हैदराबाद : अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ (फिडे) और चेस.कॉम ने घोषणा की कि ऑनलाइन नेशन्स कप में छह टीमें भाग लेंगी. फिडे ने अपनी वेबसाइट से कहा कि इस टूर्नमेंट में रूस, अमेरिका, यूरोप, चीन और भारत के अलावा शेष विश्व की टीम भी भाग लेंगी.
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The International Chess Federation and https://t.co/H5lI2q7beO announce the Online Nations Cup, a team competition held May 5-10, 2020. Six teams are due to take part in this competition: Russia, USA, Europe, China, India, plus a team representing the "Rest of the World." pic.twitter.com/NewgZTEZQP
— International Chess Federation (@FIDE_chess) April 21, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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इनामी राशि 180,000 डॉलर
ऑनलाइन नेशन्स कप की इनामी राशि 180,000 डॉलर है. संन्यास ले चुके दिग्गज गैरी कास्पारोव और व्लादिमीर क्रैमनिक क्रमश: यूरोप और भारतीय टीमों के कप्तान होंगे. कभी इन दोनों के प्रतिद्वंद्वी रहे आनंद भारत की तरफ से पहले बोर्ड पर खेलेंगे.
इसमें दुनिया के सभी शीर्ष खिलाड़ियों के भाग लेने की संभावना है. पहले चरण में छह टीमें डबल राउंड रोबिन में एक दूसरे से भिड़ेंगी. शीर्ष पर रहने वाली दो टीमें दस मई को सुपर फाइनल में खेलेंगीं.
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This epoch-making battle draws similarities with golf's Ryder Cup or the USSR vs Rest of the World that made headlines in Bobby Fischer's heyday. The new match of the century will be global, entirely online, and gender-inclusive: line-ups must include at least one female player. pic.twitter.com/3PwvVB6YSr
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दो महीने से जर्मनी में फंसे हैं आनंद
पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद का मानना है कि आनलाइन माध्यम का सहारा लेकर शतरंज दुनिया भर में कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन से काफी अच्छी तरह सामंजस्य बैठाने में सफल रहा है. आनंद ने साथ ही कहा कि दो महीने से जर्मनी में फंसे होने के कारण वो भी ऑनलाइन माध्यम से ही अपने परिवार के संपर्क में हैं. आनंद बुंदेसलीगा शतरंज में एससी बादेन की ओर से खेलने के लिए फरवरी में जर्मनी गए थे. कोराना वायरस महामारी के कारण हालांकि यात्रा संबंधित पाबंदियों के कारण वह स्वदेश वापस नहीं लौट सके.
मेरे कुछ मित्र करीब ही रहते हैं
फ्रेंकफर्ट के समीप रह रहे आनंद ने पीटीआई से कहा, ''मैं कहूंगा कि जर्मनी में स्थिति काफी सहज है. मैं छोटे शहर में हूं. मुझे एक दो बार बाहर चहलकदमी करने का मौका मिला. बेशक, सुरक्षित दूरी बनाते हुए, साथ ही मैंने कुछ खरीददारी की और जरूरी सामान भी खरीदा. मेरे कुछ मित्र करीब ही रहते हैं और यह बड़ा फायदा है.''
कोविड-19 का अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा
आनंद का मानना है कि शतरंज अब तक वैश्विक लाकडाउन से काफी अच्छी तरह निपटने में सफल रहा है. उन्होंने कहा, ''किसी को नहीं पता कि इसका (कोविड-19 का) अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा. सबसे पहले शतरंज की बात करते हैं. पहले ही इंटरनेट पर काफी शतरंज होता था. इसलिए पूरी तरह से आनलाइन प्रक्रिया से सामंजस्य बैठाना तुलनात्मक रूप से आसान रहा.'' इस 50 वर्षीय दिग्गज खिलाड़ी ने कहा, ''इसके बावजूद यह थोड़ा स्तब्ध करने वाला है कि इतने सारे टूर्नामेंट रद हो गए और सभी घर में बैठे हैं. इंटरनेट पर शतरंज खेलना काफी मजेदार होता है.''