रायपुर: टोक्यो ओलंपिक में तलवारबाजी (फेसिंग) में अपना जलवा दिखाने वाली चेन्नई की रहने वाली भवानी देवी शनिवार को रायपुर यूनियन क्लब पहुंचीं. भवानी ने टोक्यो ओलंपिक के पहले राउंड में जीत के साथ आगाज किया था. हालांकि, अगले मुकाबले में मिली हार की वजह से वे अंतिम 16 खिलाड़ियों में जगह नहीं बना पाई थीं.
रायपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए भवानी देवी ने कहा, मानसून टेनिस टूर्नार्मेंट का आज समापन हुआ है. इसमें 45 से 65 प्लस सीनियर्स सिटीजन ने इस खेल में भाग लिया, जिसमें कई सीनियर विजेता भी रहे, जिनका आज सम्मान किया गया.
उन्होंने कहा, यह बहुत अच्छी योजना है. यह खेल सीनियर सिटीजन के लिए आयोजित किया गया. इससे आज की जनरेशन को भी काफी कुछ सीखने को मिलेगा.
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वहीं यूनियन क्लब के अध्यक्ष गुरुचरण सिंह होरा ने कहा, देश की आन-बान-शान भवानी देवी आज रायपुर पहुंची हैं, जिन्होंने आज मानसून टेनिस गेम्स के सीनियर सिटीजन का सम्मान किया.
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भारत की पहली एथलीट, जिसने हारकर भी रचा इतिहास
ओलंपिक में भारत की महिला तलवारबाज भवानी देवी ने हारकर भी इतिहास रचा. भवानी देवी भारत की तरफ से ओलंपिक में भाग लेने वाली पहली तलवारबाज थीं. वहीं टेबल ऑफ 64 के मैच में ट्यूनिशिया के खिलाफ जीत दर्ज करके वे भारत के लिए ओलंपिक में तलवारबाजी का मुकाबला जीतने वाली पहली एथलीट भी बन गई हैं.
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बता दें, भवानी दुनिया में 42वें नंबर की खिलाड़ी हैं. शुरुआत कॉमनवेल्थ खेलों में ब्रॉन्ज मेडल के साथ हुई. ये बात है साल 2009 की है. फिर इंटरनेशनल ओपन, कैडेट एशियन चैम्पियनशिप, अंडर-23 एशियन चैम्पियनशिप समेत कई टूनार्मेंट्स में भवानी ने मेडल्स अपने नाम किए. वह अंडर- 23 में एशियन जीतने वाली पहली भारतीय हैं.