नई दिल्ली : बत्रा ने एफआईजी अध्यक्ष मोरीनारी वाटानाबे और महासचिव निकोलस बुआम्पाने को पत्र में लिखा है, "मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि जीएफआई में सब कुछ ठीक नहीं है. ऐसी स्थिति बनाई गई है कि जिससे लगता है कि कानूनी तौर पर सब कुछ ठीक है और हमें आगे जाना चाहिए." जीएफआई के अगले महीने चुनाव होने हैं.
जीएफआई में प्रशासन और पारदर्शिता को लेकर चिता है
आईओए अध्यक्ष ने इस बात पर भी आपत्ति जताई है कि किस तरह मतदाता सूची बार-बार बदली गई जो अंतत: 17 तक रह गई है. उन्होंने साथ ही कहा कि उन्हें जीएफआई में प्रशासन और पारदर्शिता को लेकर चिता है.
भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) के अध्यक्ष नरेंदर बत्रा ने कहा
बत्रा ने अपने पत्र में लिखा, "वोटरों की सूची 17 से 20 की हुई फिर 22 की. फिर ये दोबारा 17 की हो गई, कैसे? भारत में 2019 तक 28 राज्य हैं और सात यूनियन टैरीटरी हैं और ये एक आदर्श नियम है कि एनएसफ (राष्ट्रीय खेल महासंघ) में राज्य और यूटी की 75 प्रतिशत मौजूदगी होनी चाहिए. हालांकि लिखित में ऐसा कुछ वर्णित नहीं है लेकिन ओलम्पिक खेलों में इसे इसी तरह से समझा जाता है."
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एफआईजी ने जीएफआई से कहा है कि वो तीन नवंबर को होने वाले चुनाव को लेकर निर्वाचक मंडल की सूची आईओए से मंजूर कराए.