ETV Bharat / sports

आंध्र फुटबॉल संघ ने AIFF पर लगाए सांठगांठ के आरोप, पीएमओ को लिखा खत, जानें पूरा मामला

आंध्र प्रदेश फुटबॉल संघ के अध्यक्ष गोपालकृष्ण कोसाराजू ने एआईएफएफ के अध्यक्ष कल्याण चौबे और महासचिव शाजी प्रभाकरन पर गंभीर आरोप लगाते हुए पीएमओ से शिकायत की है.

football
फुटबॉल
author img

By

Published : May 2, 2023, 7:40 PM IST

नई दिल्ली : आंध्र प्रदेश फुटबॉल संघ के अध्यक्ष गोपालकृष्ण कोसाराजू ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को पत्र लिखकर मांग की है कि वह अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ में कथित अनियमितता की जांच के लिए खेल विभाग को निर्देश दे. खास तौर पर भारत के 2027 एएफसी एशिया कप पुरुष फुटबॉल चैंपियनशिप की दावेदारी से पीछे हटने पर एआईएफएफ और सऊदी अरब फुटबॉल महासंघ के बीच सांठगांठ को लेकर.

कोसाराजू ने पत्र, जिसकी प्रति आईएएनएस के पास है, में लिखा कि भारत, ईरान, सऊदी अरब और कतर 2027 एशिया कप की मेजबानी के लिए चार दावेदार थे. लेकिन एआईएफएफ के अध्यक्ष कल्याण चौबे और महासचिव शाजी प्रभाकरन ने भारत सरकार और एआईएफएफ की आम सभा या कार्यकारी समिति की अनुमति के बिना अवैध और एकतरफा रूप से दावेदारी को वापस ले लिया. दावेदारी से हटने से यह संदेह पैदा होता है कि अध्यक्ष और महासचिव ने सऊदी अरब फुटबॉल महासंघ से कोई सांठगांठ की है ताकि एशिया कप की मेजबानी से उसे फायदा हो सके.

उन्होंने साथ ही कहा कि भारतीय महासंघ के एशिया कप की दावेदारी से हटने के फैसले से दुनिया के सामने गलत संदेश जाएगा और भविष्य में ओलंपिक्स और फुटबॉल सहित विभिन्न खेलों की एशियाई चैंपियनशिप की दावेदारी की संभावनाओं पर असर पड़ेगा. संपर्क किए जाने पर एआईएफएफ के एक अधिकारी ने 'आईएएनएस' से कहा कि मैं यह बात आपकी जानकारी में लाना चाहता हूं कि भारत के 2027 एशिया कप की दावेदारी से हटने का फैसला एआईएफएफ की कार्यकारी समिति की पांच दिसंबर, 2022 को हुई बैठक में पूर्ण स्वीकृति के साथ लिया गया था. एआईएफएफ ने उस फैसले के तुरंत बाद एक विज्ञप्ति जारी कर अपनी स्थिति स्पष्ट की थी.

एआईएफएफ की कार्यकारी समिति ने एक बयान में कहा था कि हमारा मौजूदा फोकस फुटबॉल के लिए आधारभूत ढांचा तैयार करने पर है जिसके बाद ही हम एशिया कप जैसे बड़े टूर्नामेंटों की मेजबानी के बारे में सोच सकते हैं. एआईएफएफ के अध्यक्ष कल्याण चौबे ने उसी प्रेस विज्ञप्ति में जारी एक बयान में कहा कि भारत हमेशा बड़े टूर्नामेंटों की मेजबानी के लिए शानदार मेजबान रहा है जो भारत ने हाल में संपन्न फीफा अंडर 17 महिला विश्व कप की मेजबानी के साथ दिखाया था. हालांकि कार्यकारी समिति ने फैसला किया कि महासंघ की मौजूदा प्राथमिकता ग्रास रुट से युवा विकास तक हर स्तर पर फुटबॉल को मजबूत करने के उद्देश्य पर टिकी होनी चाहिए.

एआईएफएफ के महासचिव शाजी प्रभाकरन ने उसी विज्ञप्ति में कहा कि हमारी रणनीति स्पष्ट है. हमारा ध्यान प्राथमिक आधार पर खेल विकसित करने पर होना चाहिए. बड़ी प्रतियोगिताओं की मेजबानी के लिए बड़े संसाधनों की जरूरत पड़ती है और कई बार ध्यान मुख्य उद्देश्य से हट जाता है. फिलहाल हमारा ध्यान भारतीय फुटबॉल को एक साथ आगे ले जाने पर होना चाहिए. एआईएफएफ के अधिकारी ने कोसाराजू के आरोपों को प्रेरित और दुर्भावना से पूर्ण बताया. अधिकारी ने कहा कि पिछले वर्ष दिसंबर के बाद से कार्यकारी समिति की एक से ज्यादा बैठक हो चुकी हैं लेकिन किसी भी सदस्य ने मेजबानी से हटने पर सवाल नहीं उठाया. पांच महीने बाद इस विषय को उठाना एक विवाद को जन्म देने का प्रयास है जो वास्तव में है ही नहीं.
(इनपुटः आईएएनएस)

