नई दिल्ली: भारत में मुक्केबाज पेशेवर मुक्केबाजी की तरफ तब बढ़ते हैं जब वो एमेच्योर सर्किट में कुछ बड़े खिताब अपने नाम कर लेते हैं. लेकिन युवा फैजान अनवर ने उल्टा रास्ता अख्तियार किया है. वो अपने करियर की शुरुआत पेशेवर मुक्केबाज के तौर पर कर रहे हैं और कुछ मुकाबले जीत भी चुके हैं और अब वे 2024 में पेरिस में होने वाले ओलम्पिक खेलों में नजर जमाएं हैं.
कोलकाता से आने वाले 19 साल के अनवर को लगता है कि पेशेवर मुक्केबाजी करना उन्हें ओलम्पिक में तीन राउंड की एमेच्योर मुक्केबाजी में फायदेमंद साबित होगा.
अनवर ने एजेंसी से कहा, "पेशेवर मुक्केबाजी में शुरुआत चार राउंड के मुकाबले से होती है और हर राउंड तीन मिनट का होता है. ट्रेनिंग काफी मुश्किल होती है. ट्रेनिंग में हम छोटे ग्लव्स पहनते हैं और पंच काफी मजबूत होते हैं. आपको पेशेवर मुक्केबाजी में बने रहने के लिए काफी सारा स्टेमिना और ताकत चाहिए होती है."
उन्होंने कहा, "मैं इस समय छह राउंड के मुकाबलों में हिस्सा ले रहा हूं और 2024 तक मैं पूरे 12 राउंड के मुकाबले खेलूंगा. अगर मैं वहां से वापस एमेच्योर में आता हूं जहां तीन राउंड के मुकाबले होते हैं तो मुझे ये आसान लगेगा."
भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) ने कहा है कि जो पेशेवर खिलाड़ी ओलम्पिक में हिस्सा लेना चाहते हैं उन्हें भारतीय पूल का हिस्सा होना होगा. इसका मतलब है कि अनवर को एमेच्योर में आना होगा.
अनवर के कोच मुजतबा कमाल ने कहा है कि उन्हें इस बारे में अभी तक कोई समय तय नहीं किया है. अनवर इस समय अपने पेशेवर सर्किट पर ही ध्यान दे रहे हैं जहां अभी तक उन्होंने पांच मुकाबले खेले हैं और पांचों में जीत हासिल की है.
अनवर की हालिया जीत फिलिपिंस के जेआर. मेनडोजा के खिलाफ आई थी. वो अगले साल डब्ल्यूबीसी वर्ल्ड यूथ खिताब के लिए ब्रिटेन के साहिर इकबाल को चुनौती देने के बारे में सोच रहे हैं.
अनवर ने कहा, "अभी तक कुछ भी पक्का नहीं है, लेकिन मेरा अगला मुकाबला दिसंबर में होना चाहिए. मुझे अभी तक अपना विपक्षी नहीं मिला है. हम मेरी तकनीक पर ध्यान दे रहे हैं और काफी मुकाबला कर रहे हैं. मैं नहीं जानता कि मेरा अगला विपक्षी कौन है इसलिए मैं बाएं और दाएं हाथ दोनों तरह के मुक्केबाज के खिलाफ खेलने की तैयारी कर रहा हूं."