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'ISL ने भारतीय खिलाड़ियों को बड़े मैचों के लिए तैयार किया है' - indian football team news

भारत के पूर्व फुटबॉलर जो पॉल एनचेरी ने कहा है कि इंडियन सुपर लीग ने भारतीय खिलाड़ियों को बड़े मुकाबलों के लिए तैयार किया है. साथ ही उन्होंने एशियन चैम्पियन कतर के खिलाफ भारतीय टीम के शानदार प्रदर्शन की तारीफ भी की है.

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Published : Sep 24, 2019, 6:47 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 8:43 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व मिडफील्डर जो पॉल एनचेरी का मानना है कि इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) ने भारत के खिलाड़ियों को बड़े मैचों के लिए तैयार करने में बेहद अहम भूमिका निभाई है.

भारत ने हाल में फीफा विश्व कप क्वालीफायर्स में मौजूदा एशियन चैम्पियन कतर के खिलाफ दमदार प्रदर्शन करते हुए गोल रहित ड्रॉ खेला और सभी ने इस नतीजे के लिए टीम की जमकर तारीफ की.

एनचेरी ने कहा, "इससे पहले आपके पास कुछ अच्छे विदेशी खिलाड़ी थे. लेकिन आईएसएल के कारण कई बड़े विदेशी नाम देश में आने लगे है और एक लय बनी है.

भारतीय फुटबॉल टीम
भारतीय फुटबॉल टीम
आईएसएल के आने से देश में खेल ने एक आकार लिया है. आपको क्या लगता है कि भारतीय टीम अच्छा फुटबाल क्यों खेल रही है, ऐसा इसलिए है क्योंकि अच्छे खिलाड़ी यहां आ रहे हैं और प्रतिस्पर्धा कठिन है और भारतीय खिलाड़ी भी बेहतर कर रहे हैं क्योंकि वे सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करना चाहते हैं."

एनचेरी ने कहा, "आईएसएल में होने वाली प्रतिस्पर्धा भारतीय खिलाड़ियों को अन्य देशों का सामना करने के लिए तैयार करती है. मेरे मुताबिक इसी कारण हमने कतर के खिलाफ दमदार प्रदर्शन किया."

हालांकि, कप्तान सुनील छेत्री के अलावा देश में किसी अन्य बेहतरीन स्ट्राइकर का न होना एनचेरी को चिंतित कर रहा है.

एनचेरी ने कहा, "मुझे अंडर-20 या अंडर-23 टीम में ऐसा कोई खिलाड़ी नहीं दिखता जो छेत्री की जगह ले सके. बलवंत सिंह और जेजे लालपेखलुआ वहा हैं, लेकिन हमें ऐसे स्ट्राइकर ढूंढने होंगे जो लगातार गोल कर सकें. हम बहुत अच्छी तरह से डिफेंड कर सकते हैं. हमारी पासिंग भी बहुत अच्छी है, लेकिन समस्या गोल स्कोरिंग की है."

उन्होंने इस समस्या का कारण बताते हुए कहा, "सबसे महत्वपूर्ण चीज ये है कि ज्यातर क्लबों के पास विदेशी स्ट्राइकर हैं और इसी वजह से भारत के स्ट्राइकर को मौका नहीं मिल रहा."

ये भी पढ़े- कोहली ने लॉन्च की एफसी गोवा की नई होम जर्सी

एनचेरी ने केरल की टीम गोकुलाम एफसी के डुरंड कप जीतने पर भी खुशी जाहिर की लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि टूर्नामेंट को और अधिक संगठित होकर युवा खिलाड़ियों को फुटबाल को अपनाने के लिए प्रेरित करना चाहिए.

उन्होंने कहा, "गोकुलाम और केरला ब्लास्टर्स ने केरल को दोबारा भारतीय फुटबॉल में पहचान दिलाई है. उन्होंने शुरुआत में ट्रॉफी नहीं जीती, लेकिन डुरंड कप एक अच्छा कदम है. दोनों क्लबों ने युवाओं को मौका दिया है.

