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ओलंपिक रद होने पर छलका दुती चंद का दर्द, कहा- पैसा, समय सब बर्बाद हो गया -  दुती चंद

भारत की शीर्ष फर्राटा धाविका दुती चंद ने कहा, मैंने मार्च से जून तक जर्मनी में अभ्यास के बाद सीधे टोक्यो जाने की सोची थी लेकिन सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया."

Dutee Chand
Dutee Chand
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Published : Apr 30, 2020, 4:47 PM IST

Updated : Apr 30, 2020, 6:10 PM IST

नई दिल्ली: "कोरोना महामारी से ओलंपिक की तैयारियों पर खर्च हुआ मेरा पूरा पैसा, समय सब बर्बाद हो गया और अब मुझे नए सिरे से शुरूआत के लिए मदद मिलेगी या नहीं, यह भी तय नहीं है", यह कहना है एशियाई खेलों की दोहरी रजत पदक विजेता भारत की शीर्ष फर्राटा धाविका दुती चंद का.

कोरोनावायरस महामारी और उसके बाद दुनिया भर में लागू लॉकडाउन के कारण खेल ठप होने से न सिर्फ ओडिशा की इस एथलीट की तैयारियों को झटका लगा बल्कि कोचों और विदेश में प्रशिक्षण की व्यवस्था पर अपनी जेब से तीस लाख रूपये भी खर्च करना पड़ा.

Dutee Chand, Tokyo Olympics
दुती चंद

दुती ने भुवनेश्वर से भाषा को दिए इंटरव्यू में कहा, "मैं अक्टूबर से एक टीम बनाकर अभ्यास कर रही थी जिसमें कोच, सहायक कोच, ट्रेनर, रनिंग पार्टनर समेत 10 सदस्यों की टीम थी और हर महीने उन पर साढे चार लाख रूपये खर्च हो रहा था जिसमें मेरी खुराक भी शामिल थी. अब तक 30 लाख रूपये खर्च कर चुकी हूं."

जकार्ता एशियाई खेल 2018 में 100 मीटर की रजत पदक विजेता दुती खेल मंत्रालय की टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) का हिस्सा नहीं है. उनका प्रायोजन ओडिशा सरकार और केआईआईटी कर रहे थे लेकिन वह टोक्यो ओलंपिक 2020 तक ही था.

ओलंपिक स्थगित होने के बाद मौजूदा हालात को देखते हुए उसके आगे जारी रहने पर भी दुती को संदेह है. ओडिशा माइनिंग कॉरपोरेशन में कार्यरत इस एथलीट ने कहा, "कोरोना महामारी के कारण देश प्रदेश ही नहीं, दुनिया की अर्थव्यवस्था चरमरा रही है. अब मूलभूत सुविधाओं पर पूरा फोकस है और ऐसे में आगे प्रायोजन मिलेगा या नहीं, कुछ कह नहीं सकते."

Dutee Chand, Tokyo Olympics
टोक्यो ओलंपिक

उन्होंने कहा, "मैनें जर्मनी में तीन महीने अभ्यास के लिए हवाई टिकट बुक करा ली थी जिसका पैसा वापिस नहीं मिला. इसके अलावा वहां 20 लाख रूपये अग्रिम दे दिया था जो अभी तक वापिस नहीं मिला."

दुती ने यह भी कहा कि अभ्यास रूकने से उनकी लय भी टूट गई है और अब उन्हें रफ्तार पकड़ने में छह महीने लगेंगे.

उन्होंने कहा, "हमारा अभ्यास शेड्यूल ऐसा था कि अक्टूबर से धीरे धीरे रफ्तार पकड़ते हैं और मार्च से कड़ा अभ्यास शुरू होता है जबकि अप्रैल में पूरी रफ्तार पकड़ लेते हैं. मैने मार्च से जून तक जर्मनी में अभ्यास के बाद सीधे टोक्यो जाने की सोची थी लेकिन सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया."

Dutee Chand, Tokyo Olympics
दुती चंद

उन्होंने कहा कि अगले साल ओलंपिक होंगे या नहीं, इसे लेकर भी संशय की स्थिति है. दुती ने कहा, "अभी तक कोरोना महामारी का प्रभाव कम नहीं हुआ है और ना ही इसकी कोई वैक्सीन बनी है. मुझे नहीं लगता कि वैक्सीन आने तक कोई खेल होगा. विदेश जाने का तो सवाल ही नहीं होता और भारत में एथलेटिक्स के अभ्यास के लिए उतनी सुविधाएं नहीं हैं और ना ही कोई बड़ा टूर्नामेंट होना है."

