हैदराबाद: भारतीय ओलंपिक इतिहास जितना स्वर्णिम दिखाई पड़ना चाहिए था उससे कई ज्यादा वो है क्योंकि उससे जुड़ी हैं कई खिलाड़ियों की मेहनत और लगन की कहानी. हालांकि आज तक भारत ने अमेरिकी तैराक माइकल फेल्प के बराबर ओलंपिक मेडल ही जीते हैं लेकिन जो एथलीट भारत के लिए मेडल नहीं जीत सकें उनकी मेहनत और जज्बे में कोई कमी नहीं देखने को मिली.
इस 121 साल लंबे इतिहास ने देश को कई महान एथलीट दिए जिसमें से किसी ने मेडल जीता तो किसी ने अपनी मेहनत और लगन से नाम कमाया. इस दौरान कई खिलाड़ी सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में से एक हो गए तो कई इस शोहरत की दुनियां में खो गए.
भारतीय ओलंपिक मेडल की ऑल टाइम टैली की बात करें तो आज तक भारत के झंडे के तहत कुल 28 मेडल आए हैं जिसकी लिस्ट कुछ इस प्रकार है.
1. 1900 पेरिस ओलंपिक, नॉरमैन गिलबर्ट प्रिचार्ड (सिल्वर) पुरूष 200 मीटर रेस
भारत के इस लंबे इतिहास की शुरूआत सन 1900 में हुई थी जब कलकत्ता में पैदा हुए ब्रिटिश मूल के नॉरमैन गिलबर्ट प्रिचार्ड ने पेरिस ओलंपिक 1900 में पुरूष 200 मीटर रेस में सिल्वर मेडल जीता था.
2. 1900 पेरिस ओलंपिक, नॉरमैन गिलबर्ट प्रिचार्ड (सिल्वर) पुरूष 200 मीटर हर्डल रेस
1900 पेरिस ओलंपिक में प्रिचार्ड ने पुरूष 200 मीटर में सिल्वर लाने के साथ-साथ पुरूष 200 मीटर हर्डल में भी सिल्वर मेडल जीता था. प्रिचार्ड द्वारा 2 सिल्वर मेडल जीतने पर वो भारत के अब तक के सबस सफल ट्रैक एंड फील्ड एथलीट बन गए थे.
3. 1928 एम्स्टर्डम ओलंपिक, भारतीय पुरूष हॉकी टीम (गोल्ड)
28 साल के इंतजार के बाद भारत ने अपना तीसरा ओलंपिक मेडल जीता वो भी गोल्ड. वहीं इस बार ये मेडल एक टीम इवेंट में आया था. जयपाल सिंह मुंडा के नेतृत्व में भारतीय हॉकी टीम ने फाइनल मुकाबले में नीदरलैंड को 3-0 से हराकर गोल्ड मेडल जीता था.
4. 1932 लॉस एंजलिस ओलंपिक, भारतीय पुरूष हॉकी टीम (गोल्ड)
डिफेंडिंग चैंपियन रही भारतीय हॉकी टीम ने एक बार फिर से अपने प्रदर्शन को दोहराते हुए 1932 ओंलपिक में जापान को 11-1 से हराकार गोल्ड मेडल जीता. इस दौरान भारतीय टीम का नेतृतव कर रहे थे लाल शाह बोखारी.
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5. 1936 बर्लिन ओलंपिक, भारतीय पुरूष हॉकी टीम (गोल्ड)
भारतीय हॉकी टीम ने इस ओलंपिक गोल्ड मेडल की हैट्रिक लगाई. वहीं इस ओलंपिक के फाइनल में भारत का सामना होस्ट जर्मनी से हो रहा था जिनको भारत ने 8-1 के फर्क से हराया था.
6. 1948 लंदन ओलंपिक, भारतीय पुरूष हॉकी टीम (गोल्ड)
1936 ओलंपिक के बाद 12 साल तक दूसरे विश्व युद्ध के चलते ओलंपिक नहीं हो सका वहीं 1948 में ओलंपिक की वापसी हुई. इस, दौरान एक लंबे गैप का असर भारतीय टीम के प्रदर्शन पर देखने को नहीं मिला. भारत ने ग्रेट ब्रिटेन को 4-0 से हराकर एक बार फिर गोल्ड मेडल अपने नाम किया वहीं इस बार भारत को अंग्रेजों से आजादी मिल चुकी थी इसलिए वो आजाद भारत के झंडे के अंदर खेल रहे थे.
