नई दिल्ली: भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व मिडफील्डर स्टीवन डियास ने कहा है कि 2008 में एएफसी चैलेंज कप की जीत में कोच बॉब ह्यूटन का बहुत बड़ा योगदान था. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एएफसी चैलेंज कप 2008 की जीत की 12वीं वर्षगांठ पर डियास ने एक बार फिर से अपनी यादों को ताजा किया.
डियास ने कहा, "भारतीय टीम की जर्सी पहनकर कुछ यादगार मैच खेलना मेरे लिए सम्मान की बात थी. हालांकि, अगर मुझे अपना पसंदीदा चुनना है, तो मेरे लिए 2008 में एएफसी चैलेंज कप का फाइनल है, जहां हमने नई दिल्ली में ताजिकिस्तान को 4-1 से हराया था वो भी ठीक 12 साल पहले, आज ही के दिन."

उन्होंने कहा, "इस जीत से हमें 27 साल के इंतजार के बाद एएफसी एशियन कप कतर 2011 में प्रवेश मिला. वो रात पूरी दिल्ली में खास रौनक थी और मुझे याद है कि ये कल जैसा ही था."
डियास ने कहा, "टूर्नामेंट का आयोजन हैदराबाद में हुआ था, लेकिन बारिश के कारण इसके फाइनल को दिल्ली शिफ्ट कर दिया गया था. लेकिन दिल्ली में भी मैच के दिन बारिश हुआ था, लेकिन हमारा उत्साह कम नहीं हुआ था और न ही स्टेडियम में बैठे 25000 दर्शकों का."

पूर्व मिडफील्डर ने कहा, " दिल्ली में फाइनल खेलना हमारे लिए उर्जा मिलने जैसा था. हमने एक साल ही पहले वहां सीरिया को हराकर नेहरू कप जीता था. अंबेडकर स्टेडियम हमारे लिए एक यागदार स्टेडियम था."
डियास ने कहा, "हमारे विश्वास का एक और महत्वपूर्ण कारक हमारे कोच बॉब ह्यूटन की भूमिका थी. उन्होंने खेल को सरल बनाया. वो अच्छी तरह से जानते थे कि अपने खिलाड़ियों को कैसे प्ररित करना है और कैसे उनसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन निकलवाना है. उनका वीडियो सत्र केवल अविस्मरणीय था और बेहद शक्तिशाली भी."

इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) फ्रेंचाइजी ओडिशा एफसी ने डियास को लीग के सातवें सीजन से पहले अपना नया सहायक कोच नियुक्त किया है.