बेंगलुरू : भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने तीन साल पहले आज ही के दिन भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में ओडिशा पुरुष हॉकी विश्व लीग फाइनल 2017 के अपने शुरुआती मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 1-1 से ड्रा खेला था. यह एक ऐसा टूर्नामेंट था, जिसमें भारतीय डिफेंडर हरमनप्रीत सिंह ने टीम में अपनी दावेदारी पेश की और अपने शानदार प्रदर्शन से भारत को घरेलू दर्शकों के सामने कांस्य पदक जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
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हरमनप्रीत ने कहा, " निश्चित रूप से यह मेरे लिए सबसे बड़े टूर्नामेंटों में से एक था, खासकर सीनियर टीम के साथ. 2016 में एफआईएच जूनियर पुरुष विश्व कप जीतने के बाद, ओडिशा पुरुष हॉकी विश्व लीग फाइनल 2017 ने मुझे काफी रोमांचित किया."
24 साल के हरमनप्रीत का मानना है कि अनुभवी रूपिंदर वाल के साथ खेलने से उन्हें अपने करियर में काफी मदद मिली है.
उन्होंने कहा, " मैंने हमेशा रूपिंदर की ओर देखा है क्योंकि जब मैं जूनियर था, तो रूपिंदर हमेशा मैदान पर असाधारण प्रदर्शन करते थे. इसलिए जब भी उनके साथ एक ही कमरे में अभ्यास, खेलने और साझा करने का मौका मिला वह मेरे लिए एक सम्मान की तरह था. मैंने रूपिंदर से बहुत कुछ सीखा है. मुझे उम्मीद है कि हम दोनों आगे भी टीम के लिए खेलना जारी रखेंगे."
हरमनप्रीत ने जर्मनी के खिलाफ कांस्य पदक मुकाबले में पेनल्टी पर गोल किया था.
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डिफेंडर ने कहा, " मुझे लगता है कि यह एक शानदार पल था क्योंकि पूरा कलिंगा स्टेडियम इस गोल से खुशी से उछल पड़ा था. आपके करियर में ऐसे पल बहुत कम होते हैं जिन्हें आप हमेशा गर्व से बहुत याद करते हैं और यह निश्चित रूप से मेरे लिए सर्वश्रेष्ठ और यादगार पल था. यह सीनियर टीम के साथ मेरा पहला प्रमुख पदक था."