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EXCLUSIVE : इस बार पहलवानों से ओलंपिक में ज्यादा मेडल लाने की उम्मीद : कृपा शंकर बिश्नोई

पूर्व भारतीय राष्ट्रीय कुश्ती कोच कृपा शंकर से ईटीवी भारत ने ओलंपिक की तैयारियों और पदक की उम्मीदों को लेकर खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि बजरंग पूनिया से स्वर्ण पदक की उम्मीद है. ऐसा अनुमान है कि ओलंपिक में इस बार भारतीय दल सबसे बड़ा जाएगा. क्योंकि आगे आने वाले टूर्नामेंट में और अन्य पुरुष और महिला रेसलर अपना ओलंपिक में जाने का टिकट पक्का करेंगे.

Exclusive interview with Coach Kripa Shankar Patel Bishnoi
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Published : Oct 17, 2019, 7:48 PM IST

Updated : Oct 17, 2019, 8:02 PM IST

आगरा : पूर्व इंडियन नेशनल कुश्ती कोच कृपा शंकर से ईटीवी भारत ने ओलंपिक की तैयारियों और उम्मीद को लेकर चर्चा की तो उन्होंने कहा कि, अभी तक भारत के 4 खिलाड़ियों को ओलंपिक का टिकट मिल गया है. जिसमें बजरंग पूनिया, दीपक पूनिया, रवि कुमार और महिला रेसलर वीनेश फोगाट शामिल हैं. वीनेश में बहुत संभावनाएं हैं. जबकि, भारतीय इस बार ओलंपिक में बजरंग पूनिया को लेकर स्वर्ण पदक की आस लगाए हुए हैं. 2020 में ओलंपिक टोक्यो में होगा.

पूर्व भारतीय नेशनल कुश्ती कोच कृपा शंकर बिश्नोई से ईटीवी भारत से खास बातचीत

भारतीय पहलवानों से 2020 टोक्यो ओलंपिक में क्या उम्मीद है?

अर्जुन अवार्डी कृपा शंकर ने कहा, ''2020 टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पहलवानों से बहुत ज्यादा उम्मीद है. क्योंकि लगातार तीन ओलंपिक से भारतीय पहलवान मेडल ला रहे हैं. फिर चाहे साल 2008 का ओलंपिक, 2012 का ओलंपिक और 2016 का रहा है. इसलिए इस ओलंपिक में उम्मीद ज्यादा है और हमारे पहलवानों ने हाल में ही कजाकिस्तान में हुई वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप में बहुत ही शानदार प्रदर्शन किया है.

चार पहलवान बजरंग पूनिया, दीपक पूनिया, रवि कुमार और वूमेन रेसलर वीनेश को ओलंपिक का टिकट मिला है. अभी और टूर्नामेंट रह गए हैं. जिसमें अन्य भारतीय पहलवानों को ओलंपिक का टिकट मिलेगा. संभावना ये है कि इस बार जो ओलंपिक भारतीय दल जाएगा उसमें पहलवानों का दल सबसे बड़ा होगा.

Ravi kumar
रवि कुमार

हरियाणा और पंजाब के अलावा दूसरे राज्यों से पहलवान क्यों नहीं आ रहे हैं, इसकी क्या वजह है?



अर्जुन अवार्डी कृपा शंकर ने बताया कि पहलवानों पर खान-पान और जलवायु का भी बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है. हरियाणा और पंजाब में खानपान का बहुत बड़ा चलन है. वहां पर दूध, दही और घी खाने पर ज्यादा जोर दिया जाता है. हरियाणा और पंजाब की सरकार है पहलवानों के लिए बहुत काम करती हैं. जबकि, दूसरे राज्यों में ऐसा नहीं है. दूसरे राज्यों कुश्ती और पहलवान तभी ज्यादा निकलेंगे. जब उन्हें सुविधाएं दी जाएंगी. दूसरे राज्यों की सरकारों को भी हरियाणा और पंजाब सरकार की तरह खिलाड़ियों को सुविधाएं देनी चाहिए. इसी से ही कुश्ती और पहलवानों दोनों को बढ़ावा मिलेगा.

दंगल से कुश्ती में कैसे बूम आया और दंगल में क्या भूमिका रही है?

