इटावा: भारत के लिए कई बार गोल्ड, सिल्वर और कांस्य पदक जीतने वाले पैरालंपिक खिलाड़ी अजीत सिंह यादव ने चीन में आयोजित एशियाई पैरा खेलों में भाला फेंक में एक और कांस्य पदक जीता है. वहीं, एटा के रहने वाले पुष्पेंद्र सिंह ने भी भाला फेंक प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता है.
दिव्यांग अजीत सिंह यादव की इस ऐतिहासिक सफलता पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित कई बड़ी हस्तियों ने ट्वीट कर उन्हें शुभकामनाएं दी हैं. यही नहीं, अजीत ने कांस्य पदक जीतकर अपने जिले का ही नहीं, बल्कि देश का नाम भी रोशन किया है. उनकी इस सफलता पर परिवार के लोगों के साथ ही उनके चाहने वालों में खुशी की लहर है.
तहसील क्षेत्र अंतर्गत ग्राम नगला विधी (साम्हों) के मूल निवासी पैरालंपिक एथलीट अजीत सिंह यादव ने 25 अक्टूबर को चीन के हांगझोऊ में आयोजित एशियाई पैरा खेलों में भाला फेंक एफ-46 में प्रतिभाग किया था. दोस्त की जान बचाने की खातिर रेल दुर्घटना में अपना एक हाथ गंवाने वाले एथलेटिक्स खिलाड़ी अजीत ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करके 63.52 मीटर भाला फेंककर उक्त स्पर्धा में तृतीय स्थान प्राप्त किया. इसी के साथ उन्होंने भारत को एक बार पुनः कांस्य पदक जिताया. इससे पूर्व भी अजीत सिंह यादव ने विभिन्न विश्वस्तरीय भाला फेंक प्रतियोगिताओं में कई गोल्ड, सिल्वर और कांस्य पदक जीतकर भारत को एक अलग पहचान दिलाई है.
वहीं, एटा के निवासी पुष्पेंद्र सिंह ने भी एशियाई पैरा खेलों में भाला फेंक में कांस्य पदक जीता है. पुष्पेंद्र सिंह ने भी बचपन से ही संघर्ष किया. उनको लगभग तीन साल की उम्र में पैर कमजोर हो गए थे. इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपनी मेहनत से आज यह मुकाम हासिल किया. पुष्पेंद्र की उम्र 23 वर्ष है. पुष्पेंद्र सिंह 62.06 मीटर भाला फेंककर यह कांस्य पदक जीता है. पुष्पेंद्र सिंह के तीन बड़े भाई हैं. तीनों फौजी हैं. पुष्पेंद्र के पिता जुगेंद्र यादव किसान हैं. उनकी इच्छा थी कि उनके सभी बेटे फौजी बने.
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