वकील शोहित चौधरी ने कहा, "अदालत ने कोविड-19 आशंकाओं का हवाला देते हुए पदाधिकारियों को तीन से छह महीने के लिए विस्तार देने से इनकार कर दिया और कहा कि चुनाव ई-वोटिंग के माध्यम से हो सकते हैं."

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए)
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए)

उन्होंने कहा, "न्यायालय ने साथ ही बीएफआई को 10 जनवरी 2021 तक चुनाव कार्यक्रम मुहैया कराने को कहा है."

बीएफआई ने इससे पहले कहा था कि 32 में से 23 राज्य संघों द्वारा कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता जाहिर की थी और इसे लेकर रिटर्निंग ऑफिसर राजेश टंडन को पत्र भी लिखा था. उनकी दलील थी कि बीएफआई के अधिकांश वोटिंग सदस्य 60 साल के ऊपर के हैं और ऐसे में उन्हें कोरोना होने का खतरा काफी अधिक है.

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने भी इस स्थगन को अपनी मंजूरी दे दी थी. बीएफआई के चुनाव इससे पहले सितंबर में होने थे, लेकिन कोरोना महामारी के कारण स्थगित कर दिए गए थे.

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