नई दिल्ली : भारतीय मुक्केबाज एम सी मैरीकोम 51 किग्रा भारवर्ग के सेमीफाइनल में मिली हार से निराश थी लेकिन उन्होंने कहा कि उन्हें विश्व चैम्पियनिशप अभियान में अपने प्रदर्शन पर गर्व है जिससे अगले साल दूसरा ओलंपिक पदक जीतने का उनका भरोसा मजबूत हो गया है.
छत्तीस साल की इस महिला मुक्केबाज ने कांस्य से विश्व चैम्पियनशिप में अपना आठवां पदक हासिल किया जिससे वे एमेच्योर विश्व चैम्पियनशिप के इतिहास में सबसे सफल मुक्केबाज बन गई है.
छह बार की विश्व चैम्पियन मुक्केबाज ने कहा कि वे सेमीफाइनल में यूरोपीय चैम्पियनशिप और यूरोपीय खेलों की स्वर्ण पदक विजेता तुर्की की बुसेनाज काकिरोग्लू से 1-4 से पराजय झेलनी पड़ी.
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उन्होंने कहा, 'मैं ये सोच ही नहीं पा रही कि मेरे साथ ऐसा होगा. मैं बहुत हैरान हूं. मैरीकोम ने कहा, मुझे लगता है कि मैंने अभी तक अच्छा प्रदर्शन किया है. अब ये परफेक्ट हो गया है, हां ये अनमोल ही है.'
उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि मैंने 51 किग्रा में इस विश्व चैम्पियनशिप में सही सतुंलन हासिल किया. मैं जानती थी कि मुझे कितना प्रयास करने की जरूरत थी, रणनीति और योजनायें भी काफी सही रहीं.'
मैरीकोम ने कहा, 'ओलंपिक की योजनाओं के संबंध में इससे चीजें मेरे लिये आसा हो गयी हैं. मैं जिन मुक्केबाजों से यहां भिड़ी हूं, उनसे कभी भी नहीं भिड़ी थी. और मुझे लगता है कि उन्हें हराना इतना मुश्किल भी नहीं था.'