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'टीम में अभी और सुधार करने की जरूरत है'

ग्राहम रीड ने कहा, 'एक अच्छी बात ये थी कि हमने इस मैच को जीतने के लिए संघर्ष किया और कई बार संघर्ष करना अच्छा होता है क्योंकि इससे आप काफी कुछ सीखते हैं.'

REID
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Published : Jan 20, 2020, 9:09 PM IST

Updated : Feb 17, 2020, 6:53 PM IST

भुवनेश्वर: एफआईएच हॉकी वर्ल्ड लीग फाइनल्स-2015 में रायपुर में खेले गए मैच में भारत ने नीदरलैंड्स से दो गोल से पिछड़ने के बाद 5-5 से बराबरी की थी और फिर पेनाल्टी शूटआउट में जीत हासिल कर हॉकी वर्ल्ड लीग फाइनल्स का अपना पहला पदक जीता था.

लगभग कुछ ऐसा ही रविवार को यहां के कलिंगा स्टेडियम में देखने को मिला. कोच ग्राहम रीड के मार्गदर्शन वाली भारतीय टीम ने कुछ इसी तरह का प्रदर्शन किया और नियमित समय में 3-3 से ड्रॉ रहा और पेनाल्टी शूटआउट में भारत ने 3-1 से नीदरलैंड्स को हरा दिया.

भारतीय हॉकी टीम
भारतीय हॉकी टीम
टीम के ड्रैगफ्लिकर रूपिंदर पाल सिंह ने सोमवार एक बयान में कहा है, "अगर यही दो साल पहले होता (दो जल्दी गोल खाना) को शायद हम वापसी नहीं कर पाते. लेकिन मुझे लगता है कि खिलाड़ी की परिपक्वता, जिम्मेदारी लेना, कोच के 'टैकल एंड प्ले फॉरवर्ड' की रणनीति को लागू करना, इस बात ने हमारी मदद की है. निश्चित तौर पर टीम के रवैये में बदलाव आया है."पहले मैच में भारत ने नीदरलैंड्स को 5-2 से मात दी थी, लेकिन दूसरे मैच टीम उतनी खतरनाक नहीं लगी जितनी पहले मैच में लगी थी.
नीदरलैंड और भारत की सीरीज का स्कोरकार्ड
नीदरलैंड और भारत की सीरीज का स्कोरकार्ड

ये भी पढ़े- FIH प्रो लीग: नीदरलैंड को हराकर भारत अंकतालिका में पहुंचा टॉप पर

मैच के बाद रीड ने कहा, "एक अच्छी बात ये थी कि हमने इस मैच को जीतने के लिए संघर्ष किया और कई बार संघर्ष करना अच्छा होता है क्योंकि इससे आप काफी कुछ सीखते हैं. इसने ये भी साबित किया है कि अगर हम अपनी आक्रामकता का उपयोग करेंगे, तो हम वापसी कर सकते हैं."

भारत को आने वाले दिनों में बेल्जियम और ऑस्ट्रेलिया जैसी टीमों के साथ खेलना है और रीड को लगता है कि टीम को अभी अपनी 'वन टू वन टैक्लिंग' और विपक्षी टीम के सर्किल में जगह बनाने पर काम करना है.

ग्राहम रीड
भारतीय हॉकी टीम के साथ कोच ग्राहम रीड
रीड ने कहा, "हम अभी कुछ ब्रेक ले रहे हैं और रविवार को कैम्प में लौटेंगे. बेल्जियम के साथ खेलने से पहले हमारे पास एक सप्ताह और आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलने से पहले दो सप्ताह का समय है. मुझे अभी लगता है कि हमारी वन टू वन टैक्लिंग में हमें सुधार करने की जरूरत है साथ ही जगह बनाने के लिए खिलाड़ीयों को छकाने की थ्रीडी स्किल्स पर भी हमें काम करना है। इससे हमें पेनाल्टी कॉर्नर हासिल करने में मदद मिलेगी."

भुवनेश्वर: एफआईएच हॉकी वर्ल्ड लीग फाइनल्स-2015 में रायपुर में खेले गए मैच में भारत ने नीदरलैंड्स से दो गोल से पिछड़ने के बाद 5-5 से बराबरी की थी और फिर पेनाल्टी शूटआउट में जीत हासिल कर हॉकी वर्ल्ड लीग फाइनल्स का अपना पहला पदक जीता था.

लगभग कुछ ऐसा ही रविवार को यहां के कलिंगा स्टेडियम में देखने को मिला. कोच ग्राहम रीड के मार्गदर्शन वाली भारतीय टीम ने कुछ इसी तरह का प्रदर्शन किया और नियमित समय में 3-3 से ड्रॉ रहा और पेनाल्टी शूटआउट में भारत ने 3-1 से नीदरलैंड्स को हरा दिया.

