हैदराबाद: पीएम नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ही नहीं, स्टार क्रिकेटर, सेलिब्रिटीज और राजनेता भारतीय बैडमिंटन टीम की वाहवाही कर रहे थे. क्योंकि बात ही ऐसी थी. टीम इंडिया ने इंडोनेशिया को यानी 14 बार की चैंपियन को एकतरफा मुकाबले में हरा दिया था. उसे 3-0 से चित करते हुए थॉमस कप 2022 की ट्रॉफी जीतकर तिरंगे का मान बढ़ाया था.
इस टीम में पांच सूरमा थे. किदांबी श्रीकांत, एचएस प्रणय, लक्ष्य सेन, सात्विक साईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी. इन सभी ने पहली बार थॉमस कप भारत लाकर अपना नाम इतिहास में दर्ज करा दिया. किदांबी श्रीकांत की जितनी तारीफ की जाए, कम होगी. पूर्व वर्ल्ड नंबर वन शटलर भारतीय खिताबी अभियान के दौरान छह बार कोर्ट उतरा और क्या मजाल है जो कोई विपक्षी खिलाड़ी उनके अंगद के पांव हिला पाया हो. हर मैच में जीत दर्ज की.
ऑडियो के जरिए सुने किदांबी श्रीकांत से बातचीत के कुछ अंश...
शटलर श्रीकांत ने कहा, कुछ भी विशिष्ट नहीं था, जिसको मैं बता सकूं. क्योंकि हर कोई वास्तव में अच्छा खेल रहा था. इसलिए, मुझे बस इतना कहना है कि अंत तक लड़ना है और फिर एक टीम के रूप में खेलना है. एक दूसरे का समर्थन भी करते रहना है. साथ ही खुद पर विश्वास करना है कि हम ऐसा कर सकते हैं और मैच के अंत तक सकारात्मक रहना जरूरी है. सब अच्छा खेल रहे थे, इसलिए मुझे इतना कुछ बताने की जरूरत नहीं थी.
किदांबी ने कहा, मुझे इतना सोचने की जरूरत नहीं थी. क्योंकि मैं खेल रहा था और यह वास्तव में एक करीबी मैच था. हमारे पास इतना समय है. मैं सिर्फ इस बात के बारे में सोच रहा था कि मुझे जीतना है.
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