ETV Bharat / sports

Covid-19: थाइलैंड में फंसा ये भारतीय तैराक, मिला चोट से उबरने का अतिरिक्त समय

सजन प्रकाश ने कहा, 'मैं अभ्यास के सिलसिले में 12 फरवरी को फुकेट आया था. मैं यहां आराम से हूं. मुझे फिना से स्कॉलरशिप मिली है इसलिए मुझे किसी तरह की परेशानी नहीं है.'

author img

By

Published : Apr 15, 2020, 6:47 PM IST

Sajan Prakash
Sajan Prakash

नई दिल्ली: लॉकडाउन के कारण थाइलैंड के फुकेट स्थित अभ्यास केंद्र में फंसे भारतीय तैराक सजन प्रकाश को कोविड-19 महामारी के कारण प्रतियोगिताएं रद या स्थगित होने से चोट से उबरने का अतिरिक्त समय मिल गया है.

सजन तैराकी प्रतियोगिताओं की तैयारी के सिलसिले में फरवरी में फुकेट गए थे. उन्हें ओलंपिक के लिए 'ए' क्वॉलिफाइंग मानदंड हासिल करने की उम्मीद थी लेकिन देश में लॉकडाउन के कारण वह स्वदेश नहीं लौट पाए.

सजन ने कहा, 'मैं फुकेट में हूं और यहां सुरक्षित हूं'. यह भारतीय तैराक विभिन्न देशों के 18 अन्य तैराकों के साथ तान्यापुरा अकादमी में हैं. सजन को अंतरराष्ट्रीय तैराकी महासंघ (फिना) से स्कॉलरशिप मिली थी.

Sajan Prakash
सजन प्रकाश

उन्होंने कहा, 'मैं अभ्यास के सिलसिले में 12 फरवरी को यहां आया था. मैं यहां आराम से हूं. मुझे फिना से स्कॉलरशिप मिली है इसलिए मुझे किसी तरह की परेशानी नहीं है.'

सजन चार साल पहले रियो ओलिंपिक में भाग लेने वाले एकमात्र भारतीय तैराक थे.

उन्होंने पिछले साल ग्वांग्जू विश्व चैंपियनशिप में तोक्यो ओलिंपिक खेलों के लिए 'बी' क्वॉलिफाइंग मानदंड हासिल किया था लेकिन अगले साल तक स्थगित कर दिए गए खेलों में जगह बनाने के लिए उन्हें एक मिनट 56.48 सेकेंड या इससे कम समय निकालकर 'ए' मानदंड हासिल करना होगा.

Sajan Prakash, FINA
फिना

इस 26 वर्षीय तैराक ने गर्दन की चोट से उबरने के बाद वापसी की थी और वह इन दिनों पूरी तरह फिट होने पर ध्यान दे रहे हैं.

सजन ने कहा, 'नवंबर से जनवरी तक मैं गर्दन की चोट से परेशान रहा. मैंने ठीक होने पर अभी तैराकी शुरू ही की थी. मुझे हाथ में थोड़ी कमजोरी महसूस हो रही थी लेकिन मैंने अभ्यास जारी रखा. मैं अपनी फिटनेस सुधारने पर ध्यान दे रहा हूं. मैं भाग्यशाली हूं (जो मुझे चोट से उबरने का समय मिला).'

केरल का यह तैराक पिछले एक महीने से स्विमिंग पूल में नहीं उतरा है लेकिन अभ्यास के लिए उन्होंने दूसरे तरीके अपना लिए हैं.

Sajan Prakash
तैराकी प्रतियोगिता
सजन ने कहा, 'स्विमिंग पूल से दूर रहना बहुत मुश्किल है. मैं 17 मार्च के बाद स्विमिंग पूल में नहीं उतरा. कोच ने हमें हाथों को हिलाते रहने के लिए कहा है इसलिए हम हवा से फुलाकर तैयार किए जाने वाले स्विमिंग पूल का उपयोग कर रहे हैं. हम उसमें तैराकी का अभ्यास करते हैं. यह कंधों के लिए अच्छा है और इससे वापसी करने पर चोट की संभावना भी कम हो जाएगी.'

नई दिल्ली: लॉकडाउन के कारण थाइलैंड के फुकेट स्थित अभ्यास केंद्र में फंसे भारतीय तैराक सजन प्रकाश को कोविड-19 महामारी के कारण प्रतियोगिताएं रद या स्थगित होने से चोट से उबरने का अतिरिक्त समय मिल गया है.

सजन तैराकी प्रतियोगिताओं की तैयारी के सिलसिले में फरवरी में फुकेट गए थे. उन्हें ओलंपिक के लिए 'ए' क्वॉलिफाइंग मानदंड हासिल करने की उम्मीद थी लेकिन देश में लॉकडाउन के कारण वह स्वदेश नहीं लौट पाए.

सजन ने कहा, 'मैं फुकेट में हूं और यहां सुरक्षित हूं'. यह भारतीय तैराक विभिन्न देशों के 18 अन्य तैराकों के साथ तान्यापुरा अकादमी में हैं. सजन को अंतरराष्ट्रीय तैराकी महासंघ (फिना) से स्कॉलरशिप मिली थी.

Sajan Prakash
सजन प्रकाश

उन्होंने कहा, 'मैं अभ्यास के सिलसिले में 12 फरवरी को यहां आया था. मैं यहां आराम से हूं. मुझे फिना से स्कॉलरशिप मिली है इसलिए मुझे किसी तरह की परेशानी नहीं है.'

सजन चार साल पहले रियो ओलिंपिक में भाग लेने वाले एकमात्र भारतीय तैराक थे.

उन्होंने पिछले साल ग्वांग्जू विश्व चैंपियनशिप में तोक्यो ओलिंपिक खेलों के लिए 'बी' क्वॉलिफाइंग मानदंड हासिल किया था लेकिन अगले साल तक स्थगित कर दिए गए खेलों में जगह बनाने के लिए उन्हें एक मिनट 56.48 सेकेंड या इससे कम समय निकालकर 'ए' मानदंड हासिल करना होगा.

Sajan Prakash, FINA
फिना

इस 26 वर्षीय तैराक ने गर्दन की चोट से उबरने के बाद वापसी की थी और वह इन दिनों पूरी तरह फिट होने पर ध्यान दे रहे हैं.

सजन ने कहा, 'नवंबर से जनवरी तक मैं गर्दन की चोट से परेशान रहा. मैंने ठीक होने पर अभी तैराकी शुरू ही की थी. मुझे हाथ में थोड़ी कमजोरी महसूस हो रही थी लेकिन मैंने अभ्यास जारी रखा. मैं अपनी फिटनेस सुधारने पर ध्यान दे रहा हूं. मैं भाग्यशाली हूं (जो मुझे चोट से उबरने का समय मिला).'

केरल का यह तैराक पिछले एक महीने से स्विमिंग पूल में नहीं उतरा है लेकिन अभ्यास के लिए उन्होंने दूसरे तरीके अपना लिए हैं.

Sajan Prakash
तैराकी प्रतियोगिता
सजन ने कहा, 'स्विमिंग पूल से दूर रहना बहुत मुश्किल है. मैं 17 मार्च के बाद स्विमिंग पूल में नहीं उतरा. कोच ने हमें हाथों को हिलाते रहने के लिए कहा है इसलिए हम हवा से फुलाकर तैयार किए जाने वाले स्विमिंग पूल का उपयोग कर रहे हैं. हम उसमें तैराकी का अभ्यास करते हैं. यह कंधों के लिए अच्छा है और इससे वापसी करने पर चोट की संभावना भी कम हो जाएगी.'
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.