नई दिल्ली : भारत में कुश्ती का संचालन कर रही भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की तदर्थ समिति पिछले साल के लिए 2024 जनवरी-फरवरी में अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन करेगी ताकि पहलवानों का एक महत्वपूर्ण साल खराब नहीं हो.
जूनियर पहलवानों ने बुधवार को बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट पर गुस्सा निकालते हुए जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया था.
समिति ने युवा पहलवानों की चिंता को समझा, जिनका करियर पिछले एक साल से शीर्ष पहलवानों के विरोध के कारण अधर में लटका हुआ है. जनवरी 2023 के बाद राष्ट्रीय शिविर या जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन नहीं किया गया है.
तीन सदस्यीय पैनल के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह बाजवा ने गुरुवार को एक बयान में कहा, 'भारतीय कुश्ती महासंघ के लिए गठित तदर्थ समिति 2024 के जनवरी-फरवरी में 2023 की अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन करेगी'.
इसमें उन्होंने कहा, 'प्रतिभागियों का आयु मानदंड ऐसा ही रखा गया है जैसा राष्ट्रीय चैम्पियनशिप कैलेंडर वर्ष 2023 में आयोजित होती तो होता ताकि चैम्पियनशिप 2024 के जनवरी-फरवरी में आयोजित होने से किसी भी खिलाड़ी का कोई नुकसान नहीं हो'.
उन्होंने कहा, 'प्रतिभागियों को सभी फायदे मिलेंगे जैसे अगर यह चैम्पियनशिप 2023 कैलेंडर वर्ष में होती तो उन्हें मिलते'.
संजय सिंह की अध्यक्षता में डब्ल्यूएफआई की नवनिर्वाचित संस्था ने जूनियर पहलवानों का एक साल बचाने के लिए पिछले साल 31 दिसंबर से पहले अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय प्रतियोगिता कराने की घोषणा की थी. लेकिन खेल मंत्रालय ने इसके कार्यभार संभालने के तीन दिन बाद ही इसे निलंबित कर दिया था.