ये भी पढ़ेंः Supreme Court AIFF : सुप्रीम कोर्ट ने कहा- एआईएफएफ के संविधान को अंतिम रूप देने पर रिपोर्ट तैयार करेंगे पूर्व न्यायाधीश राव

नई दिल्ली : आंध्र प्रदेश फुटबॉल संघ के अध्यक्ष गोपालकृष्ण कोसाराजू ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को पत्र लिखकर मांग की है कि वह अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ में कथित अनियमितता की जांच के लिए खेल विभाग को निर्देश दे. खास तौर पर भारत के 2027 एएफसी एशिया कप पुरुष फुटबॉल चैंपियनशिप की दावेदारी से पीछे हटने पर एआईएफएफ और सऊदी अरब फुटबॉल महासंघ के बीच सांठगांठ को लेकर.

कोसाराजू ने पत्र, जिसकी प्रति आईएएनएस के पास है, में लिखा कि भारत, ईरान, सऊदी अरब और कतर 2027 एशिया कप की मेजबानी के लिए चार दावेदार थे. लेकिन एआईएफएफ के अध्यक्ष कल्याण चौबे और महासचिव शाजी प्रभाकरन ने भारत सरकार और एआईएफएफ की आम सभा या कार्यकारी समिति की अनुमति के बिना अवैध और एकतरफा रूप से दावेदारी को वापस ले लिया. दावेदारी से हटने से यह संदेह पैदा होता है कि अध्यक्ष और महासचिव ने सऊदी अरब फुटबॉल महासंघ से कोई सांठगांठ की है ताकि एशिया कप की मेजबानी से उसे फायदा हो सके.

उन्होंने साथ ही कहा कि भारतीय महासंघ के एशिया कप की दावेदारी से हटने के फैसले से दुनिया के सामने गलत संदेश जाएगा और भविष्य में ओलंपिक्स और फुटबॉल सहित विभिन्न खेलों की एशियाई चैंपियनशिप की दावेदारी की संभावनाओं पर असर पड़ेगा. संपर्क किए जाने पर एआईएफएफ के एक अधिकारी ने 'आईएएनएस' से कहा कि मैं यह बात आपकी जानकारी में लाना चाहता हूं कि भारत के 2027 एशिया कप की दावेदारी से हटने का फैसला एआईएफएफ की कार्यकारी समिति की पांच दिसंबर, 2022 को हुई बैठक में पूर्ण स्वीकृति के साथ लिया गया था. एआईएफएफ ने उस फैसले के तुरंत बाद एक विज्ञप्ति जारी कर अपनी स्थिति स्पष्ट की थी.

एआईएफएफ की कार्यकारी समिति ने एक बयान में कहा था कि हमारा मौजूदा फोकस फुटबॉल के लिए आधारभूत ढांचा तैयार करने पर है जिसके बाद ही हम एशिया कप जैसे बड़े टूर्नामेंटों की मेजबानी के बारे में सोच सकते हैं. एआईएफएफ के अध्यक्ष कल्याण चौबे ने उसी प्रेस विज्ञप्ति में जारी एक बयान में कहा कि भारत हमेशा बड़े टूर्नामेंटों की मेजबानी के लिए शानदार मेजबान रहा है जो भारत ने हाल में संपन्न फीफा अंडर 17 महिला विश्व कप की मेजबानी के साथ दिखाया था. हालांकि कार्यकारी समिति ने फैसला किया कि महासंघ की मौजूदा प्राथमिकता ग्रास रुट से युवा विकास तक हर स्तर पर फुटबॉल को मजबूत करने के उद्देश्य पर टिकी होनी चाहिए.

एआईएफएफ के महासचिव शाजी प्रभाकरन ने उसी विज्ञप्ति में कहा कि हमारी रणनीति स्पष्ट है. हमारा ध्यान प्राथमिक आधार पर खेल विकसित करने पर होना चाहिए. बड़ी प्रतियोगिताओं की मेजबानी के लिए बड़े संसाधनों की जरूरत पड़ती है और कई बार ध्यान मुख्य उद्देश्य से हट जाता है. फिलहाल हमारा ध्यान भारतीय फुटबॉल को एक साथ आगे ले जाने पर होना चाहिए. एआईएफएफ के अधिकारी ने कोसाराजू के आरोपों को प्रेरित और दुर्भावना से पूर्ण बताया. अधिकारी ने कहा कि पिछले वर्ष दिसंबर के बाद से कार्यकारी समिति की एक से ज्यादा बैठक हो चुकी हैं लेकिन किसी भी सदस्य ने मेजबानी से हटने पर सवाल नहीं उठाया. पांच महीने बाद इस विषय को उठाना एक विवाद को जन्म देने का प्रयास है जो वास्तव में है ही नहीं.
(इनपुटः आईएएनएस)

ये भी पढ़ेंः Supreme Court AIFF : सुप्रीम कोर्ट ने कहा- एआईएफएफ के संविधान को अंतिम रूप देने पर रिपोर्ट तैयार करेंगे पूर्व न्यायाधीश राव

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.