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राष्ट्रमंडल खेल-2022 के बहिष्कार के पक्ष में नहीं हैं बिंद्रा

अभिनव बिंद्रा ने ट्वीट कर कहा है कि राष्ट्रमंडल खेल-2022 का बहिष्कार करना एक विकल्प नहीं है.

Abhinav bindra
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Published : Jul 28, 2019, 11:15 PM IST

नई दिल्ली: ओलम्पिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेल-2022 का बहिष्कार करना एक विकल्प नहीं है. बिंद्रा ने भारतीय ओलम्पिक संघ को सलाह दी है कि वे निशानेबाजी को राष्ट्रमंडल खेलों के कोर खेल में शामिल कराने की दिशा में काम करें.

बिंद्रा ने ट्वीट कर कहा, "बहिष्कार से आपका प्रभाव नहीं बढ़ता. यह सिर्फ आपको अप्रासंगिक बना देता है और इसकी सजा अन्य खिलाड़ियों को मिलती है. बेहतर होता अगर आईओए अभियान चलाकर राष्ट्रमंडल खेलों की समितियों में समर्थन हासिल करता और भविष्य में निशानेबाजी को कोर खेलों की सूची में शामिल कराने का प्रयास करता. "

सौजन्य: https://twitter.com/Abhinav_Bindra/status/1155475674825519106
सौजन्य: https://twitter.com/Abhinav_Bindra/status/1155475674825519106

भारत की दिग्गज निशानेबाज हिना सिद्धू ने हाल ही में कहा था कि भारत को 2022 में बर्मिघम में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के बहिष्कार के बारे में विचार करना चाहिए.

हिना के बयान के बाद आईओए के अध्यक्ष नरेंदर बत्रा ने कहा था कि खेलों का बहिष्कार एक विकल्प हो सकता है.

बत्रा ने खेल मंत्री किरण रिजिजू को ई-मेल लिखकर इस बात की जानकारी दे दी है कि आईओए सदस्यों के बीच इस बात पर अनऔपचारिक चर्चा शुरू हो चुकी है.

पत्र में लिखा है, "यह आईओए के महासचिव के मई-2019 में दिए गए बयान के सबंध में है जिसमें कहा गया था कि राष्ट्रमंडल खेल-2022 में हिस्सा न लेने के विचार पर चर्चा की जा सकती है. इस मुद्दे पर अब अनौपचारिक तौर पर आईओए सदस्यों के बीच चर्चा जारी है और वह आईओए के महासचिव राजीव मेहता के विचारों से सहमत हैं."

अभिनव बिंद्रा
अभिनव बिंद्रा

जून में राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) ने फैसला किया था कि 2022 में होने वाले खेलों में निशानेबाजी को जगह नहीं दी जाएगी. 1970 के बाद से ऐसा पहली बार होगा कि राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी नहीं होगी.

इससे भारत को बड़ा झटका लगा है क्योंकि इन खेलों में अगर भारत पदक तालिका में आगे रहता है तो इसके पीछे एक बड़ी वजह निशानेबाजी में जीते पदक होते हैं.

नई दिल्ली: ओलम्पिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेल-2022 का बहिष्कार करना एक विकल्प नहीं है. बिंद्रा ने भारतीय ओलम्पिक संघ को सलाह दी है कि वे निशानेबाजी को राष्ट्रमंडल खेलों के कोर खेल में शामिल कराने की दिशा में काम करें.

बिंद्रा ने ट्वीट कर कहा, "बहिष्कार से आपका प्रभाव नहीं बढ़ता. यह सिर्फ आपको अप्रासंगिक बना देता है और इसकी सजा अन्य खिलाड़ियों को मिलती है. बेहतर होता अगर आईओए अभियान चलाकर राष्ट्रमंडल खेलों की समितियों में समर्थन हासिल करता और भविष्य में निशानेबाजी को कोर खेलों की सूची में शामिल कराने का प्रयास करता. "

सौजन्य: https://twitter.com/Abhinav_Bindra/status/1155475674825519106
सौजन्य: https://twitter.com/Abhinav_Bindra/status/1155475674825519106

भारत की दिग्गज निशानेबाज हिना सिद्धू ने हाल ही में कहा था कि भारत को 2022 में बर्मिघम में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के बहिष्कार के बारे में विचार करना चाहिए.

