नई दिल्ली: भारत के उदीयमान डिफेंडर अनवर अली को अभ्यास नहीं करने के लिए कहा गया है क्योंकि उनकी नवीनतम चिकित्सा रिपोर्ट को एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफसी) के पास भेजा गया है. अनवर को जन्म से ही हृदयसंबंधी परेशानियां हैं जिसके बारे में कुछ महीने पहले पता चला था. इससे उनके करियर पर भी सवालिया निशान लग गया है.
अंडर-17 विश्व कप 2017 में प्रभावशाली प्रदर्शन करने वाले अनवर का पिछले सप्ताह कोलकाता के एक शीर्ष निजी अस्पताल में रक्त परीक्षण, सीटी स्कैन और एमआरआई किया गया. इसकी रिपोर्ट पहले अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की चिकित्सा समिति को भेजी गई थी.
आईलीग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनंदो धर ने कहा, ''उनकी रिपोर्ट एएफसी को भेज दी गई है और अंतिम फैसला आने तक उन्हें अभ्यास नहीं करने के लिए कहा गया है. फुटबॉल में उनके भविष्य को लेकर फैसला इस सप्ताहांत तक हो जाना चाहिए."
उन्होंने साफ तौर पर कहा कि फैसला अभी तक नहीं किया गया है, लेकिन एआईएफएफ सूत्रों के अनुसार अनवर के नवीनतम परीक्षणों की रिपोर्ट उन्हें प्रतिस्पर्धी फुटबॉल खेलने की अनुमति देने के लिए बहुत अच्छी नहीं हैं. इस सेंटर बैक की बीमारी का पता पिछले साल चला था और तभी से उनका करियर अधर में लटक गया था. फ्रांस और मुंबई में शीर्ष चिकित्सकों से परामर्श करने के बाद आईएसएल फ्रेंचाइजी मुंबई सिटी एफसी के साथ उनका करार समाप्त कर दिया गया था.
अनवर एआईएफएफ की विकास टीम का हिस्सा थे. अंडर-17 विश्व कप में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था जिसकी मेजबानी भारत ने की थी. उनके कौशल से प्रभावित होकर भारतीय कोच इगोर स्टिमक ने उन्हें शिविर में बुलाया, लेकिन तीन हृदयरोग विशेषज्ञों ने कहा कि फुटबॉल खेलना उनके लिए जोखिम भरा हो सकता है. अनवर ने हालांकि हार नहीं मानी और जालंधर के पास अपने गांव में अभ्यास शुरू कर दिया. उन्हें आगामी आई-लीग सत्र के लिए मोहम्मडन स्पोर्टिंग ने अनुबंधित किया था.
एआईएफएफ महासचिव कुशल दास ने कहा कि महासंघ अनवर जैसे खिलाड़ी को चाहता है, लेकिन उनकी जान की कीमत पर नहीं. दास ने कहा, ''कई परीक्षण करवाए गए. उन्हें विशेष जांच के लिए स्पेन भेजा गया. मुंबई के नानावटी अस्पताल में भी उनकी जांच की गई. हम दुआ कर रहे है कि वो स्वस्थ रहे. वो हमारे बेहद प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में से एक है, लेकिन हम जोखिम नहीं ले सकते. हम किसी खिलाड़ी को जोखिम में नहीं डाल सकते."