नई दिल्ली : करबमीर नबीन चंद्र बोरदोलोई इंडोर स्टेडियम में होने वाले टूर्नामेंट के इस दूसरे सीजन में भारत के 35 पुरुष और 37 महिला मुक्केबाजों की भागीदारी होगी. 70000 अमेरिकी डॉलर की इनामी राशि वाले इस टूर्नामेंट में लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता मैरी कॉम पहली बार 51 किग्रा भार वर्ग में पंच आजमाएंगी.
विश्व चैंपियनशिप की तैयारियों को देखते हुए मैरी कॉम ने पिछले महीने एशियाई चैंपियनशिप में भाग नहीं लिया था. मैरी कॉम सहित छह भारतीयों ने टूर्नामेंट के पिछले संस्करण में स्वर्ण पदक जीता था.
मैरी कॉम ने कहा,"51 किग्रा वर्ग के लिए मैं अच्छी तैयारी कर रही हूं. मैं इस टूर्नामेंट में अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए तैयार हूं और विश्व चैंपियनशिप से पहले खुद को परखना चाहती हूं. मुझे खुशी है कि इस बार टूर्नामेंट का आयोजन असम में किया जा रहा है. पूर्वोत्तर में ढेरी सारी प्रतिभाएं हैं और मुझे उम्मीद है कि हमारे मुकाबले देखकर युवा इससे प्रेरित होंगे."
मैरी कॉम के अलावा कई अन्य भारतीय मुक्केबाजों ने भी ओलंपिक क्वालीफिकेशन को देखते हुए अपने-अपने भारवर्ग में बदलाव किया है. एशियाई चैंपियनशिप के 81 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय पूजा रानी इंडिया ओपन में 75 किग्रा में उतरेंगी.
उनके अलावा एशियाई चैंपियनशिप की कांस्य पदक विजेता मनीषा मौम भी पहली बार 57 किग्रा में उतरेंगी. टूर्नामेंट की रजत पदक विजेता सिमरनजीत कौर भी अब 64 किग्रा के बजाय 60 किग्रा में अपनी चुनौती पेश करेंगी.
एशियाई चैंपियनशिप के स्वर्ण पदक विजेता अमित पंघल 52 किग्रा में अपने पिछले प्रदर्शन को दोहराना चाहेंगे. एशियाई चैंपियनशिप में लगातार चार पदक जीतने वाले स्थानी मुक्केबाज शिवा थापा 60 किग्रा में और 2017 की यूथ विश्व चैंपियनशिप की स्वर्ण पदक विजेता अंकुशिता बोरो 64 किग्रा में भाग लेंगी.
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2017 विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता और अर्जुन पुरस्कार के लिए नामित किए गए गौरव बिधुड़ी 56 किग्रा में हिस्सा लेंगे. भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) के अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा, "भारतीय मुक्केबाजों के लिए इंडिया ओपन एक शानदार अवसर है. विश्व चैंपियनशिप की तैयारियों के मद्येनजर उनका सामना कुछ शीर्ष मुक्केबाजों से होगा, जिनमें एशियाई और विश्व चैंपियन शामिल हैं."