मोहाली: पद्मश्री से सम्मानित और तीन बार की ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता रही भारतीय हॉकी टीम के पूर्व सदस्य व महान खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर का सोमवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया.
भारत के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में शामिल बलबीर सिंह सीनियर लंबे समय से बीमार चल रहे थे. मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था.
बलबीर को जुलाई 2019 में भी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उस समय पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी उनसे मिलने पहुंचे थे.
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बलबीर सिंह सीनियर ने अपने करियर के दौरान कई उपलब्धियां अपने नाम की.
- बलबीर लंदन ओलंपिक-1948, हेलसिंकी ओलंपिक-1952 और मेलबर्न ओलंपिक-1956 में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे. 1952 ओलंपिक खेलों के स्वर्ण पदक के मैच में बलबीर ने नीदरलैंड्स के खिलाफ पांच गोल किए थे और भारत को 6-1 से जीत दिलाई थी.
- इसके साथ ही फाइनल मैच में सबसे ज्यादा गोल करने का रिकॉर्ड उन्होंने अपने नाम किया था और यह रिकॉर्ड अभी भी बरकरार है.
- हेलसिंकी ओलंपिक में उन्हें टीम का उप-कप्तान बनाया गया है. इसमें वे भारत की ओर से धव्ज वाहक रहे थे. इस साल उन्होंने कुल 13 गोल किए थे.बलबीर सिंह सीनियर
- साथ ही बलबीर विश्व कप-1971 में कांस्य और विश्व कप-1975 जीतने वाली भारतीय टीम के मुख्य कोच थे.
- बलबीर सिंह सीनियर ने अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू 1947 में भारत के श्रीलंका दौरे पर किया.उन्होंने साल 1948 में अर्जेंटीना के खिलाफ ओलंपिक में अपना पहला मैच खेला. उन्होंने इस मैच में अपने प्रदर्शन से सबसे चौंका दिया था.
- मेलबर्न ओलंपिक-1956 में बलबीर सिंह बतौर भारतीय हॉकी टीम के कप्तान बनकर गए थे. हालांकि वे पहले ही मैच में घायल हो गए थे.
- बलबीर सिंह की उपलब्धियों की लिस्ट काफी लंबी हैं. ओलंपिक गेम्स में उन्होंने बहुत कुछ हासिल किया. इसके साथ ही वे एशियन गेम्स (1958-1962) में रजत पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे.बलबीर सिंह सीनियर
- वह 1975 विश्व कप विजेता भारतीय हॉकी टीम के मैनेजर भी रहे.
- उनकी उपलब्धियों के लिए उन्हें साल 1957 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया. ये सम्मान पाने वाले वे पहले स्पोर्टस पर्सन थे.
- साल 2015 में उन्हें हॉकी इंडिया द्वारा मेजर ध्यान चंद लाइफ टाइम एचीवमेंट अवॉर्ड के लिए चुना गया था.