लिस्बन : यूरोपीय फुटबॉल के सबसे बड़े टूर्नामेंट के फाइनल में लेवांडोव्स्की की प्रतिनिधित्व वाली टीम बायर्न म्यूनिख ने पेरिस सेंट-जर्मेन को यहां 1-0 हराया. ये पहली बार जब वह इस खिताब को जीतने वाली टीम का हिस्सा है.
कोविड-19 महामारी के कारण लंबे समय तक निलंबित हुई यूएफा चैंपियंस लीग का पहला मैच शुरू होने के 425 दिनों के बाद हुए फाइनल मैच में पीएसजी के स्टार खिलाड़ी नेमार का जादू देखने को नहीं मिला.
बायर्न म्यूनिख की टीम छठी बार चैम्पियंस लीग की विजेता बनीं है. टीम इससे पहले 2013 में चैम्पियन बनी थी तब लेवांडोव्स्की उप-विजेता बोरूसिया डोर्टमुंड टीम में थे. इस बार के फाइनल से पहले उनके टीम में रहते हुए बार्यन म्यूनिख ने चार बार सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था.
बता दें कि इससे पहले बायर्न की टीम सात साल पहले (2013) फाइनल में पहुंची थी और चैंपियन भी बनी थी. इससे पहले बायर्न 1974, 1975, 1976, 2001 के अलावा 2013 में चैंपियन बनी थी. बायर्न का ये छठा खिताब है.
-
Never stop dreaming. Never give up when you fail. Work hard to achieve your goal🏆💪 @fcbayern #MiaSanMia pic.twitter.com/iYTD8ROYoK
— Robert Lewandowski (@lewy_official) August 23, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">Never stop dreaming. Never give up when you fail. Work hard to achieve your goal🏆💪 @fcbayern #MiaSanMia pic.twitter.com/iYTD8ROYoK
— Robert Lewandowski (@lewy_official) August 23, 2020Never stop dreaming. Never give up when you fail. Work hard to achieve your goal🏆💪 @fcbayern #MiaSanMia pic.twitter.com/iYTD8ROYoK
— Robert Lewandowski (@lewy_official) August 23, 2020
इस 32 साल के खिलाड़ी ने ट्रॉफी और पोलैंड के झंडे के साथ ट्वीट किया, ''सपने देखना कभी बंद नहीं करें. असफल होने पर कभी हार ना माने. अपने लक्ष्य को पाने के लिए कड़ी मेहनत करें.''
-
🙌🙌🙌🙌🙌🙌 #20in2020 pic.twitter.com/B2RkcPs2za
— CHAMPIONS OF EUROPE 🏆 (@FCBayern) July 4, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">🙌🙌🙌🙌🙌🙌 #20in2020 pic.twitter.com/B2RkcPs2za
— CHAMPIONS OF EUROPE 🏆 (@FCBayern) July 4, 2020🙌🙌🙌🙌🙌🙌 #20in2020 pic.twitter.com/B2RkcPs2za
— CHAMPIONS OF EUROPE 🏆 (@FCBayern) July 4, 2020
लीग के 10 मैचों में 15 गोल करने वाले लेवांडोव्स्की फाइनल में गोल करने में असफल रहे लेकिन किंग्सले कोमैन के 59वें मिनट में किये गये गोल की मदद से बायर्न म्यूनिख चैम्पियन बना. लीग के मौजूदा सत्र में ये पहला मौका था जब वो लेवांडोव्स्की गोल करने में असफल रहे और क्रिस्टियानो रोनाल्डो के एक सत्र में 17 गोल के रिकॉर्ड तक नहीं पहुंच सके.