नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट पूर्व भारतीय फुटबॉलर कल्याण चौबे की याचिका पर अगले सप्ताह सुनवाई करेगी. चौबे ने अपनी याचिका में अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) में नए चुनाव कराने की मांग की है.
वर्ष 1999 से 2006 तक भारतीय सीनियर फुटबॉल टीम के लिए खेल चुके पूर्व गोलकीपर चौबे ने सुप्रीम कोर्ट में पिछले महीने एक याचिक दाखिल कर कहा था कि एआईएफएफ के मौजूदा कार्यकारी समिति का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जाए और जल्द नया चुनाव कराया जाए.
चौबे ने साथ ही कोर्ट से यह भी मांग की थी कि चुनाव योग्यता प्रक्रिया में सुधार किया जाए ताकि पूर्व खिलाड़ी भी चुनाव लड़ सके और एआईएफफ की निर्णय प्रक्रिया का हिस्सा बन सके.
मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे और न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना और वी. रामसुब्रमण्यन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, "सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के अनुरोध पर प्रतिवादी (एस) को अगले सप्ताह उपस्थित होने की तारीख दी."
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इससे पहले, चौबे ने कहा था, "मैंने केवल दो चीजों की मांग की है। पहला तो यह कि वर्तमान में जिस तरह से एआईएफएफ को चलाया जा रहा है, राष्ट्रीय खेल संहिता के अनुसार, वह नियमों के अनुसार नहीं है। एआईएफएफ को इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का पालन करना चाहिए, अर्थात समिति चलाने के लिए चुनाव का आयोजन होना चाहिए।"
उन्होंने कहा, " दूसरा, एआईएफएफ ने एक बहुत ही अजीब शर्त रखी है कि यदि कोई भी महासंघ का चुनाव लड़ना चाहता है, तो उसे राज्य संघ में कम से कम चार साल तक किसी एक पद पर रहना होगा."
एआईएफएफ ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करते हुए मौजूदा कार्यकारी समिति के कार्यकाल को 21 दिसंबर तक विस्तार देने की अपील की थी. इसके पीछे महासंघ का तर्क यह था कि कोर्ट द्वारा गठित की गई प्रशासकों की समिति ने अभी तक नया संविधान नहीं बनाया है जिसके मुताबिक चुनाव होने हैं.