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चीन ने शीतकालीन ओलंपिक के बहिष्कार पर विचार करने पर अमेरिका पर निशाना साधा - china beijing olympics boycott

अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के राजनयिक बहिष्कार से इस आयोजन की भव्यता प्रभावित हो सकती है क्योंकि उनके मानवाधिकारों के मुद्दे पर उनका आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल वहां से अनुपस्थित रहेगा.

China hits out at US for considering boycott of Winter Olympics
China hits out at US for considering boycott of Winter Olympics
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Published : Nov 20, 2021, 1:50 PM IST

बीजिंग: मानवाधिकारों के हनन को लेकर आगामी शीतकालीन ओलंपिक खेलों के राजनयिक बहिष्कार पर विचार करने के लिए चीन ने शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की आलोचना करते हुए कहा कि वाशिंगटन अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहा है.

बाइडेन ने व्हाइट हाउस (अमेरिका के राष्ट्रपति का आवास और कार्यालय) में गुरुवार को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, "हम इस पर विचार कर रहे हैं."

बाइडेन की ये टिप्पणी सोमवार को चीन के उनके समकक्ष शी जिनपिंग के साथ ऑनलाइन शिखर सम्मेलन के कुछ दिनों बाद आई है. इस दौरान दोनों नेताओं ने कहा कि उन्हें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए और शांति से सह-अस्तित्व में रहना चाहिए.

बीजिंग अगले साल फरवरी में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए शानदार तैयारी कर रहा है.

ये आयोजन बीजिंग को ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन ओलंपिक दोनों की मेजबानी करने वाला दुनिया का एकमात्र शहर बनाता है. इसने 2008 में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की मेजबानी की.

ये भी पढ़ें- रोहित-राहुल के तूफान में उड़ा न्यूजीलैंड, श्रृंखला में 2-0 से अजेय बढ़त

इस आयोजन से बीजिंग ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन ओलंपिक दोनों की मेजबानी करने वाला दुनिया का इकलौता शहर बना जायेगा. इस शहर ने 2008 में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की मेजबानी की.

अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के राजनयिक बहिष्कार से इस आयोजन की भव्यता प्रभावित हो सकती है क्योंकि उनके मानवाधिकारों के मुद्दे पर उनका आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल वहां से अनुपस्थित रहेगा.

अमेरिका और यूरोपीय संघ के देशों ने चीन पर शिनजियांग में उइगुर मुसलमानों के खिलाफ व्यापक मानवाधिकार के आरोपों का आरोप लगाया है, जो बहुसंख्यक हान चीन लोगों की बढ़ती बस्तियों का विरोध कर रहे थे. वे हांगकांग और तिब्बत में मानवाधिकार की स्थिति के भी आलोचक हैं.

बाइडेन की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने शुक्रवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि शिनजियांग का मामला पूरी तरह से चीन का आंतरिक मामला है, जिसमें किसी भी तरह से कोई विदेशी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं किया जायेगा.’’

उन्होंने कहा कि अमेरिका ने ‘तथाकथित बंधुआ मजदूर और नरसंहार’ के बारे में चीन पर झूठे आरोप लगाए.

उन्होंने कहा, "चीन के लोगों की नजर में वे हंसी के पात्र से ज्यादा कुछ नहीं है और अमेरिका द्वारा लगाए गए अन्य आरोप बिल्कुल निराधार हैं."

उन्होंने कहा, "मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि शीतकालीन पैरालंपिक और ओलंपिक खेल दुनिया भर के खिलाड़ियों के लिए खेल का एक मंच हैं."

प्रवक्ता ने कहा, "इसका राजनीतिकरण ओलंपिक आंदोलन और सभी एथलीटों के हितों को सिर्फ नुकसान पहुंचाएगा. हमें विश्वास है कि संयुक्त प्रयासों से हम निश्चित रूप से विश्व के सामने सुव्यवस्थित, शानदार और सुरक्षित खेल पेश करेंगे और ओलंपिक खेलों को आगे बढ़ाएंगे."

बीजिंग: मानवाधिकारों के हनन को लेकर आगामी शीतकालीन ओलंपिक खेलों के राजनयिक बहिष्कार पर विचार करने के लिए चीन ने शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की आलोचना करते हुए कहा कि वाशिंगटन अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजन का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहा है.

बाइडेन ने व्हाइट हाउस (अमेरिका के राष्ट्रपति का आवास और कार्यालय) में गुरुवार को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा, "हम इस पर विचार कर रहे हैं."

बाइडेन की ये टिप्पणी सोमवार को चीन के उनके समकक्ष शी जिनपिंग के साथ ऑनलाइन शिखर सम्मेलन के कुछ दिनों बाद आई है. इस दौरान दोनों नेताओं ने कहा कि उन्हें एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए और शांति से सह-अस्तित्व में रहना चाहिए.

बीजिंग अगले साल फरवरी में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए शानदार तैयारी कर रहा है.

ये आयोजन बीजिंग को ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन ओलंपिक दोनों की मेजबानी करने वाला दुनिया का एकमात्र शहर बनाता है. इसने 2008 में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की मेजबानी की.

ये भी पढ़ें- रोहित-राहुल के तूफान में उड़ा न्यूजीलैंड, श्रृंखला में 2-0 से अजेय बढ़त

इस आयोजन से बीजिंग ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन ओलंपिक दोनों की मेजबानी करने वाला दुनिया का इकलौता शहर बना जायेगा. इस शहर ने 2008 में ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की मेजबानी की.

अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के राजनयिक बहिष्कार से इस आयोजन की भव्यता प्रभावित हो सकती है क्योंकि उनके मानवाधिकारों के मुद्दे पर उनका आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल वहां से अनुपस्थित रहेगा.

अमेरिका और यूरोपीय संघ के देशों ने चीन पर शिनजियांग में उइगुर मुसलमानों के खिलाफ व्यापक मानवाधिकार के आरोपों का आरोप लगाया है, जो बहुसंख्यक हान चीन लोगों की बढ़ती बस्तियों का विरोध कर रहे थे. वे हांगकांग और तिब्बत में मानवाधिकार की स्थिति के भी आलोचक हैं.

बाइडेन की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने शुक्रवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि शिनजियांग का मामला पूरी तरह से चीन का आंतरिक मामला है, जिसमें किसी भी तरह से कोई विदेशी हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं किया जायेगा.’’

उन्होंने कहा कि अमेरिका ने ‘तथाकथित बंधुआ मजदूर और नरसंहार’ के बारे में चीन पर झूठे आरोप लगाए.

उन्होंने कहा, "चीन के लोगों की नजर में वे हंसी के पात्र से ज्यादा कुछ नहीं है और अमेरिका द्वारा लगाए गए अन्य आरोप बिल्कुल निराधार हैं."

उन्होंने कहा, "मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि शीतकालीन पैरालंपिक और ओलंपिक खेल दुनिया भर के खिलाड़ियों के लिए खेल का एक मंच हैं."

प्रवक्ता ने कहा, "इसका राजनीतिकरण ओलंपिक आंदोलन और सभी एथलीटों के हितों को सिर्फ नुकसान पहुंचाएगा. हमें विश्वास है कि संयुक्त प्रयासों से हम निश्चित रूप से विश्व के सामने सुव्यवस्थित, शानदार और सुरक्षित खेल पेश करेंगे और ओलंपिक खेलों को आगे बढ़ाएंगे."

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