हैदराबाद: भारत की सबसे तेज स्प्रिंटर दुती चंद को टोक्यो ओलंपिक के टलने की वजह से फंड की कमी का सामना करना पड़ रहा है. इस बीच अपने प्रशिक्षण खर्चों को पूरा करने के लिए वे अपनी बेशकीमती बीएमडब्ल्यू बेचना चाहती हैं. दुती चंद ने 2015 में 30 लाख रुपये में बीएमडब्ल्यू 3 सीरीज की कार खरीदी थी.
उन्होंने टोक्यो ओलंपिक की ट्रेनिंग के लिए राज्य सरकार और स्पॉन्सर्स की तरफ से मिला सारा पैसा खर्च कर दिया. इस बीच कोविड-19 महामारी के कारण गेम्स एक साल के लिए टाल दिए गए. ऐसे में उनके पास ट्रेनिंग के लिए फंड नहीं है.
दुती ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "अभी तक मेरी ट्रेनिंग अच्छी चल रही है. मैं भुवनेश्वर में ट्रेनिंग कर रही हूं. पहले टोक्यो ओलंपिक की ट्रेनिंग के लिए फंड की दिक्कत नहीं थी, क्योंकि गेम्स जुलाई में होने वाले थे. इस बीच कोरोनावायरस के कारण ओलंपिक को टालना पड़ गया. मुझे स्पॉन्सर्स से ट्रेनिंग के लिए जो भी पैसे मिले थे, वह खत्म हो गए."
दुती ने आगे कहा, "अब मुझे ट्रेनिंग के लिए फंड की जरूरत है, लेकिन कोरोना के कारण मुझे स्पॉन्सर्स ढूंढने में परेशानी आ रही है. इसलिए मैंने ट्रेनिंग का खर्चा निकालने के लिए अपनी कार बेचने का फैसला किया है."
दुती को इसी साल अर्जुन अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 ने खेल पर भारी प्रभाव डाला है और प्रायोजक इस समय उनका सपॉर्ट करने के लिए तैयार नहीं हैं.
उन्होंने कहा, "कोरोना वायरस के मुश्किल समय में सरकार से पैसा मांगना अच्छा नहीं लग रहा. इस वायरस ने हम सभी को प्रभावित किया है. फिलहाल कोई टूर्नामेंट नहीं है तो स्पॉन्सर्स नहीं मिल पा रहे हैं."
दो बार के एशियाई खेलों की रजत पदक विजेता 24 वर्षीय स्प्रिंटर का मानना है कि सर्वश्रेष्ठ फिटनेस स्तर हासिल करने में लगभग 7 महीने लगेंगे. उन्होंने कहा, 'ऐथलीटों की फिटनेस को कोरोनो वायरस ने प्रभावित किया है. ओलंपिक एक वर्ष के लिए स्थगित कर दिया गया. लॉकडाउन में हम सभी घर पर रहने को मजबूर हुए. अब फिटनेस पाने में 6-7 महीने लग जाएंगे.
उन्होंने साथ ही बताया कि कोरोनो वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण दो महीने के ब्रेक के बाद 25 मई को से कलिंगा स्टेडियम में अपना प्रशिक्षण फिर से शुरू किया.