समस्या ये है कि टूर्नामेंट ज्यादा नहीं है और स्थानीय लीग उतनी ज्यादा प्रतिस्पर्धी नहीं है. खिलाड़ियों को ज्यादा मौके नहीं मिलते और मैदानों की भी कमी है. हालांकि, इसके बावजूद भारतीय टीम में हमारे राज्य से तीन खिलाड़ी हैं-सहल अब्दुल समाद, आशिक कुरुनियान और अनस एडाथोडिका. ये एक अच्छा संकेत है."

नई दिल्ली : भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व मिडफील्डर जो पॉल एनचेरी का मानना है कि इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) ने भारत के खिलाड़ियों को बड़े मैचों के लिए तैयार करने में बेहद अहम भूमिका निभाई है.

भारत ने हाल में फीफा विश्व कप क्वालीफायर्स में मौजूदा एशियन चैम्पियन कतर के खिलाफ दमदार प्रदर्शन करते हुए गोल रहित ड्रॉ खेला और सभी ने इस नतीजे के लिए टीम की जमकर तारीफ की.

एनचेरी ने कहा, "इससे पहले आपके पास कुछ अच्छे विदेशी खिलाड़ी थे. लेकिन आईएसएल के कारण कई बड़े विदेशी नाम देश में आने लगे है और एक लय बनी है.

भारतीय फुटबॉल टीम
भारतीय फुटबॉल टीम
आईएसएल के आने से देश में खेल ने एक आकार लिया है. आपको क्या लगता है कि भारतीय टीम अच्छा फुटबाल क्यों खेल रही है, ऐसा इसलिए है क्योंकि अच्छे खिलाड़ी यहां आ रहे हैं और प्रतिस्पर्धा कठिन है और भारतीय खिलाड़ी भी बेहतर कर रहे हैं क्योंकि वे सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करना चाहते हैं."

एनचेरी ने कहा, "आईएसएल में होने वाली प्रतिस्पर्धा भारतीय खिलाड़ियों को अन्य देशों का सामना करने के लिए तैयार करती है. मेरे मुताबिक इसी कारण हमने कतर के खिलाफ दमदार प्रदर्शन किया."

हालांकि, कप्तान सुनील छेत्री के अलावा देश में किसी अन्य बेहतरीन स्ट्राइकर का न होना एनचेरी को चिंतित कर रहा है.

एनचेरी ने कहा, "मुझे अंडर-20 या अंडर-23 टीम में ऐसा कोई खिलाड़ी नहीं दिखता जो छेत्री की जगह ले सके. बलवंत सिंह और जेजे लालपेखलुआ वहा हैं, लेकिन हमें ऐसे स्ट्राइकर ढूंढने होंगे जो लगातार गोल कर सकें. हम बहुत अच्छी तरह से डिफेंड कर सकते हैं. हमारी पासिंग भी बहुत अच्छी है, लेकिन समस्या गोल स्कोरिंग की है."

उन्होंने इस समस्या का कारण बताते हुए कहा, "सबसे महत्वपूर्ण चीज ये है कि ज्यातर क्लबों के पास विदेशी स्ट्राइकर हैं और इसी वजह से भारत के स्ट्राइकर को मौका नहीं मिल रहा."

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एनचेरी ने केरल की टीम गोकुलाम एफसी के डुरंड कप जीतने पर भी खुशी जाहिर की लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि टूर्नामेंट को और अधिक संगठित होकर युवा खिलाड़ियों को फुटबाल को अपनाने के लिए प्रेरित करना चाहिए.

उन्होंने कहा, "गोकुलाम और केरला ब्लास्टर्स ने केरल को दोबारा भारतीय फुटबॉल में पहचान दिलाई है. उन्होंने शुरुआत में ट्रॉफी नहीं जीती, लेकिन डुरंड कप एक अच्छा कदम है. दोनों क्लबों ने युवाओं को मौका दिया है.

समस्या ये है कि टूर्नामेंट ज्यादा नहीं है और स्थानीय लीग उतनी ज्यादा प्रतिस्पर्धी नहीं है. खिलाड़ियों को ज्यादा मौके नहीं मिलते और मैदानों की भी कमी है. हालांकि, इसके बावजूद भारतीय टीम में हमारे राज्य से तीन खिलाड़ी हैं-सहल अब्दुल समाद, आशिक कुरुनियान और अनस एडाथोडिका. ये एक अच्छा संकेत है."

