फरीदाबाद: चीन में चल रहे 19वें एशियन गेम्स में 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल टीम ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया. इस टीम में करनाल के अनीश भनवाला, फरीदाबाद के आदर्श सिंह और चंडीगढ़ के विजयवीर शामिल हैं. जीत के बाद फरीदाबाद में आदर्श के घर में खुशी का माहौल है. ऐसे में इस खास मौके पर ईटीवी भारत की टीम ने फरीदाबाद स्थित आदर्श सिंह के घर पहुंची. ईटीवी भारत के साथ बातचीत में आदर्श के माता-पिता और उनकी बहन ने आदर्श के बारे में कई रोचक जानकारी साझा की. आइए जानते हैं आदर्श के परिजनों ने क्या कुछ कहा है...
'बचपन से हर चीज में आदर्श अव्वल': ईटीवी भारत से बातचीत में आदर्श के पिता हरेंद्र सिंह चौधरी ने बताया 'आदर्श बचपन से ही हर चीज में आगे रहा है. हालांकि आदर्श बचपन में शरारती था. लेकिन, आदर्श खेल हो या पढ़ाई इसमें हमेशा से अव्वल रहा. आदर्श पहले क्रिकेट बैडमिंटन और अलग-अलग तरह के गेम खेला करता था. लेकिन, वह अपनी बड़ी बहन जो की नेशनल शूटर है उसके साथ वह शूटिंग की प्रैक्टिस में साथ जाया करता था. धीरे-धीरे आदर्श को भी शूटिंग में आगे बढ़ता गया. शूटिंग में खेलो इंडिया में भी पहला मेडल आदर्श का था. इसके अलावा वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी आदर्श का ही पहला मेडल था.'
बेटे को नौकरी नहीं मिलने से आदर्श के पिता ने जताया दुख: आदर्श के पिता ने बताया 'मेरी बेटी भी नेशनल शूटर रह चुकी है. ए ग्रेड का सर्टिफिकेट प्राप्त है और बेटे को भी ए ग्रेड का सर्टिफिकेट प्राप्त है. लेकिन, उसके बावजूद भी उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिली सरकार से मुझे उम्मीद है कि नौकरी दे. सरकार से मैं निवेदन करता हूं कि जिस तरह से दूसरे राज्यों में खेल नीति के तहत सरकारी नौकरी मिल रही है, हमारे बच्चे को भी मिले. पहले सरकार में खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी मिलती थी, लेकिन अब खिलाड़ियों को बहुत कम सरकारी नौकरी मिल रही है. मेरे बच्चों ने देश का नाम रोशन किया है इसके बावजूद भी उन्हें अभी तक सरकारी नौकरी नहीं मिली जिसका मुझे बहुत दुख है.'
आदर्श दिन प्रतिदिन नए-नए रिकॉर्ड बना रहा है. मुझे उम्मीद है कि आने वाले दिनों में आदर्श हमेशा नए रिकॉर्ड बनाएगा. मुझे बहुत ज्यादा उम्मीद थी कि आदर्श कुछ और मेडल लाएगा. आदर्श ने मेडल लाकर अपने आप को साबित कर दिया. बच्चों को प्रैक्टिस करवाने में बहुत खर्च आया है. क्योंकि एक-एक चीज बाहर से मंगाने पड़ते हैं और इसमें पैसे बहुत लगते हैं. - हरेंद्र सिंह चौधरी, आदर्श के पिता
क्या कहती हैं आदर्श की बहन रिया सिंह?: वहीं, आदर्श की बहन रिया सिंह ने ईटीवी भारत के साथ बातचीत के दौरान बताया 'मैं भी एक नेशनल शूटर रह चुकी हूं. मैंने अपने नाम कई गोल्ड मेडल भी किए हैं. यही वजह है कि आदर्श मेरे साथ प्रैक्टिस में जाया करता था. हालांकि आदर्श का रुचि दूसरे खेलों में था. उस खेल में दौड़-भाग ज्यादा होती थी. आदर्श को बैक पेन की जेनेटिक प्रॉब्लम है यही वजह है कि वह ज्यादा भागदौड़ नहीं कर सकता था. जब मैं प्रैक्टिस में जाया करती थी तो आदर्श भी मेरे साथ प्रैक्टिस में जाया करता था. धीरे-धीरे आदर्श शूटिंग में रुचि लेने लगा. यही वजह है कि आदर्श आज इस मुकाम पर पहुंच गया है.'
बेटे की जीत पर मां ने जताई खुशी: आदर्श सिंह की मां अर्चना सिंह ने बताया 'मैं बहुत खुश हूं, आदर्श ने देश का नाम रौशन किया है. बचपन से ही दोनों बच्चे होशियार हैं. दोनों ने शूटिंग में अपना करियर चुना और हमने भी उनका भरपूर सहयोग किया. यही वजह है कि आज आदर्श ने या मुकाम हासिल किया है.'
आदर्श के नाम उपलब्धि: आदर्श अब तक 50 से ज्यादा मेडल अपने नाम कर चुके हैं. आदर्श ने शूटिंग खेल की शुरुआत 2015 से की. इसके बाद आदर्श जूनियर और सीनियर नेशनल लेवल पर 67 मेडल ला चुके हैं. इसके अलावा आदर्श सीनियर शूटिंग वर्ल्ड कप में एक गोल्ड और एक सिल्वर मेडल हासिल कर चुके हैं. जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में आदर्श के नाम 6 मेडल है. इसके अलावा साउथ एशियन गेम्स 2019 में आदर्श ने अपने नाम गोल्ड मेडल किया था. वहीं, एशियाई चैंपियनशिप 2019 में एक गोल्ड और एक सिल्वर मेडल आदर्श ने अपने नाम किया. आदर्श ने त्रिवेंद्रम में नेशनल चैंपियनशिप में 15 पदक जीत कर अपने नाम एक अनोखा रिकॉर्ड कायम किया था.
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