नई दिल्ली: केंद्रीय खेल मंत्री किरन रिजिजू ने मॉस्को ओलंपिक 1980 के स्वर्ण पदक विजेता भारतीय हॉकी टीम के पूर्व सदस्य रविंदर पाल सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है.
सिंह का कोरोना संक्रमण बीमारी के कारण यहां एक अस्पताल में निधन हो गया. वो 65 वर्ष के थे. 1984 लॉस एंजेलिस ओलंपिक खेलने वाले सिंह 24 अप्रैल से ही एक अस्पताल में भर्ती थे. उनकी तबीयत में सुधार होने और कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था.
-
I'm deeply saddened to learn that Shri Ravinder Pal Singh ji has lost the battle to Covid19. With his passing away India loses a golden member of the hockey team that won Gold in the 1980 Moscow Olympics. His contribution to Indian sports will always be remembered. Om Shanti🙏 pic.twitter.com/rCE1pcaIgx
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) May 8, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">I'm deeply saddened to learn that Shri Ravinder Pal Singh ji has lost the battle to Covid19. With his passing away India loses a golden member of the hockey team that won Gold in the 1980 Moscow Olympics. His contribution to Indian sports will always be remembered. Om Shanti🙏 pic.twitter.com/rCE1pcaIgx
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) May 8, 2021I'm deeply saddened to learn that Shri Ravinder Pal Singh ji has lost the battle to Covid19. With his passing away India loses a golden member of the hockey team that won Gold in the 1980 Moscow Olympics. His contribution to Indian sports will always be remembered. Om Shanti🙏 pic.twitter.com/rCE1pcaIgx
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) May 8, 2021
रिजिजू ने सिंह के निधन पर अपनी संवदेनाएं प्रकट करते हुए कहा, "मुझे यह जानकर गहरा दुख: हुआ कि रविंदर पाल सिंह जी कोविड-19 की लड़ाई हार गए. उनके निधन के साथ, ही भारत ने एक गोल्डन सदस्य खो दिया है, जो 1980 के मास्को ओलंपिक में स्वर्ण जीतने वाली हॉकी टीम के सदस्य. भारतीय खेलों में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा."
मॉस्को और लॉस एंजेलिस ओलंपिक के अलावा, सिंह कराची में चैंपियंस ट्रॉफी (1980 और 1983), सिल्वर जुबली 10-नेशन कप (हांगकांग 1983), विश्व कप (मुंबई, 1982), एशिया सहित कई शीर्ष अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भी खेले थे.
सिंह ने उस समय अपने अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरूआत की थी, जब 1979 में उन्हें जूनियर विश्व कप टीम में शामिल किया गया था.
सिंह की भतीजी प्रज्ञा यादव ने बुधवार को, पूर्व खिलाड़ी के लिए हॉकी इंडिया से वित्तीय सहायता का अनुरोध किया था और महासंघ के अध्यक्ष ने उनके इलाज और अस्पताल में रहने के लिए पांच लाख रुपये की राशि मंजूर की थी.