नई दिल्ली : जब नौ सदस्यीय भारतीय राष्ट्रीय टीम आगामी विश्व रोइंग एशियाई ओशिनिया कॉन्टिनेंटल ओलंपिक और पैरालंपिक योग्यता रेगाटा में हिस्सा लेगी तो ओलंपिक क्वॉलीफाई करने के लिहाज से यह खिलाड़ियों के लिए करो या मरो की स्थिति होगी. राष्ट्रीय कोच इस्माइल बेग तो कम से कम यही मानते हैं.
बेग ने आईएएनएस को बताया, चूंकि यह ओलंपिक बर्थ हासिल करने वाले राष्ट्रीय दस्ते के लिए अंतिम मौका होगा, रोअर्स को अपना सर्वश्रेष्ठ देना होगा. यह योग्यता प्रतियोगिता मई में टोक्यो में आयोजित की जाएगी.
जकर खान (सिंगल स्कल्स), अर्जुन लाल जाट (डबल स्कल्स), अरविंद सिंह (डबल स्कल्स) और सुनी अत्री (सिंगल और डबल स्कल्स) को पुरुष वर्ग में चुना गया है, जबकि खुशप्रीत कौर (सिंगल स्कल्स), विंध्या सनत (डबल स्कल्स), रुक्मणी डांगी (डबल स्कल्स), और सोना कीर (सिंगल और डबल स्कल्स) महिला टीम का हिस्सा हैं.
शांतनु कुमार 5-7 मई को टोक्यो के सी फॉरेस्ट वाटरवे कोर्स में आयोजित होने वाली पैरालंपिक प्रतियोगिता में भाग लेंगे. भारत ने आखिरी बार दक्षिण कोरिया के चुंगजू में 2019 एशियाई चैम्पियनशिप में भाग लिया था. तब से भारत प्रतिस्पर्धा नहीं कर सका क्योंकि कोविड के कारण 2020 में कोई प्रतिस्पर्धा नहीं हुई थी.
कोच ने कहा, टोक्यो क्वालीफिकेशन के लिए, पिछले परिणाम मायने नहीं रखेंगे. आगामी एशियाई ओशिनिया प्रतियोगिता में प्रदर्शन को ओलंपिक योग्यता के लिए ध्यान में रखा जाएगा.
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बेग ने कहा कि एकल स्कल्स में शीर्ष पांच और डबल स्कल्स में शीर्ष तीन ओलंपिक के लिए अर्हता प्राप्त करेंगे. बेग कहते हैं कि चीन, थाईलैंड, हांगकांग और कोरिया जैसे प्रमुख एशियाई देश भी टोक्यो ओलंपिक कोटा जीतने की दौड़ में होंगे, लिहाजा भारत के लिए यह सब और अधिक चुनौतीपूर्ण होगा.