ETV Bharat / sports

बागान का इतिहास और एटीके की ऊर्जा से मजबूत आधार मिलनी चाहिए : हबास

एटीके-मोहन बागान के कोच एंटोनियो लोपेज हबास ने कहा है कि ये एक सही विलय है और जर्सी का रंग इसमें बहुत सारे इतिहास को जोड़ता है.

author img

By

Published : Jul 11, 2020, 5:21 PM IST

एंटोनियो लोपेज हबास
एंटोनियो लोपेज हबास

कोलकाता: एटीके-मोहन बागान के कोच एंटोनियो लोपेज हबास का मानना है कि मोहन बागान का इतिहास और एटीके की युवा खिलाड़ियों के ऊर्जा और अनुभव से नई टीम को एक मजबूत आधार मिलनी चाहिए.

एटीके-मोहन बागान की टीम इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के सातवें सीजन में अपने अभियान की शुरुआत करेगी.

एटीके-मोहन बागान ने शुक्रवार को एक बयान में बताया कि बोर्ड ने हरे और लाल रंग की जर्सी को बरकरार रखने का फैसला किया है ताकि फुटबॉल क्लब की विरासत का पर्याय बनी रहे.

टीम के साथ एंटोनियो लोपेज हबास
टीम के साथ एंटोनियो लोपेज हबास

क्लब का नाम बदलकर एटीके-मोहन बागान कर दिया गया है जबकि लोगो में मोहन बागान की पहचान-नाव को बरकरार रखा गया है और उसके पास 'एटीके' शब्द लिख दिया गया है.

हबास ने कहा,"मुझे लगता है कि भविष्य के लिए अच्छी भावनाएं हैं. ये एक सही विलय है और जर्सी का रंग इसमें बहुत सारे इतिहास को जोड़ता है."

63 वर्षीय हबास आईएसएल के सबसे सफल कोच बन गए हैं, जिनके मार्गदर्शन में एटीके ने इस साल मार्च में रिकॉर्ड तीसरी बार आईएसएल का खिताब जीता है.

तीन बार के आईएसएल चैंपियन एटीके और आई-लीग विजेता मोहन बागान इस साल जनवरी में एक हुए थे और एटीके मालिक गोयनक ने मोहन बागान में 80 प्रतिशत साझेदारी खरीदी थी.

एक दिन बाद ही टीम के मालिक संजीव गोयनका ने घोषणा की कि हबास ही एटीके-मोहन बागान टीम के कोच होंगे.

हबास ने कहा,"हमारे पास एटीके मोहन बागान के लिए सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी होंगे. हमें मोहन बागान के इतिहास और अनुभव तथा एटीके की युवा और ऊर्जा का लाभ उठाना होगा. उनके पास बेहतरीन प्रशंसक हैं, पुराना इतिहास है और वे एक अच्छी टीम भी हैं."

कोच एंटोनियो लोपेज हबास
कोच एंटोनियो लोपेज हबास

हबास के कोचिंग के समय ही एटीके ने 2014 में पहली बार खिताब जीता था.

आईएसएल के सातवें सीजन से प्रत्येक क्लब को प्रत्येक मैच के दौरान अपनी 18 सदस्यीय टीम में दो डेवपलमेंटल खिलाड़ियों को रखना अनिवार्य होगा. इन खिलाड़ियों का जन्म साल 2000 या इसके बाद का होना चाहिए।. साथ ही एक क्लब कम से कम पांच और ज्यादा से ज्यादा सात ही विदेशी खिलाड़ियों के साथ करार कर सकता है और इसमें एक एशियाई खिलाड़ी भी होगा.

हबास ने इस कदम की सरहाना करते हुए कहा,"भारत में फुटबॉल को मदद करने वाली सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि खिलाड़ियों को अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया जाता है और योग्य कोचों के साथ अकादमियों में काम किया जाता है."

कोलकाता: एटीके-मोहन बागान के कोच एंटोनियो लोपेज हबास का मानना है कि मोहन बागान का इतिहास और एटीके की युवा खिलाड़ियों के ऊर्जा और अनुभव से नई टीम को एक मजबूत आधार मिलनी चाहिए.

एटीके-मोहन बागान की टीम इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के सातवें सीजन में अपने अभियान की शुरुआत करेगी.

एटीके-मोहन बागान ने शुक्रवार को एक बयान में बताया कि बोर्ड ने हरे और लाल रंग की जर्सी को बरकरार रखने का फैसला किया है ताकि फुटबॉल क्लब की विरासत का पर्याय बनी रहे.

टीम के साथ एंटोनियो लोपेज हबास
टीम के साथ एंटोनियो लोपेज हबास

क्लब का नाम बदलकर एटीके-मोहन बागान कर दिया गया है जबकि लोगो में मोहन बागान की पहचान-नाव को बरकरार रखा गया है और उसके पास 'एटीके' शब्द लिख दिया गया है.

हबास ने कहा,"मुझे लगता है कि भविष्य के लिए अच्छी भावनाएं हैं. ये एक सही विलय है और जर्सी का रंग इसमें बहुत सारे इतिहास को जोड़ता है."

63 वर्षीय हबास आईएसएल के सबसे सफल कोच बन गए हैं, जिनके मार्गदर्शन में एटीके ने इस साल मार्च में रिकॉर्ड तीसरी बार आईएसएल का खिताब जीता है.

तीन बार के आईएसएल चैंपियन एटीके और आई-लीग विजेता मोहन बागान इस साल जनवरी में एक हुए थे और एटीके मालिक गोयनक ने मोहन बागान में 80 प्रतिशत साझेदारी खरीदी थी.

एक दिन बाद ही टीम के मालिक संजीव गोयनका ने घोषणा की कि हबास ही एटीके-मोहन बागान टीम के कोच होंगे.

हबास ने कहा,"हमारे पास एटीके मोहन बागान के लिए सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी होंगे. हमें मोहन बागान के इतिहास और अनुभव तथा एटीके की युवा और ऊर्जा का लाभ उठाना होगा. उनके पास बेहतरीन प्रशंसक हैं, पुराना इतिहास है और वे एक अच्छी टीम भी हैं."

कोच एंटोनियो लोपेज हबास
कोच एंटोनियो लोपेज हबास

हबास के कोचिंग के समय ही एटीके ने 2014 में पहली बार खिताब जीता था.

आईएसएल के सातवें सीजन से प्रत्येक क्लब को प्रत्येक मैच के दौरान अपनी 18 सदस्यीय टीम में दो डेवपलमेंटल खिलाड़ियों को रखना अनिवार्य होगा. इन खिलाड़ियों का जन्म साल 2000 या इसके बाद का होना चाहिए।. साथ ही एक क्लब कम से कम पांच और ज्यादा से ज्यादा सात ही विदेशी खिलाड़ियों के साथ करार कर सकता है और इसमें एक एशियाई खिलाड़ी भी होगा.

हबास ने इस कदम की सरहाना करते हुए कहा,"भारत में फुटबॉल को मदद करने वाली सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि खिलाड़ियों को अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया जाता है और योग्य कोचों के साथ अकादमियों में काम किया जाता है."

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.