7. 1952 हेलसिंकी ओलंपिक, भारतीय पुरूष हॉकी टीम (गोल्ड)
कुंवर दिग्विजय सिंह की अगुवाई में भारतीय टीम ने 1984 ओलंपिक में नीदरलैंड को 6-1 से हराकर पांचवी बार लगातार गोल्ड मेडल जीता.
8. 1952 हेलसिंकी ओलंपिक, केडी जाधव (ब्रॉंज) मेंस फ्री स्टाइल बैंटमवेट रेसलिंग (कुश्ती)
1952 ओलंपिक से पहले तक सिर्फ भारतीय हॉकी टीम ही ओलंपिक मेडल जीत रही थी वहीं इस ओलंपिक में पहली बार किसी खिलाड़ी ने आजाद भारत के लिए व्यक्तिगत मेडल जीता. केडी जाधव ने ब्रॉंज मेडल जीता वहीं ये मेडल कुश्ती में फ्री स्टाइल बैंटमवेट में आया.
9. 1956 मेलबर्न ओलंपिक, भारतीय हॉकी टीम (गोल्ड)
1948 के बाद 1956 में भारतीय हॉकी टीम ने फिर से रफ्तार पकड़ी. इस बार भारत का सामना पाकिस्तान से हुआ जहां भारत ने 1-0 से जीत हासिल कर गोल्ड मेडल अपने नाम किया.
10. 1960 रोम ओलंपिक, भारतीय हॉकी टीम (सिल्वर)
रोम ओलंपिक में पहली बार भारतीय हॉकी टीम ने पाकिस्तान की टीम के हाथों 1-0 से हार झेली जिसके बाद भारत के हाथ एक सिल्वर मेडल लगा.
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11. 1964 टोक्यो ओलंपिक, भारतीय हॉकी टीम (गोल्ड)
टोक्यो ओलंपिक में भारत ने फिर से जीत की राह पकड़ी और इस बार उन्होंने वापस से पाकिस्तान को 1-0 से हराकर मोहिंदर लाल की अगुवाई ने गोल्ड मेडल जीता.
12. 1968 मेक्सिको सिटी, भारतीय हॉकी टीम (ब्रॉन्ज)
1968 मेक्सिको सिटी में हुआ ओलंपिक इवेंट भारतीय हॉकी टीम के लिए इतिहास अनुसार सफल नहीं रहा क्योंकि वो इस बार न तो गोल्ड और न ही सिल्वर जीत सके. भारतीय टीम ने इस बार वेस्ट जर्मनी को 2-1 से हराकर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया.
13. 1972 म्युनिख, भारतीय हॉकी टीम (ब्रॉन्ज)
मेक्सिको सिटी के बाद म्युनिख में भी भारतीय टीम के प्रदर्शन में कोई खास इजाफा नहीं हुआ था वहीं इस बार भी उनके हाथ एक ब्रॉन्ज मेडल लगा. भारत ने प्ले ऑफ के मुकाबले में नीदरलैंड को 2-1 से हराया.
14. 1980 मोस्को, भारतीय हॉकी टीम (गोल्ड)
1980 में भारतीय हॉकी टीम ने मोस्को में स्पेन को 1-0 से हराकर गोल्ड मेडल जीता. इस टीम का नेतृत्व वासुदेवन भास्करन कर रहे थे.
15. 1996 एटलांटा ओलंपिक, लिएंडर पेस (ब्रॉन्ज), टेनिस मेंस सिंग्लस
16 साल के लंबे इंतजार के बाद भारत का ओलंपिक सुखा खत्म हुआ जब लिएंडर पेस ने टेनिस के मेंस सिंगल्स में ब्रॉन्ज जीता. लिएंडर ने उस मुकाबले में ब्राजील के फर्नेंडो को प्ले ऑफ मैच में 7-6, 6-3 से हराया.
16. 2000 सिडनी ओलंपिक, कर्णम मल्लेश्वरी (ब्रॉन्ज) महिला 69 किलो वेटलिफ्टिंग
2000 सिडनी ओलंपिक में वेटलिफ्टिंग में मेडल जीतकर मल्लेश्वरी भारत की पहली महिला ओलंपिक मेडलिस्ट बनीं.
17. 2004 एथेंस ओलंपिक (सिल्वर) मेंस डबल ट्रैप
भारत का पहला ओंलपिक मेडल शूटिंग में राज्यवर्धन सिंह राठौर के जरिए आया था जब वो मेंस डबल ट्रैप में सिल्वर लाए थे.
18. 2008 बीजिंग ओलंपिक, अभिनव बिंद्रा (गोल्ड) मेंस10 मीटर एयर राइफल
बीजिंग ओलंपिक में गोल्ड लाकर अभिनव पहले ऐसे खिलाड़ी बने जो भारत के लिए एकल इवेंट में गोल्ड लाए.