हिना के बयान के बाद आईओए के अध्यक्ष नरेंदर बत्रा ने कहा था कि खेलों का बहिष्कार एक विकल्प हो सकता है.

बत्रा ने खेल मंत्री किरण रिजिजू को ई-मेल लिखकर इस बात की जानकारी दे दी है कि आईओए सदस्यों के बीच इस बात पर अनऔपचारिक चर्चा शुरू हो चुकी है.

पत्र में लिखा है, "यह आईओए के महासचिव के मई-2019 में दिए गए बयान के सबंध में है जिसमें कहा गया था कि राष्ट्रमंडल खेल-2022 में हिस्सा न लेने के विचार पर चर्चा की जा सकती है. इस मुद्दे पर अब अनौपचारिक तौर पर आईओए सदस्यों के बीच चर्चा जारी है और वह आईओए के महासचिव राजीव मेहता के विचारों से सहमत हैं."

अभिनव बिंद्रा
अभिनव बिंद्रा

जून में राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) ने फैसला किया था कि 2022 में होने वाले खेलों में निशानेबाजी को जगह नहीं दी जाएगी. 1970 के बाद से ऐसा पहली बार होगा कि राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी नहीं होगी.

इससे भारत को बड़ा झटका लगा है क्योंकि इन खेलों में अगर भारत पदक तालिका में आगे रहता है तो इसके पीछे एक बड़ी वजह निशानेबाजी में जीते पदक होते हैं.

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नई दिल्ली: ओलम्पिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा ने कहा कि राष्ट्रमंडल खेल-2022 का बहिष्कार करना एक विकल्प नहीं है. बिंद्रा ने भारतीय ओलम्पिक संघ को सलाह दी है कि वे निशानेबाजी को राष्ट्रमंडल खेलों के कोर खेल में शामिल कराने की दिशा में काम करें.



बिंद्रा ने ट्वीट कर कहा, "बहिष्कार से आपका प्रभाव नहीं बढ़ता. यह सिर्फ आपको अप्रासंगिक बना देता है और इसकी सजा अन्य खिलाड़ियों को मिलती है. बेहतर होता अगर आईओए अभियान चलाकर राष्ट्रमंडल खेलों की समितियों में समर्थन हासिल करता और भविष्य में निशानेबाजी को कोर खेलों की सूची में शामिल कराने का प्रयास करता. "



भारत की दिग्गज निशानेबाज हिना सिद्धू ने हाल ही में कहा था कि भारत को 2022 में बर्मिघम में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के बहिष्कार के बारे में विचार करना चाहिए.



हिना के बयान के बाद आईओए के अध्यक्ष नरेंदर बत्रा ने कहा था कि खेलों का बहिष्कार एक विकल्प हो सकता है.



बत्रा ने खेल मंत्री किरण रिजिजू को ई-मेल लिखकर इस बात की जानकारी दे दी है कि आईओए सदस्यों के बीच इस बात पर अनऔपचारिक चर्चा शुरू हो चुकी है.



पत्र में लिखा है, "यह आईओए के महासचिव के मई-2019 में दिए गए बयान के सबंध में है जिसमें कहा गया था कि राष्ट्रमंडल खेल-2022 में हिस्सा न लेने के विचार पर चर्चा की जा सकती है. इस मुद्दे पर अब अनौपचारिक तौर पर आईओए सदस्यों के बीच चर्चा जारी है और वह आईओए के महासचिव राजीव मेहता के विचारों से सहमत हैं."



जून में राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) ने फैसला किया था कि 2022 में होने वाले खेलों में निशानेबाजी को जगह नहीं दी जाएगी. 1970 के बाद से ऐसा पहली बार होगा कि राष्ट्रमंडल खेलों में निशानेबाजी नहीं होगी.



इससे भारत को बड़ा झटका लगा है क्योंकि इन खेलों में अगर भारत पदक तालिका में आगे रहता है तो इसके पीछे एक बड़ी वजह निशानेबाजी में जीते पदक होते हैं.


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