बेंगलुरु : भारतीय महिला हॉकी टीम की फॉरवर्ड उदिता ने कहा है कि भारतीय टीम के साथ ये शानदार सफर रहा है. मैं रानी और वंदना को अपना आदर्श मानती हूं और मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है. वे बहुत अनुभवी खिलाड़ी हैं और टीम के साथ रहते समय उन्होंने हमेशा मेरा समर्थन किया है."
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मैं किसी दिन उनके जैसी बन सकूं
उन्होंने कहा, " मैं बहुत ही भाग्यशाली हूं कि मेरे साथ उनकी जैसी सीनियर हैं. मैं उन पर बहुत करीब से नजर रखती हूं कि मैच से पहले वे कैसे अभ्यास करती हैं. मेरी तमन्ना है कि काश मैं किसी दिन उनके जैसी बन सकूं"
हरियाणा की उदिता के लिए यहां तक का सफर आसान नहीं रहा है. 2015 में ही उन्होंने अपने पिता को खो दिया था और फिर यहां तक पहुंचने के लिए उनकी मां ने उन्हें बहुत सपोर्ट किया.
वो मेरी दोस्त की तरह हैं
उदिता ने कहा, " मेरी जिंदगी में मेरी मां बहुत महत्वपूर्ण है. 2015 में अपने पिता को खोने के बाद से मेरी मां ने मेरा पूरा सपोर्ट किया है. मैं अपनी मां की बदौलत ही आज भारतीय हॉकी टीम में हूं. वो मेरी दोस्त की तरह हैं. मेरी मां मेरे लिए कितनी महत्वपूर्ण है, इसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकती."