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गीता और बबीता की ममेरी बहन रितिका के आत्महत्या से पहले उनकी आखिरी बाउट का VIDEO आया सामने

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Published : Mar 17, 2021, 4:36 PM IST

लोहागढ़ स्टेडियम में 12 मार्च से 14 मार्च तक आयोजित हुए राजस्थान राज्य स्तरीय कुश्ती प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले में उपविजेता रही चूरू की पहलवान रितिका ने अपने फूफा महावीर सिंह फोगाट के घर चरखी दादरी में आत्महत्या कर ली. रितिका करीब 5 साल से अपने फूफा महावीर सिंह फोगाट के घर पर बने अखाड़े में प्रशिक्षण ले रहीं थीं.

bharatpur final match exclusive video after which wrestler ritika commites suicide
bharatpur final match exclusive video after which wrestler ritika commites suicide

भरतपुर: फोगाट बहनें गीता और बबीता की ममेरी बहन रितिका ने आत्महत्या कर ली है. इस घटना को लेकर भरतपुर के जिला खेल अधिकारी सत्य प्रकाश लुहाच ने कहा है कि यहां प्रतियोगिता पूरी तरह से निष्पक्ष रूप से आयोजित हुई थी और खिलाड़ी खुशी-खुशी घर गई थी. वहां पर माता-पिता की डांट, फटकार या अन्य किसी वजह से खिलाड़ी ने आत्महत्या करने का कदम उठाया जो कि खेल के लिए बहुत ही बुरी बात है.

हालांकि आत्महत्या का कारण इस बाउट में रितिका को मिली हार ही है ये अभी तक तय नहीं हुआ है लेकिन ये माना जा रहा है कि रितिका कि बाउट में हुए विवाद के बाद हार घोषित की गई जिसके चलते उन्होंने घर जाकर ये कदम उठाया.

पहलवान रितिका की आखिरी फाइट

6 मिनट तक चला था फाइनल मुकाबला...

14 मार्च को 53 किलो भार वर्ग में चूरू की रितिका का मुकाबला भीलवाड़ा की मायामाली से हुआ था. यह मुकाबला करीब 6 मिनट तक चला था. मुकाबले के दौरान कुछ प्वाइंटों को लेकर कुछ देर तक विवाद भी हुआ था. जिसके बाद महावीर सिंह फोगाट की मध्यस्थता के चलते निर्णायकों ने भीलवाड़ा की खिलाड़ी को विजेता और चूरू की रितिका को उपविजेता घोषित किया था.

हार-जीत एक सिक्के के दो पहलू...

जिला खेल अधिकारी सत्य प्रकाश लुहाच ने कहा कि पूरी प्रतियोगिता निष्पक्ष रूप से आयोजित हुई थी. प्रतियोगिता में रितिका और मायामाली के बीच मुकाबला हुआ था. उप विजेता रही खिलाड़ी रितिका यहां से इनाम लेकर खुशी-खुशी घर गई थीं, लेकिन वहां जाकर उसने इस तरह का गलत कदम उठाया, जो खेल के लिए ठीक नहीं है. खेल अधिकारी सत्य प्रकाश ने कहा कि एक पहलवान अपनी जिंदगी में कई मुकाबले लड़ता है. किसी में हारता है तो किसी में जीतता है. हार और जीत खेल में चलती रहती है, लेकिन खिलाड़ी को कभी भी अपना मनोबल कमजोर नहीं पड़ने देना चाहिए.

भरतपुर के जिला खेल अधिकारी सत्य प्रकाश लुहाच ने मामले पर दिया अपना बयान

पढ़ें : भरतपुर में दंगल का फाइनल हारी पहलवान बबीता फोगाट की ममेरी बहन, हरियाणा में जाकर की खुदकुशी

हर दिन लेते हैं मोटिवेशनल क्लास...

जिला खेल अधिकारी सत्य प्रकाश ने बताया कि खिलाड़ियों को मोटिवेट करने के लिए लोहागढ़ स्टेडियम में हर दिन 1 घंटे की मोटिवेशन क्लास चलती है. इसमें हम खिलाड़ियों को डिप्रेशन से बचने के लिए प्रोत्साहित करते हैं और जिंदगी में पूरे जोश खरोश के साथ खेलने के लिए मोटिवेट करते हैं.

