बीजिंग: चीन ने सोमवार को धमकी दी कि अगर अमेरिका बीजिंग में फरवरी में होने वाले शीतकालीन ओलंपिक खेलों का राजनयिक बहिष्कार करता हे तो वह भी ठोस जवाबी कार्रवाई करेगा.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि अगर अमेरिका ऐसा करता है तो यह राजनीतिक तौर पर भड़काने वाली कार्रवाई होगी. उन्होंने इसका खुलासा नहीं किया कि चीन किस तरह से जवाबी कार्रवाई करेगा.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि वह इस तरह के बहिष्कार पर विचार कर रहे हैं जिसके तहत अमेरिकी खिलाड़ी खेलों में भाग लेंगे. इस बारे में घोषणा इस सप्ताह की जायेगी.
इस कदम के समर्थकों का कहना है कि चीन के खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड को देखते हुए यह सही फैसला है .उनका कहना है कि चीन इन खेलों का प्रयोग मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, राजनीतिक विरोधियों और मूल अल्पसंख्यकों के साथ खराब बर्ताव को ढकने के लिये कर रहा है.
झाओ ने दैनिक ब्रीफिंग में कहा, "बिन बुलाये अमेरिकी राजनेता बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के तथाकथित राजनीतिक बहिष्कार की बात कर रहे हैं. यदि अमेरिका ऐसा करता है तो हम भी ठोस जवाबी कार्रवाई करेंगे."
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इससे पहले भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) पर तनावपूर्ण स्थिति के बीच, चीन, रूस और भारत के विदेश मंत्रियों की 18वीं वर्चुपअल बैठक में बीजिंग में होने वाले 2022 शीतकालीन ओलंपिक (Beijing 2022 Winter Olympic Games) का समर्थन किया है. इस पर चीनी राज्य-नियंत्रित मीडिया ने खुशी जताई है.
भारत द्वारा समर्थन मिलने पर राज्य-नियंत्रित चीनी मीडिया की राय बंटी गई है. ऐसे समय में जब अमेरिका और उसके सहयोगी ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया शीतकालीन ओलंपिक के 'राजनयिक बहिष्कार' पर विचार कर रहे हैं. भारत का समर्थन चीन के लिए एक चौंकाने वाला कदम है.
रविवार को राज्य-नियंत्रित 'ग्लोबल टाइम्स' (state-controlled Global Times) में एक संपादकीय में लिखा है कि बीजिंग 2022 शीतकालीन ओलंपिक खेलों के प्रति भारत का व्यवहार इस बात का प्रतीक है कि नई दिल्ली अपनी मजबूत कूटनीतिक और रणनीतिक स्वायत्तता (diplomatic and strategic autonomy) बरकरार रखती है.
अमेरिका के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों के बावजूद भारत का मतलब यह नहीं है कि वह सभी क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मामलों में अमेरिका के प्रति झुकाव रखता है. नई दिल्ली वाशिंगटन का 'स्वाभाविक सहयोगी' (natural ally of Washington) नहीं है.'
लेख में कहा गया है कि हाल के वर्षों में नई दिल्ली भूराजनीति के मामले में वाशिंगटन की ओर बढ़ रही है और कुछ मुद्दों पर बीजिंग के प्रति शत्रुतापूर्ण है. ऐसे हालात में बीजिंग 2022 शीतकालीन ओलंपिक खेलों के लिए भारत के समर्थन ने देश और विदेश में कुछ नेटिज़न्स को चौंका दिया है.