नई दिल्ली: मणिपुर की थोऊनाओजाम क्रिटिना देवी फीफा अंडर-17 विश्व कप में हिस्सा लेने वाली अपने परिवार की तीसरी सदस्य बनने को तैयार हैं लेकिन उनकी इस यात्रा में उन्हें कई बाधाओं का सामना करना पड़ा. जब क्रिटिना ने खेलना शुरू किया था तो उनके किसान पिता इसके खिलाफ थे.
भारत ने 2017 में पुरूष फीफा अंडर-17 विश्व कप की मेजबानी की थी तब कियाम अमरजीत सिंह कप्तान थे और थोऊनाओजाम जैकसन सिंह उस टूर्नामेंट में गोल करने वाले देश के एकमात्र खिलाड़ी थे जिससे वह विश्व कप में गोल करने वाले पहले भारतीय बने थे.
![Thounaojam Kritina Devi, Football, FIFA U-17 Women's World Cup](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8844807_india-womens-football.jpg)
उनकी चचेरी बहन क्रिटिना को अगले साल फरवरी-मार्च में देश में होने वाले महिला फीफा अंडर-17 विश्व कप के लिए भारतीय टीम में चुने जाने की उम्मीद है.
क्रिटिना ने कहा, "मेरे पिता किसान हैं और मां घर पर ही रहती है. हमारी खेती के लिए छोटी सी जमीन है जिस पर हमारा जीवनयापन हो रहा है. लेकिन फुटबॉल मेरे खून में है और मैंने 10 साल की उम्र से खेलना शुरू किया था."
![Thounaojam Kritina Devi, Football, FIFA U-17 Women's World Cup](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8844807_fifa_u17_womens_world_cup_india-2020.jpg)
उन्होंने कहा, "मेरे पिता मुझे पढ़ाई पर ध्यान लगाने को कहते थे. जब मैंने उनसे फुटबॉल के जूते खरीदने को कहा तो उन्होंने इनकार कर दिया. फिर मैंने अपनी मां को मनाया और अपने पिता से जूते खरीदवाने को कहा."
फिर क्रिटिना के अंकल देबेन सिंह (जैकसन के पिता) ने उसके पिता को मनाया जिन्होंने उन्हें जूते दिलवा दिए. यह बात सात साल पहले की है और अब क्रिटिना देश का प्रतिनिधित्व करने को तैयार है.
क्रिटिना ने कहा, "जब मैंने अमरजीत और जैकसन को अंडर-17 विश्व कप में खेलते हुए देखा तो मैंने एक दिन ऐसा ही करने का सपना देखा. मैं अगले साल यादगार प्रदर्शन करना चाहती हूं."