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AIFF अध्यक्ष की कुर्सी खतरे में, मंत्रालय ने कोर्ट में दिया हलफनामा

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल काफी साल से ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) के अध्यक्ष पद पर बने हुए हैं. प्रफुल्ल पटेल ने दिसंबर 2020 मे अध्यक्ष के रूप में 12 साल पूरे कर लिए थे.

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Published : Apr 12, 2022, 4:54 PM IST

नई दिल्ली: खेल मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल के पास खेल निकाय चलाने का कोई जनादेश नहीं है, क्योंकि उन्होंने अध्यक्ष के रूप में अपने तीन कार्यकाल पूरे किए हैं और राष्ट्रीय निकाय को बिना किसी देरी के चुनाव कराना चाहिए. मंत्रालय का जवाब 8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) के संबंध में एक हलफनामा दायर करने के बाद आया है, जिसमें वकील राहुल मेहरा भारत संघ के प्रतिवादियों में से एक हैं.

मंत्रालय ने अपने जवाब में (आईएएनएस के पास कॉपी है) इस बात की पुष्टि की है कि पटेल और उनकी समिति के पास अपने पदों पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. आईएएनएस से बात करते हुए राहुल मेहरा ने मंत्रालय की दुर्दशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि उसने एआईएफएफ के पदाधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की, जबकि उनके पास पदों पर रहने का कोई अधिकार नहीं है.

  • We would be more than happy to hold the elections tomorrow if the SC approves our constitution. Already our constitution is in conformity with the National Sports Code adhering the age limit of 70 years and three tenures totalling 12 years.#IndianFootball (7/8)

    — Indian Football Team (@IndianFootball) April 11, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

उन्होंने आगे कहा, मंत्रालय ने अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? उनका कार्यकाल समाप्त होने पर उन्होंने चुनाव क्यों नहीं कराया? और अब, मंत्रालय इस तरह के जवाब के साथ आया है जब मामला न्यायिक विचार के अधीन है. यह कुछ भी नहीं है. अब मंत्रालय एआईएफएफ के मौजूदा अध्यक्ष को हटाना चाहता है और पूरी कवायद उसी के लिए है.

यह भी पढ़ें: IPL 2022: कैच न पकड़ने पर शमी पर फूटा पांड्या का गुस्सा, देखें VIDEO

उन्होंने मंत्रालय की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा, जब मैंने इस संबंध में साल 2016 में दिल्ली उच्च न्यायालय में मामला दायर किया, तो मंत्रालय ने मेरा समर्थन क्यों नहीं किया?"

पटेल ने दिसंबर 2020 में एआईएफएफ के अध्यक्ष के रूप में अपने तीन कार्यकाल (12 वर्ष) पूरे किए थे, जो राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) के प्रमुख को राष्ट्रीय खेल संहिता 2011 के अनुसार अधिकतम अनुमति है, जिसमें से एआईएफएफ एक हस्ताक्षरकर्ता है.

यह भी पढ़ें: IPL 2022: हैदराबाद की जीत के बाद प्वाइंट टेबल में फेरबदल

मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, यह प्रस्तुत किया जाता है कि चूंकि मौजूदा समिति (एआईएफएफ की) का कार्यकाल पहले ही समाप्त हो चुका है, और मौजूदा अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने अध्यक्ष के रूप में 12 साल से अधिक समय पूरा कर लिया है, याचिकाकर्ता (एआईएफएफ) को बिना किसी देरी के चुनाव कराना चाहिए. मंत्रालय ने आगे कहा कि एआईएफएफ खेल संहिता का पालन नहीं करने के लिए सरकार की नजर में अपनी पहचान खोने के लिए तैयार है.

नई दिल्ली: खेल मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल के पास खेल निकाय चलाने का कोई जनादेश नहीं है, क्योंकि उन्होंने अध्यक्ष के रूप में अपने तीन कार्यकाल पूरे किए हैं और राष्ट्रीय निकाय को बिना किसी देरी के चुनाव कराना चाहिए. मंत्रालय का जवाब 8 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) के संबंध में एक हलफनामा दायर करने के बाद आया है, जिसमें वकील राहुल मेहरा भारत संघ के प्रतिवादियों में से एक हैं.

मंत्रालय ने अपने जवाब में (आईएएनएस के पास कॉपी है) इस बात की पुष्टि की है कि पटेल और उनकी समिति के पास अपने पदों पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. आईएएनएस से बात करते हुए राहुल मेहरा ने मंत्रालय की दुर्दशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि उसने एआईएफएफ के पदाधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की, जबकि उनके पास पदों पर रहने का कोई अधिकार नहीं है.

  • We would be more than happy to hold the elections tomorrow if the SC approves our constitution. Already our constitution is in conformity with the National Sports Code adhering the age limit of 70 years and three tenures totalling 12 years.#IndianFootball (7/8)

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उन्होंने आगे कहा, मंत्रालय ने अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? उनका कार्यकाल समाप्त होने पर उन्होंने चुनाव क्यों नहीं कराया? और अब, मंत्रालय इस तरह के जवाब के साथ आया है जब मामला न्यायिक विचार के अधीन है. यह कुछ भी नहीं है. अब मंत्रालय एआईएफएफ के मौजूदा अध्यक्ष को हटाना चाहता है और पूरी कवायद उसी के लिए है.

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उन्होंने मंत्रालय की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा, जब मैंने इस संबंध में साल 2016 में दिल्ली उच्च न्यायालय में मामला दायर किया, तो मंत्रालय ने मेरा समर्थन क्यों नहीं किया?"

पटेल ने दिसंबर 2020 में एआईएफएफ के अध्यक्ष के रूप में अपने तीन कार्यकाल (12 वर्ष) पूरे किए थे, जो राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) के प्रमुख को राष्ट्रीय खेल संहिता 2011 के अनुसार अधिकतम अनुमति है, जिसमें से एआईएफएफ एक हस्ताक्षरकर्ता है.

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मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट को बताया, यह प्रस्तुत किया जाता है कि चूंकि मौजूदा समिति (एआईएफएफ की) का कार्यकाल पहले ही समाप्त हो चुका है, और मौजूदा अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने अध्यक्ष के रूप में 12 साल से अधिक समय पूरा कर लिया है, याचिकाकर्ता (एआईएफएफ) को बिना किसी देरी के चुनाव कराना चाहिए. मंत्रालय ने आगे कहा कि एआईएफएफ खेल संहिता का पालन नहीं करने के लिए सरकार की नजर में अपनी पहचान खोने के लिए तैयार है.

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