उन्होंने कहा कि ओलंपिक क्वालीफिकेशन के लिए विदेशों में तैयारी बहुत जरूरी है. दुती ने कहा, "जितने भी भारतीय एथलीटों ने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है, विदेशों में तैयारी के दम पर ही किया है चाहे वह नीरज चोपड़ा (भालाफेंक) हो या 400 रिले टीम हो."

नई दिल्ली: "कोरोना महामारी से ओलंपिक की तैयारियों पर खर्च हुआ मेरा पूरा पैसा, समय सब बर्बाद हो गया और अब मुझे नए सिरे से शुरूआत के लिए मदद मिलेगी या नहीं, यह भी तय नहीं है", यह कहना है एशियाई खेलों की दोहरी रजत पदक विजेता भारत की शीर्ष फर्राटा धाविका दुती चंद का.

कोरोनावायरस महामारी और उसके बाद दुनिया भर में लागू लॉकडाउन के कारण खेल ठप होने से न सिर्फ ओडिशा की इस एथलीट की तैयारियों को झटका लगा बल्कि कोचों और विदेश में प्रशिक्षण की व्यवस्था पर अपनी जेब से तीस लाख रूपये भी खर्च करना पड़ा.

Dutee Chand, Tokyo Olympics
दुती चंद

दुती ने भुवनेश्वर से भाषा को दिए इंटरव्यू में कहा, "मैं अक्टूबर से एक टीम बनाकर अभ्यास कर रही थी जिसमें कोच, सहायक कोच, ट्रेनर, रनिंग पार्टनर समेत 10 सदस्यों की टीम थी और हर महीने उन पर साढे चार लाख रूपये खर्च हो रहा था जिसमें मेरी खुराक भी शामिल थी. अब तक 30 लाख रूपये खर्च कर चुकी हूं."

जकार्ता एशियाई खेल 2018 में 100 मीटर की रजत पदक विजेता दुती खेल मंत्रालय की टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) का हिस्सा नहीं है. उनका प्रायोजन ओडिशा सरकार और केआईआईटी कर रहे थे लेकिन वह टोक्यो ओलंपिक 2020 तक ही था.

ओलंपिक स्थगित होने के बाद मौजूदा हालात को देखते हुए उसके आगे जारी रहने पर भी दुती को संदेह है. ओडिशा माइनिंग कॉरपोरेशन में कार्यरत इस एथलीट ने कहा, "कोरोना महामारी के कारण देश प्रदेश ही नहीं, दुनिया की अर्थव्यवस्था चरमरा रही है. अब मूलभूत सुविधाओं पर पूरा फोकस है और ऐसे में आगे प्रायोजन मिलेगा या नहीं, कुछ कह नहीं सकते."

Dutee Chand, Tokyo Olympics
टोक्यो ओलंपिक

उन्होंने कहा, "मैनें जर्मनी में तीन महीने अभ्यास के लिए हवाई टिकट बुक करा ली थी जिसका पैसा वापिस नहीं मिला. इसके अलावा वहां 20 लाख रूपये अग्रिम दे दिया था जो अभी तक वापिस नहीं मिला."

दुती ने यह भी कहा कि अभ्यास रूकने से उनकी लय भी टूट गई है और अब उन्हें रफ्तार पकड़ने में छह महीने लगेंगे.

उन्होंने कहा, "हमारा अभ्यास शेड्यूल ऐसा था कि अक्टूबर से धीरे धीरे रफ्तार पकड़ते हैं और मार्च से कड़ा अभ्यास शुरू होता है जबकि अप्रैल में पूरी रफ्तार पकड़ लेते हैं. मैने मार्च से जून तक जर्मनी में अभ्यास के बाद सीधे टोक्यो जाने की सोची थी लेकिन सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया."

Dutee Chand, Tokyo Olympics
दुती चंद

उन्होंने कहा कि अगले साल ओलंपिक होंगे या नहीं, इसे लेकर भी संशय की स्थिति है. दुती ने कहा, "अभी तक कोरोना महामारी का प्रभाव कम नहीं हुआ है और ना ही इसकी कोई वैक्सीन बनी है. मुझे नहीं लगता कि वैक्सीन आने तक कोई खेल होगा. विदेश जाने का तो सवाल ही नहीं होता और भारत में एथलेटिक्स के अभ्यास के लिए उतनी सुविधाएं नहीं हैं और ना ही कोई बड़ा टूर्नामेंट होना है."

उन्होंने कहा कि ओलंपिक क्वालीफिकेशन के लिए विदेशों में तैयारी बहुत जरूरी है. दुती ने कहा, "जितने भी भारतीय एथलीटों ने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है, विदेशों में तैयारी के दम पर ही किया है चाहे वह नीरज चोपड़ा (भालाफेंक) हो या 400 रिले टीम हो."

Last Updated : Apr 30, 2020, 6:10 PM IST
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