भारतीय हॉकी टीम
भारतीय हॉकी टीम
टीम के ड्रैगफ्लिकर रूपिंदर पाल सिंह ने सोमवार एक बयान में कहा है, "अगर यही दो साल पहले होता (दो जल्दी गोल खाना) को शायद हम वापसी नहीं कर पाते. लेकिन मुझे लगता है कि खिलाड़ी की परिपक्वता, जिम्मेदारी लेना, कोच के 'टैकल एंड प्ले फॉरवर्ड' की रणनीति को लागू करना, इस बात ने हमारी मदद की है. निश्चित तौर पर टीम के रवैये में बदलाव आया है."पहले मैच में भारत ने नीदरलैंड्स को 5-2 से मात दी थी, लेकिन दूसरे मैच टीम उतनी खतरनाक नहीं लगी जितनी पहले मैच में लगी थी.
नीदरलैंड और भारत की सीरीज का स्कोरकार्ड
नीदरलैंड और भारत की सीरीज का स्कोरकार्ड

ये भी पढ़े- FIH प्रो लीग: नीदरलैंड को हराकर भारत अंकतालिका में पहुंचा टॉप पर

मैच के बाद रीड ने कहा, "एक अच्छी बात ये थी कि हमने इस मैच को जीतने के लिए संघर्ष किया और कई बार संघर्ष करना अच्छा होता है क्योंकि इससे आप काफी कुछ सीखते हैं. इसने ये भी साबित किया है कि अगर हम अपनी आक्रामकता का उपयोग करेंगे, तो हम वापसी कर सकते हैं."

भारत को आने वाले दिनों में बेल्जियम और ऑस्ट्रेलिया जैसी टीमों के साथ खेलना है और रीड को लगता है कि टीम को अभी अपनी 'वन टू वन टैक्लिंग' और विपक्षी टीम के सर्किल में जगह बनाने पर काम करना है.

ग्राहम रीड
भारतीय हॉकी टीम के साथ कोच ग्राहम रीड
रीड ने कहा, "हम अभी कुछ ब्रेक ले रहे हैं और रविवार को कैम्प में लौटेंगे. बेल्जियम के साथ खेलने से पहले हमारे पास एक सप्ताह और आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलने से पहले दो सप्ताह का समय है. मुझे अभी लगता है कि हमारी वन टू वन टैक्लिंग में हमें सुधार करने की जरूरत है साथ ही जगह बनाने के लिए खिलाड़ीयों को छकाने की थ्रीडी स्किल्स पर भी हमें काम करना है। इससे हमें पेनाल्टी कॉर्नर हासिल करने में मदद मिलेगी."
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'टीमें में अभी और सुधार करने की जरूरत है'

 



ग्राहम रीड ने कहा,  'एक अच्छी बात ये थी कि हमने इस मैच को जीतने के लिए संघर्ष किया और कई बार संघर्ष करना अच्छा होता है क्योंकि इससे आप काफी कुछ सीखते हैं.' 



भुवनेश्वर: एफआईएच हॉकी वर्ल्ड लीग फाइनल्स-2015 में रायपुर में खेले गए मैच में भारत ने नीदरलैंड्स से दो गोल से पिछड़ने के बाद 5-5 से बराबरी की थी और फिर पेनाल्टी शूटआउट में जीत हासिल कर हॉकी वर्ल्ड लीग फाइनल्स का अपना पहला पदक जीता था.

लगभग कुछ ऐसा ही रविवार को यहां के कलिंगा स्टेडियम में देखने को मिला. कोच ग्राहम रीड के मार्गदर्शन वाली भारतीय टीम ने कुछ इसी तरह का प्रदर्शन किया और नियमित समय में 3-3 से ड्रॉ रहा और पेनाल्टी शूटआउट में भारत ने 3-1 से नीदरलैंड्स को हरा दिया.

टीम के ड्रैगफ्लिकर रूपिंदर पाल सिंह ने सोमवार एक बयान में कहा है, "अगर यही दो साल पहले होता (दो जल्दी गोल खाना) को शायद हम वापसी नहीं कर पाते. लेकिन मुझे लगता है कि खिलाड़ी की परिपक्वता, जिम्मेदारी लेना, कोच के 'टैकल एंड प्ले फॉरवर्ड' की रणनीति को लागू करना, इस बात ने हमारी मदद की है. निश्चित तौर पर टीम के रवैये में बदलाव आया है."

पहले मैच में भारत ने नीदरलैंड्स को 5-2 से मात दी थी, लेकिन दूसरे मैच टीम उतनी खतरनाक नहीं लगी जितनी पहले मैच में लगी थी.

मैच के बाद रीड ने कहा, "एक अच्छी बात ये थी कि हमने इस मैच को जीतने के लिए संघर्ष किया और कई बार संघर्ष करना अच्छा होता है क्योंकि इससे आप काफी कुछ सीखते हैं. इसने ये भी साबित किया है कि अगर हम अपनी आक्रामकता का उपयोग करेंगे, तो हम वापसी कर सकते हैं."

भारत को आने वाले दिनों में बेल्जियम और ऑस्ट्रेलिया जैसी टीमों के साथ खेलना है और रीड को लगता है कि टीम को अभी अपनी 'वन टू वन टैक्लिंग' और विपक्षी टीम के सर्किल में जगह बनाने पर काम करना है.

रीड ने कहा, "हम अभी कुछ ब्रेक ले रहे हैं और रविवार को कैम्प में लौटेंगे. बेल्जियम के साथ खेलने से पहले हमारे पास एक सप्ताह और आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलने से पहले दो सप्ताह का समय है. मुझे अभी लगता है कि हमारी वन टू वन टैक्लिंग में हमें सुधार करने की जरूरत है साथ ही जगह बनाने के लिए खिलाड़ीयों को छकाने की थ्रीडी स्किल्स पर भी हमें काम करना है। इससे हमें पेनाल्टी कॉर्नर हासिल करने में मदद मिलेगी."


Conclusion:
Last Updated : Feb 17, 2020, 6:53 PM IST
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