कृपा शंकर ने बताया कि, आमिर खान प्रोडक्शन से मुझे कॉल आया. मैंने नेशनल कुश्ती कोच से इस्तीफा दे दिया. क्योंकि आमिर खान दंगल मूवी बना रहे थे, जो कुश्ती पर आधारित थी. मैं वहां गया तो मैंने देखा कि पहले से ही उन्होंने सारे नियम कायदे लिख रखे थे लेकिन कुश्ती लय नहीं थी. कुश्ती की लय पाने के लिए आमिर खान और उसमें गीता, बबीता का रोल करने वाली दोनों ही अभिनेत्रियों ने नेशनल स्तर के खिलाड़ियों के साथ एक साल तक अभ्यास किया और जब उनमें पहलवान जैसे गुण गए. हाव-भाव आ गए.

Sakshi Malik
साक्षी मलिक

अब अगला लक्ष्य ओलम्पिक क्वॉलीफायर : लवलिना



उसके बाद ही फिर फिल्म की शूटिंग शुरू हुई. जिसका प्रणाम आप फिल्म को देखने पर साफ दिखाई देता है दंगल मूवी कह सकते हैं कि महिला खिलाड़ियों के लिए ऐसी किशोरियों के लिए बहुत बड़ा संदेश है. जो कुश्ती लड़ना चाहती हैं, लेकिन किन्हीं बंदिशों की वजह से अखाड़े तक नहीं पहुंच पाती है. अगर अखाड़ों की बात की जाए तो दंगल मूवी के बाद महिला पहलवानों की संख्या भी अखाड़ों में बढ़ी है.


ओलंपिक में 3 बार से लगातार पहलवान मेडल ला रहे हैं. तो इस बार उम्मीद ज्यादा है. पहलवान बजरंग पूनिया, दीपक पूनिया, रवि कुमार और महिला रेसलर वीनेश फोगाट को ओलंपिक का टिकट मिल गया और दूसरे पहलवान कतार में हैं.

आगरा : पूर्व इंडियन नेशनल कुश्ती कोच कृपा शंकर से ईटीवी भारत ने ओलंपिक की तैयारियों और उम्मीद को लेकर चर्चा की तो उन्होंने कहा कि, अभी तक भारत के 4 खिलाड़ियों को ओलंपिक का टिकट मिल गया है. जिसमें बजरंग पूनिया, दीपक पूनिया, रवि कुमार और महिला रेसलर वीनेश फोगाट शामिल हैं. वीनेश में बहुत संभावनाएं हैं. जबकि, भारतीय इस बार ओलंपिक में बजरंग पूनिया को लेकर स्वर्ण पदक की आस लगाए हुए हैं. 2020 में ओलंपिक टोक्यो में होगा.

पूर्व भारतीय नेशनल कुश्ती कोच कृपा शंकर बिश्नोई से ईटीवी भारत से खास बातचीत

भारतीय पहलवानों से 2020 टोक्यो ओलंपिक में क्या उम्मीद है?

अर्जुन अवार्डी कृपा शंकर ने कहा, ''2020 टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पहलवानों से बहुत ज्यादा उम्मीद है. क्योंकि लगातार तीन ओलंपिक से भारतीय पहलवान मेडल ला रहे हैं. फिर चाहे साल 2008 का ओलंपिक, 2012 का ओलंपिक और 2016 का रहा है. इसलिए इस ओलंपिक में उम्मीद ज्यादा है और हमारे पहलवानों ने हाल में ही कजाकिस्तान में हुई वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप में बहुत ही शानदार प्रदर्शन किया है.

चार पहलवान बजरंग पूनिया, दीपक पूनिया, रवि कुमार और वूमेन रेसलर वीनेश को ओलंपिक का टिकट मिला है. अभी और टूर्नामेंट रह गए हैं. जिसमें अन्य भारतीय पहलवानों को ओलंपिक का टिकट मिलेगा. संभावना ये है कि इस बार जो ओलंपिक भारतीय दल जाएगा उसमें पहलवानों का दल सबसे बड़ा होगा.

Ravi kumar
रवि कुमार

हरियाणा और पंजाब के अलावा दूसरे राज्यों से पहलवान क्यों नहीं आ रहे हैं, इसकी क्या वजह है?