19. 2008 बीजिंग ओलंपिक, सुशील कुमार (ब्रॉन्ज) मेंस 66 किलो फ्री स्टाइल रेसलिंग
केडी जाधव के बाद करीब 56 साल के इंतजार के बाद सुशील कुमार ने कुश्ती में मेडल जीता. ये ओलंपिक इस कारण भी खास रहा क्योंकि भारत ने पहली बार किसी ओलंपिक में 3 मेडल जीते थे.
20. 2008 बीजिंग ओलंपिक, विजेंदर सिंह (ब्रॉन्ज) मेंस मीडिलवेट बॉक्सिंग
इस ओलंपिक से पहले बॉक्सिंग में भारत को कोई मेडल नहीं मिला था वहीं 2008 ओलंपिक में भारतीय फैंस की खुशी को ट्रिपल करते हुए विजेंदर ने मीडिलवेट बॉक्सिंग में ब्रॉन्ज जीता.
21. 2012 लंदन ओलंपिक, विजय कुमार (सिल्वर) मेंस 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल शूटिंग
बीजिंग में शूटिंग का पहला मेडल आने के बाद लंदन ओलंपिक में भी शूटिंग से विजय कुमार का पहला सिल्वर मेडल आया. विजय ने 25 मीटर मेंस रैपिड फायर पिस्टल इवेंट में भारत के लिए सफलता हासिल की.
22. 2012 लंदन ओलंपिक, गगन नारंग (ब्रॉन्ज) मेंस 10 मीटर एयर राइफल
विजय कुमार के बाद गगन नारंग ने ब्रॉन्ज पर अपना निशाना लगाया और उन्हें सफलता हासिल हुई है.
23. 2012 लंदन ओलंपिक, साइना नेहवाल (ब्रॉन्ज) वूमेंस सिंगल्स बैडमिंटन
कर्णम मल्लेश्वरी के बाद बैडमिंटन सिंगल्स में ब्रॉन्ज जीतकर साइना नेहवाल ओलंपिक मेडल जीतने वाली दूसरी महिला खिलाड़ी बनीं.
24. 2012 लंदन ओलंपिक, मैरी कॉम (ब्रॉन्ज) फ्लाईवेट कैटगरी बॉक्सिंग
बॉक्सिंग की दुनिया में अपनी मेहनत से नाम कमाने वाली मैरी कॉम ने 2012 लंदन ओलंपिक में ब्रॉन्ज जीतकर भारत के लिए लंदन ओलंपिक को एक सफल ओलंपिक बनाया.
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25. 2012 लंदन ओलंपिक, सुशील कुमार (सिल्वर) मेंस 66 किलो फ्री स्टाइल रेसलिंग
भारतीय ओलंपिक इतिहास में पहली बार कोई व्यक्तिगत खेल में अपने प्रदर्शन को दोहरा पाया और वो कारमाना कर दिखाया सुशील कुमार ने. सुशील ने 2008 बीजिंग ओलंपिक में मेडल जीतने के बाद लंदन ओलंपिक में भी मेडल जीता.
26. 2012 लंदन ओलंपिक, योगेश्वर दत्त (ब्रॉन्ज) मेंस 60 किलो फ्री स्टाइल
शूटिंग के बाद पहली बार भारत में किसी स्पोर्ट में 2 मेडल आए और ये खेल था रेसलिंग. भारत की ओर से दूसरा ओलंपिक मेडल लाए योगेश्वर दत्त.
27. 2016 रियो ओलंपिक, साक्षी मलिक (ब्रॉन्ज) महिला 58 किलो फ्री स्टाइल रेसलिंग
2012 लंदन ओलंपिक में अपार सफलता मिलने के बाद 2016 ओलंपिक में भारत के एथलीटों में मेडल की भूख बढ़ गई लेकिन इस ओलंपिक खिलाड़ी पिछले ओलंपिक की तरह सफल नहीं हो पाए. हालांकि साक्षी मलिक ने अपना काम किया और वो महिला 58 किलो फ्री स्टाइल रेसलिंग में ब्रॉन्ज जीतने में कामयाब हुईं.
28. 2016 रियो ओलंपिक, पीवी सिंधु (सिल्वर) महिला बैडमिंटन सिंगल्स
साइना नेहवाल 2012 ओलंपिक के अपने ओलंपिक प्रदर्शन को दोहरा न सकीं लेकिन पीवी सिंधु ने बैडमिंटन में सिल्वर लाकर बैडमिंटन और 2016 रियो ओलंपिक में भारत का दूसरा ओलंपिक मेडल अपने नाम किया.
---राजसी स्वरूप