नई दिल्ली : सुधांशु मित्तल ने एफआईएच सीईओ थिलेरी वेल को पत्र में लिखा है कि उनका पहला पत्र अनुशासन आयुक्त गोर्डन नर्स के लिए था. मित्तल ने इसमें कहा था कि बत्रा आईओए और एफआईएच के अध्यक्ष पद के लिए योग्य नहीं हैं.
एफआईएच के नियमों का उल्लंघन है
मित्तल ने इस संबंध में एफआईएच को पत्र भी लिखा था. एफआईच इंटीग्रिटी यूनिट चेयरमैन व्यान स्नेल ने एक बयान जारी कर कहा था कि वो बत्रा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं, लेकिन मित्तल ने कहा है कि स्नेल के बयान की कोई अहमियत नहीं है.
मित्तल ने अपने पत्र में लिखा, "स्नेल के बयान की कोई अहमियत नहीं है क्योंकि मैंने बत्रा के 2016 में एफआईएच अध्यक्ष बनने पर सवाल नहीं किए थे. मेरी शिकायत 2017 में तथ्यों को गलत तरीके से पेश करने को लेकर थी जो एफआईएच के नियमों का उल्लंघन है."
उन्होंने लिखा, "मैं समझ सकता हूं कि आपको उस शिकायत पर इंटीग्रिटी अफसर के बयान को जारी करने की इतनी जल्दी क्यों थी जिसे अनुशासन समिति के कमिश्नर को भेजा गया था. सिर्फ इसलिए कि स्नेल ने बयान दिया है, इसे यह सही नहीं बना देता. इंटीग्रिटी यूनिट द्वारा जारी किए गए बयान की कोई अहमियत नहीं है. ये आंख में धूल झोंकने का अच्छा प्रयास था."
मित्तल ने लिखा, "मैं अभी भी कह रहा हूं कि मेरी शिकायत एफआईएच के नियमों के मुताबिक अनुशासन आयुक्त के पास भेजी गई थी और इसकी नियमों के अनुसार निपटारा होना चाहिए. मैं ये साफ कर देना चाहता हूं कि ये सच और न्याय के लिए अपील करने की आखिरी संस्था नहीं है."