अर्जुन अवार्डी कृपा शंकर ने बताया कि पहलवानों पर खान-पान और जलवायु का भी बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है. हरियाणा और पंजाब में खानपान का बहुत बड़ा चलन है. वहां पर दूध, दही और घी खाने पर ज्यादा जोर दिया जाता है. हरियाणा और पंजाब की सरकार है पहलवानों के लिए बहुत काम करती हैं. जबकि, दूसरे राज्यों में ऐसा नहीं है. दूसरे राज्यों कुश्ती और पहलवान तभी ज्यादा निकलेंगे. जब उन्हें सुविधाएं दी जाएंगी. दूसरे राज्यों की सरकारों को भी हरियाणा और पंजाब सरकार की तरह खिलाड़ियों को सुविधाएं देनी चाहिए. इसी से ही कुश्ती और पहलवानों दोनों को बढ़ावा मिलेगा.

दंगल से कुश्ती में कैसे बूम आया और दंगल में क्या भूमिका रही है?

कृपा शंकर ने बताया कि, आमिर खान प्रोडक्शन से मुझे कॉल आया. मैंने नेशनल कुश्ती कोच से इस्तीफा दे दिया. क्योंकि आमिर खान दंगल मूवी बना रहे थे, जो कुश्ती पर आधारित थी. मैं वहां गया तो मैंने देखा कि पहले से ही उन्होंने सारे नियम कायदे लिख रखे थे लेकिन कुश्ती लय नहीं थी. कुश्ती की लय पाने के लिए आमिर खान और उसमें गीता, बबीता का रोल करने वाली दोनों ही अभिनेत्रियों ने नेशनल स्तर के खिलाड़ियों के साथ एक साल तक अभ्यास किया और जब उनमें पहलवान जैसे गुण गए. हाव-भाव आ गए.

Sakshi Malik
साक्षी मलिक

अब अगला लक्ष्य ओलम्पिक क्वॉलीफायर : लवलिना



उसके बाद ही फिर फिल्म की शूटिंग शुरू हुई. जिसका प्रणाम आप फिल्म को देखने पर साफ दिखाई देता है दंगल मूवी कह सकते हैं कि महिला खिलाड़ियों के लिए ऐसी किशोरियों के लिए बहुत बड़ा संदेश है. जो कुश्ती लड़ना चाहती हैं, लेकिन किन्हीं बंदिशों की वजह से अखाड़े तक नहीं पहुंच पाती है. अगर अखाड़ों की बात की जाए तो दंगल मूवी के बाद महिला पहलवानों की संख्या भी अखाड़ों में बढ़ी है.


ओलंपिक में 3 बार से लगातार पहलवान मेडल ला रहे हैं. तो इस बार उम्मीद ज्यादा है. पहलवान बजरंग पूनिया, दीपक पूनिया, रवि कुमार और महिला रेसलर वीनेश फोगाट को ओलंपिक का टिकट मिल गया और दूसरे पहलवान कतार में हैं.

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पूर्व इंडियन राष्ट्रीय कुश्ती कोच कृपा शंकर से ईटीवी भारत ने ओलंपिक की तैयारियों और पदक की उम्मीदों को लेकर खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि बजरंग पूनिया से स्वर्ण पदक की उम्मीद है. ऐसा अनुमान है कि ओलंपिक में इस बार भारतीय दल सबसे बड़ा जाएगा. क्योंकि आगे आने वाले टूर्नामेंट में और अन्य पुरुष और महिला रेसलर अपना ओलंपिक में जाने का टिकट पक्का करेंगे.





आगरा : पूर्व इंडियन नेशनल कुश्ती कोच कृपा शंकर से ईटीवी भारत ने ओलंपिक की तैयारियों और उम्मीद को लेकर चर्चा की तो उन्होंने कहा कि, अभी तक भारत के 4 खिलाड़ियों को ओलंपिक का टिकट मिल गया है. जिसमें बजरंग पूनिया, दीपक पूनिया, रवि कुमार और महिला रेसलर वीनेश फोगाट शामिल हैं. वीनेश में बहुत संभावनाएं हैं. जबकि, भारतीय इस बार ओलंपिक में बजरंग पूनिया को लेकर के स्वर्ण पदक की आस लगाए हुए हैं. 2020 में ओलंपिक टोक्यो में होगा



भारतीय पहलवानों से 2020 टोक्यो ओलंपिक में क्या उम्मीद है?



