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तैराकी में कमाल करने वाली 'जलपरी' का सपना देश के लिए गोल्ड जीतना

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Published : Jan 12, 2022, 7:04 PM IST

उत्तराखंड की दिशा भंडारी का सपना देश के लिए भी गोल्ड जीतना है. फिलहाल, इसके लिए दिशा लगातार तैयारी कर रही हैं.

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Swimming player Disha Bhandari

देहरादून: तैराकी में कई राज्य एवं राष्ट्रीय मेडल जीत चुकी राष्ट्रीय तैराक उत्तराखंड की दिशा भंडारी का अब देश के लिए भी गोल्ड जीतना चाहती हैं. दिशा खुद को कॉमनवेल्थ, एशियन गेम्स और ओलम्पिक के लिए तैयार कर रही हैं.

दिशा का कहना है कि देश ने हमें बहुत कुछ दिया है. इसलिए वो देश को गौरवान्वित करने वाला क्षण देना चाहती हैं. मूल रूप से पौड़ी निवासी दिशा भंडारी ने 10 साल की उम्र से तैराकी शुरू की और 12 साल की उम्र में पहली राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में गोल्ड जीता. राज्य स्तरीय तैराकी प्रतियोगिताओं में दिशा अब तक 20 से ज्यादा रिकॉर्ड तोड़ चुकी हैं.

राष्ट्रीय तैराकी प्रतियोगिताओं में भी दिशा सिल्वर जीत चुकी हैं, लेकिन दिशा का लक्ष्य ओलम्पिक में देश के लिए गोल्ड जीतने का है, जिसके लिए वह बेहद सख्त नियमों के साथ अपनी तैयारी कर रही हैं. दिशा को यूपी की सर्वश्रेष्ठ तैराकी का खिताब भी मिला है.

यह भी पढ़ें: IPL 2022: ऑक्शन से पहले इस तारीख को अहमदाबाद और लखनऊ की टीम को देने होंगे खिलाड़ियों के नाम

दिशा भंडारी ने साल 2019 में राजकोट में हुए जूनियर नेशनल में दिशा सिल्वर मेडल जीता. जबकि इंटर डीपीएस नेशनल प्रतियोगिता में पांच गोल्ड मेडल अपने नाम किए. बेंगलुरु में साल 2021 में हुई सीनियर नेशनल प्रतियोगिता में दिशा ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया. इसके अलावा भी वे कई प्रतियोगिताओं में अपना लोहा मनवा चुकी हैं.

वर्तमान में दिशा ग्रेटर नोएडा में रह रही हैं. मिशन शक्ति अभियान तीन के नायिका इवेंट के तहत राष्ट्रीय तैराक दिशा को एक दिन के लिए मुख्य विकास अधिकारी भी बनाया गया था. दिशा कहती हैं कि युवा अपनी ऊर्जा को देश हित में लगाएं, ताकि आने वाले समय में हमें ज्यादा से ज्यादा गोल्ड जीतने वाले खिलाड़ी मिले.

यह भी पढ़ें: देखना चाहती हूं मेरा शरीर और कितनी चोट झेल सकता है: साइना नेहवाल

बचपन में कहते थे सब जलपरी

दिशा ने बताया कि जब वह तीन साल की थीं, तब उनका परिवार बेंगलुरु में रहता था. यहां सोसाइटी में काफी बड़े स्विमिंग पूल होते हैं. बतौर दिशा, मेरी मां ने मुझे बताया कि बचपन में मैं अपने भाई को देखकर तैराकी करता देख बहुत उत्सुक होती थी.

यह भी पढ़ें: करीब 7 साल बाद IPL में वापसी का मन बना रहे हैं Mitchell Starc

जैसे ही मेरी मां की नजर मुझसे हटती थी मैं दौड़ती हुई स्विमिंग पूल के पास जाती थी और डुबकी मार देती थी. पानी में जाना मुझे बहुत पसंद था. इसलिए आसपास के सभी लोगों ने मेरा नाम जलपरी रख दिया. लेकिन हकीकत में मैं एक दिन तैराकी बनूंगी, ये किसी ने नहीं सोचा था.

देहरादून: तैराकी में कई राज्य एवं राष्ट्रीय मेडल जीत चुकी राष्ट्रीय तैराक उत्तराखंड की दिशा भंडारी का अब देश के लिए भी गोल्ड जीतना चाहती हैं. दिशा खुद को कॉमनवेल्थ, एशियन गेम्स और ओलम्पिक के लिए तैयार कर रही हैं.

दिशा का कहना है कि देश ने हमें बहुत कुछ दिया है. इसलिए वो देश को गौरवान्वित करने वाला क्षण देना चाहती हैं. मूल रूप से पौड़ी निवासी दिशा भंडारी ने 10 साल की उम्र से तैराकी शुरू की और 12 साल की उम्र में पहली राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में गोल्ड जीता. राज्य स्तरीय तैराकी प्रतियोगिताओं में दिशा अब तक 20 से ज्यादा रिकॉर्ड तोड़ चुकी हैं.

राष्ट्रीय तैराकी प्रतियोगिताओं में भी दिशा सिल्वर जीत चुकी हैं, लेकिन दिशा का लक्ष्य ओलम्पिक में देश के लिए गोल्ड जीतने का है, जिसके लिए वह बेहद सख्त नियमों के साथ अपनी तैयारी कर रही हैं. दिशा को यूपी की सर्वश्रेष्ठ तैराकी का खिताब भी मिला है.

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वर्तमान में दिशा ग्रेटर नोएडा में रह रही हैं. मिशन शक्ति अभियान तीन के नायिका इवेंट के तहत राष्ट्रीय तैराक दिशा को एक दिन के लिए मुख्य विकास अधिकारी भी बनाया गया था. दिशा कहती हैं कि युवा अपनी ऊर्जा को देश हित में लगाएं, ताकि आने वाले समय में हमें ज्यादा से ज्यादा गोल्ड जीतने वाले खिलाड़ी मिले.

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बचपन में कहते थे सब जलपरी

दिशा ने बताया कि जब वह तीन साल की थीं, तब उनका परिवार बेंगलुरु में रहता था. यहां सोसाइटी में काफी बड़े स्विमिंग पूल होते हैं. बतौर दिशा, मेरी मां ने मुझे बताया कि बचपन में मैं अपने भाई को देखकर तैराकी करता देख बहुत उत्सुक होती थी.

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जैसे ही मेरी मां की नजर मुझसे हटती थी मैं दौड़ती हुई स्विमिंग पूल के पास जाती थी और डुबकी मार देती थी. पानी में जाना मुझे बहुत पसंद था. इसलिए आसपास के सभी लोगों ने मेरा नाम जलपरी रख दिया. लेकिन हकीकत में मैं एक दिन तैराकी बनूंगी, ये किसी ने नहीं सोचा था.

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