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'ISL ने भारतीय खिलाड़ियों को बड़े मैचों के लिए तैयार किया है'



 





भारत के पूर्व फुटबॉलर जो पॉल एनचेरी ने कहा है कि इंडियन सुपर लीग ने भारतीय खिलाड़ियों को बड़े मुकाबलों के लिए तैयार किया है. साथ ही उन्होंने एशियन चैम्पियन कतर के खिलाफ भारतीय टीम के शानदार प्रदर्शन की तारीफ भी की है.





नई दिल्ली : भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व मिडफील्डर जो पॉल एनचेरी का मानना है कि इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) ने भारत के खिलाड़ियों को बड़े मैचों के लिए तैयार करने में बेहद अहम भूमिका निभाई है.



भारत ने हाल में फीफा विश्व कप क्वालीफायर्स में मौजूदा एशियन चैम्पियन कतर के खिलाफ दमदार प्रदर्शन करते हुए गोल रहित ड्रॉ खेला और सभी ने इस नतीजे के लिए टीम की जमकर तारीफ की.

एनचेरी ने कहा, "इससे पहले आपके पास कुछ अच्छे विदेशी खिलाड़ी थे. लेकिन आईएसएल के कारण कई बड़े विदेशी नाम देश में आने लगे है और एक लय बनी है.

आईएसएल के आने से देश में खेल ने एक आकार लिया है. आपको क्या लगता है कि भारतीय टीम अच्छा फुटबाल क्यों खेल रही है, ऐसा इसलिए है क्योंकि अच्छे खिलाड़ी यहां आ रहे हैं और प्रतिस्पर्धा कठिन है और भारतीय खिलाड़ी भी बेहतर कर रहे हैं क्योंकि वे सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करना चाहते हैं."



एनचेरी ने कहा, "आईएसएल में होने वाली प्रतिस्पर्धा भारतीय खिलाड़ियों को अन्य देशों का सामना करने के लिए तैयार करती है. मेरे मुताबिक इसी कारण हमने कतर के खिलाफ दमदार प्रदर्शन किया."



हालांकि, कप्तान सुनील छेत्री के अलावा देश में किसी अन्य बेहतरीन स्ट्राइकर का न होना एनचेरी को चिंतित कर रहा है.



एनचेरी ने कहा, "मुझे अंडर-20 या अंडर-23 टीम में ऐसा कोई खिलाड़ी नहीं दिखता जो छेत्री की जगह ले सके. बलवंत सिंह और जेजे लालपेखलुआ वहा हैं, लेकिन हमें ऐसे स्ट्राइकर ढूंढने होंगे जो लगातार गोल कर सकें. हम बहुत अच्छी तरह से डिफेंड कर सकते हैं. हमारी पासिंग भी बहुत अच्छी है, लेकिन समस्या गोल स्कोरिंग की है."



उन्होंने इस समस्या का कारण बताते हुए कहा, "सबसे महत्वपूर्ण चीज ये है कि ज्यातर क्लबों के पास विदेशी स्ट्राइकर हैं और इसी वजह से भारत के स्ट्राइकर को मौका नहीं मिल रहा."



एनचेरी ने केरल की टीम गोकुलाम एफसी के डुरंड कप जीतने पर भी खुशी जाहिर की लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि टूर्नामेंट को और अधिक संगठित होकर युवा खिलाड़ियों को फुटबाल को अपनाने के लिए प्रेरित करना चाहिए.



उन्होंने कहा, "गोकुलाम और केरला ब्लास्टर्स ने केरल को दोबारा भारतीय फुटबॉल में पहचान दिलाई है. उन्होंने शुरुआत में ट्रॉफी नहीं जीती, लेकिन डुरंड कप एक अच्छा कदम है. दोनों क्लबों ने युवाओं को मौका दिया है.

समस्या ये है कि टूर्नामेंट ज्यादा नहीं है और स्थानीय लीग उतनी ज्यादा प्रतिस्पर्धी नहीं है. खिलाड़ियों को ज्यादा मौके नहीं मिलते और मैदानों की भी कमी है. हालांकि, इसके बावजूद भारतीय टीम में हमारे राज्य से तीन खिलाड़ी हैं-सहल अब्दुल समाद, आशिक कुरुनियान और अनस एडाथोडिका. ये एक अच्छा संकेत है."


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Last Updated : Oct 1, 2019, 8:43 PM IST
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