गौरतलब है कि लोहागढ़ में आयोजित हुई कुश्ती प्रतियोगिता की उपविजेता रितिका 15 मार्च को वापस अपने फूफा पहलवान महावीर फोगाट के अखाड़े में पहुंच गई और रात को ही अपने कमरे में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी. रितिका राजस्थान के झुंझुनूं जिले की रहने वाली थी, लेकिन इस राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में वह चूरू जिले का प्रतिनिधित्व कर रही थी.

भरतपुर: फोगाट बहनें गीता और बबीता की ममेरी बहन रितिका ने आत्महत्या कर ली है. इस घटना को लेकर भरतपुर के जिला खेल अधिकारी सत्य प्रकाश लुहाच ने कहा है कि यहां प्रतियोगिता पूरी तरह से निष्पक्ष रूप से आयोजित हुई थी और खिलाड़ी खुशी-खुशी घर गई थी. वहां पर माता-पिता की डांट, फटकार या अन्य किसी वजह से खिलाड़ी ने आत्महत्या करने का कदम उठाया जो कि खेल के लिए बहुत ही बुरी बात है.

हालांकि आत्महत्या का कारण इस बाउट में रितिका को मिली हार ही है ये अभी तक तय नहीं हुआ है लेकिन ये माना जा रहा है कि रितिका कि बाउट में हुए विवाद के बाद हार घोषित की गई जिसके चलते उन्होंने घर जाकर ये कदम उठाया.

पहलवान रितिका की आखिरी फाइट

6 मिनट तक चला था फाइनल मुकाबला...

14 मार्च को 53 किलो भार वर्ग में चूरू की रितिका का मुकाबला भीलवाड़ा की मायामाली से हुआ था. यह मुकाबला करीब 6 मिनट तक चला था. मुकाबले के दौरान कुछ प्वाइंटों को लेकर कुछ देर तक विवाद भी हुआ था. जिसके बाद महावीर सिंह फोगाट की मध्यस्थता के चलते निर्णायकों ने भीलवाड़ा की खिलाड़ी को विजेता और चूरू की रितिका को उपविजेता घोषित किया था.

हार-जीत एक सिक्के के दो पहलू...

जिला खेल अधिकारी सत्य प्रकाश लुहाच ने कहा कि पूरी प्रतियोगिता निष्पक्ष रूप से आयोजित हुई थी. प्रतियोगिता में रितिका और मायामाली के बीच मुकाबला हुआ था. उप विजेता रही खिलाड़ी रितिका यहां से इनाम लेकर खुशी-खुशी घर गई थीं, लेकिन वहां जाकर उसने इस तरह का गलत कदम उठाया, जो खेल के लिए ठीक नहीं है. खेल अधिकारी सत्य प्रकाश ने कहा कि एक पहलवान अपनी जिंदगी में कई मुकाबले लड़ता है. किसी में हारता है तो किसी में जीतता है. हार और जीत खेल में चलती रहती है, लेकिन खिलाड़ी को कभी भी अपना मनोबल कमजोर नहीं पड़ने देना चाहिए.

भरतपुर के जिला खेल अधिकारी सत्य प्रकाश लुहाच ने मामले पर दिया अपना बयान

पढ़ें : भरतपुर में दंगल का फाइनल हारी पहलवान बबीता फोगाट की ममेरी बहन, हरियाणा में जाकर की खुदकुशी

हर दिन लेते हैं मोटिवेशनल क्लास...

जिला खेल अधिकारी सत्य प्रकाश ने बताया कि खिलाड़ियों को मोटिवेट करने के लिए लोहागढ़ स्टेडियम में हर दिन 1 घंटे की मोटिवेशन क्लास चलती है. इसमें हम खिलाड़ियों को डिप्रेशन से बचने के लिए प्रोत्साहित करते हैं और जिंदगी में पूरे जोश खरोश के साथ खेलने के लिए मोटिवेट करते हैं.

गौरतलब है कि लोहागढ़ में आयोजित हुई कुश्ती प्रतियोगिता की उपविजेता रितिका 15 मार्च को वापस अपने फूफा पहलवान महावीर फोगाट के अखाड़े में पहुंच गई और रात को ही अपने कमरे में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी. रितिका राजस्थान के झुंझुनूं जिले की रहने वाली थी, लेकिन इस राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में वह चूरू जिले का प्रतिनिधित्व कर रही थी.

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