कोलकाता: भारतीय पुरुष फुटबॉल टीम के स्ट्राइकर जेजे लालपेखलुआ का मानना है कि देश में फुटबॉल को बढ़ावा देने के लिए इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) जो कुछ कर सकता था, वो उसने किया है और अब ये खिलाड़ियों के ऊपर निर्भर है कि वे इसे आगे लेकर जाएं.
वर्ष 2014 में शुरू हुई ये लीग अब भारत की प्रमुख फुटबॉल लीग बन गई है. पिछले सीजन से ही लीग की विजेता टीम को एएफसी चैंपियंस लीग में सीधे प्रवेश मिलती है.
लालपेखलुआ ने आईएसएल से कहा, "2007-2008 में हमारे समय की तुलना में, जब मैं पेशेवर बना था, तो उस समय हमें ऐसी सुविधाएं कभी नहीं मिलीं, जैसा कि अब आईएसएल में है. अब चीजें बदल गई है. भारतीय फुटबॉल को अगले स्तर तक ले जाने के लिए अब खिलाड़ी काफी महत्वपूर्ण है. खिलाड़ी काफी भाग्यशाली हैं कि उन्हें ये मौका मिला है. उन्हें इस मौके को दोनों हाथों से लपकने और इसका फायदा उठाने की जरूरत है."
आईएसएल लीग में चेन्नइयन एफसी के लिए खेलने चुके लालपेखुलआ, एएफसी चैंपियंस लीग में गोल करने वाले आईएसएल क्लब के पहले खिलाड़ी हैं. उन्होंने श्रीलंका के कोलंबो एफसी के खिलाफ गोल दागा था.
उन्होंने कहा, "मेरे करियर में, मुझे जो पहली सही कोचिंग मिली थी, तब मैं 17 साल का था. अगर मैंने पहले ही कोचिंग प्राप्त कर ली होती, जब मैं 7-8 साल का था, तो निश्चित रूप से मैं एक फुटबॉलर के रूप में बहुत बेहतर हो सकता था. यदि वे (युवा) कड़ी मेहनत करते हैं, तो सब कुछ ठीक हो जाएगा. लेकिन मुख्य रूप से ये उन पर निर्भर है कि वे अपना करियर बनाएं."
जेजे लालपेखलुआ ने भारतीय टीम के लिए 56 दाफा खेलते हुए 23 गोल दागे है. साल 2015 के आईएसएल सीजन में लालपेखलुआ चेन्नइयन एफसी के लिए सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाडी थे.