भुवनेश्वर: भारतीय हॉकी टीम के कोच ग्राहम रीड ने दो मैचों के ओलंपिक क्वालीफायर से पहले अपने खिलाड़ियों को स्पष्ट संदेश दिया कि हर टीम का सम्मान करो.
कोच रीड इस बात को बखूबी जानते हैं कि आत्ममुग्धता का पेशेवर खेल में कोई स्थान नहीं है और यह संदेश उन्होंने भारतीय टीम का मुख्य कोच बनने के दिन ही खिलाड़ियों को दे दिया था. भारतीय टीम शुक्रवार और शनिवार को अपने से निचली रैंकिंग वाली रूसी टीम से भिड़ेगी.
इसमें भारतीयों को प्रबल दावेदार माना जा रहा है लेकिन रीड इस बात से भली भांति वाकिफ हैं कि एक खराब दिन से उनकी टीम का ओलंपिक सपना टूट सकता है.
मैच की पूर्व संध्या पर उन्होंने कहा, "हर टीम का सम्मान करो. अगर आप ओलंपिक क्वालीफायर में पिछले हफ्तों के मैचों को देखो तो पहली चीज आप यही देखोगे कि आत्ममुग्धता कैसे टीम को नुकसान पहुंचा सकती है.
उन्होंने कहा, "जब से मैं टीम से जुड़ा हूं, तब से मेरा संदेश यही रहा है. हर टीम का सम्मान करो, जैसे कि आप दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम के खिलाफ खेल रहे हो. हमने अच्छी तैयारी की है जितनी हम कर सकते थे और हम तैयार हैं."
भारतीय कप्तान मनप्रीत सिंह भी अपने कोच से सहमत थे, उन्होंने कहा, "जब से हम यहां आये हैं, तब से हम यही कह रहे हैं कि प्रतिद्वंद्वी को कभी कमतर मत समझो. हमारी मानसिकता जीतने की होनी चाहिए. सभी सीनियर खिलाड़ी जैसे रूपिंदर पाल सिंह या पीआरश्रीजेश युवाओं को यही कहते हैं कि यह मत समझो की चीजें आसान होंगी."