अर्जुन अवार्डी कृपा शंकर ने कहा, ''2020 टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पहलवानों से बहुत ज्यादा उम्मीद है. क्योंकि लगातार तीन ओलंपिक से भारतीय पहलवान मेडल ला रहे हैं. फिर चाहे साल 2008 का ओलंपिक, 2012 का ओलंपिक और 2016 का रहा है. इसलिए इस ओलंपिक में उम्मीद ज्यादा है और हमारे पहलवानों ने हाल में ही कजाकिस्तान में हुई वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप में बहुत ही शानदार प्रदर्शन किया है.

चार पहलवान बजरंग पूनिया, दीपक पूनिया, रवि कुमार और वूमेन रेसलर वीनेश को ओलंपिक का टिकट मिला है. अभी और टूर्नामेंट रह गए हैं. जिसमें अन्य भारतीय पहलवानों को ओलंपिक का टिकट मिलेगा. संभावना ये है कि इस बार जो ओलंपिक भारतीय दल जाएगा उसमें पहलवानों का दल सबसे बड़ा होगा.



हरियाणा और पंजाब के अलावा दूसरे राज्यों से पहलवान क्यों नहीं आ रहे हैं, इसकी क्या वजह है?





अर्जुन अवार्डी कृपा शंकर ने बताया कि पहलवानों पर खान-पान और जलवायु का भी बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है. हरियाणा और पंजाब में खानपान का बहुत बड़ा चलन है. वहां पर दूध, दही और घी खाने पर ज्यादा जोर दिया जाता है. हरियाणा और पंजाब की सरकार है पहलवानों के लिए बहुत काम करती हैं. जबकि, दूसरे राज्यों में ऐसा नहीं है. दूसरे राज्यों कुश्ती और पहलवान तभी ज्यादा निकलेंगे. जब उन्हें सुविधाएं दी जाएंगी. दूसरे राज्यों की सरकारों को भी हरियाणा और पंजाब सरकार की तरह खिलाड़ियों को सुविधाएं देनी चाहिए. इसी से ही कुश्ती और पहलवानों दोनों को बढ़ावा मिलेगा.



दंगल से कुश्ती में कैसे बूम आया और दंगल में क्या भूमिका रही है?



कृपा शंकर ने बताया कि, आमिर खान प्रोडक्शन से मुझे कॉल आया. मैंने नेशनल कुश्ती कोच से इस्तीफा दे दिया. क्योंकि आमिर खान दंगल मूवी बना रहे थे, जो कुश्ती पर आधारित थी. मैं वहां गया तो मैंने देखा कि पहले से ही उन्होंने सारे नियम कायदे लिख रखे थे लेकिन कुश्ती लय नहीं थी. कुश्ती की लय पाने के लिए आमिर खान और उसमें गीता, बबीता का रोल करने वाली दोनों ही अभिनेत्रियों ने नेशनल स्तर के खिलाड़ियों के साथ एक साल तक अभ्यास किया और जब उनमें पहलवान जैसे गुण गए. हाव-भाव आ गए.





उसके बाद ही फिर फिल्म की शूटिंग शुरू हुई. जिसका प्रणाम आप फिल्म को देखने पर साफ दिखाई देता है दंगल मूवी कह सकते हैं कि महिला खिलाड़ियों के लिए ऐसी किशोरियों के लिए बहुत बड़ा संदेश है. जो कुश्ती लड़ना चाहती हैं, लेकिन किन्हीं बंदिशों की वजह से अखाड़े तक नहीं पहुंच पाती है. अगर अखाड़ों की बात की जाए तो दंगल मूवी के बाद महिला पहलवानों की संख्या भी अखाड़ों में बढ़ी है.





ओलंपिक में 3 बार से लगातार पहलवान मेडल ला रहे हैं. तो इस बार उम्मीद ज्यादा है. पहलवान बजरंग पूनिया, दीपक पूनिया, रवि कुमार और महिला रेसलर वीनेश फोगाट को ओलंपिक का टिकट मिल गया और दूसरे पहलवान कतार में हैं.


Conclusion:
Last Updated : Oct 17, 2019, 8:02 PM IST
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