नई दिल्ली: भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह ने अपनी लीडरशिप क्वालिटी का श्रेय टीम के सीनियर खिलाड़ियों को दिया है, जोकि न केवल उन्हें मैदान पर सही फैसले लेने में उनकी मदद करते हैं बल्कि दूसरों को भी ये समझाते हैं कि टीम में 'मैं' जैसी कोई बात नहीं है.
मनप्रीत ने कहा,"भारतीय टीम का नेतृत्व करना, मेरे लिए काफी सुखद अनुभव रहा है. टीम की कप्तानी करना मेरे लिए बेहद सम्मान की बात है."
उन्होंने कहा,"मैं ज्यादा दबाव महसूस नहीं करता क्योंकि पीआर श्रेजेश, रुपिंदर पाल सिंह, एसवी सुनील और रमनदीप सिंह जैसे सीनियर खिलाड़ी, मेरी मदद करने के लिए वहां होते हैं. टीम के बारे में ये हमेशा हमारे लिए रहा है और व्यक्तिगत नहीं."
कोरोनावायरस के कारण देश में जारी लॉकडाउन के दौरान मनप्रीत ने अपनी टीम के साथ पूरा समय बेंगलुरु के भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) सेंटर में बिताया है.
कप्तान ने कहा,"हम बेहद भाग्यशाली थे कि लॉकडाउन के दौरान हम बेंगलुरु में भारतीय खेल प्राधिकरण के कैम्पस में ठहरे हुए थे. वहां पर हमने कई क्रियाएं की, जैसे वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए इंग्लिश क्लास लेना, अपनी प्रतिद्वंद्वी टीमों की वीडियो देखना और उनकी रणनीति को समझना. इसने हमें परिस्थितियों को समझने में मदद की."
मनप्रीत ने कहा,"बाहर जाने को लेकर हमारे पास प्रतिबंध था. लेकिन खुद की फिटनेस बनाए रखने के लिए मैंने अधिक से अधिक व्यायाम किया. हमने ज्यादातर शरीर की भार वाली ट्रेनिंग की और व्यक्तिगत तौर पर कैम्पस के अंदर चार-पांच किलोमीटर की दौड़ लगाई."
मनप्रीत ने टोक्यो ओलंपिक को लेकर कहा,"जब मैंने पहली बार सुना कि ओलंपिक को स्थगित कर दिया गया है तो मैं निराश था. हालांकि, मुझे पता था कि सबसे अच्छा निर्णय लिया गया है, खासकर इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए कि इस समय पूरी दुनिया इस महामारी से लड़ रही है."