नई दिल्ली: इंडियन वुमेंस लीग (आईडब्ल्यूएल) का तीसरा संस्करण जारी है और गोकुलम केरला इकलौता ऐसा आई-लीग क्लब है जिसने इस टूर्नामेंट अपनी टीम भेजी है. क्लब के अध्यक्ष वी.सी. प्रवीण का कहा है कि ऐसा करते हुए वो इस बात पर जोर देना चाह रहे हैं कि 'फुटबॉल मतलब केवल पुरुषों का फुटबॉल नहीं होता है.'
प्रवीण ने कहा,"हर फील्ड की तरह यहां भी महिलाओं को एक समान मौका मिलना चाहिए. महिला टीम को भेजने के पीछे यही कारण है."
देश में महिला टीम को बनाने में कई चुनौतियों का सामना करने के बावजूद प्रवीण का मानना है कि इस खेल में आगे बढ़ने की क्षमता है. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि इसके लिए अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) को कई कदम उठाने पड़ेंगे.
प्रवीण ने कहा,"अगर अधिक आई-लीग क्लब और आईएसएल क्लब महिला फुटबॉल में निवेश करते हैं तो खिलाड़ियों को अधिक अवसर मिलेगा. हम एक ट्रेंड शुरू करना चाहते हैं और अन्य क्लबों को दिखाना चाहते हैं कि फुटबॉल का मतलब सिर्फ पुरुषों का फुटबॉल नहीं है."
प्रवीण ने कहा,"महिला फुटबॉल अभी भी अपनी प्रारंभिक अवस्था में है और इसमें काफी सुधार किया जाना चाहिए. एआईएफएफ को लीग को बेहतर तरीके से तैयार करना चाहिए और इसमें अधिक पेशेवर क्लबों की भागीदारी होनी चाहिए. इस देश में महिला फुटबॉल के महत्व के बारे में क्लबों को फुटबॉल संघ को समझाना होगा."
उन्होंने ये भी बताया कि लीग के शुरू होने की तारीख के बारे में एक महीने पहले बताया गया जिस कारण उन खिलाड़ियों को रिकवर करने का समय नहीं मिला जो भारतीय टीम का हिस्सा थीं.
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प्रवीण ने कहा,"हम टूर्नामेंट से पहले कोझीकोड में मुश्किल से 15 दिनों का प्रशिक्षण शिविर लगा पाए. राष्ट्रीय टूर्नामेंट की तैयारी के लिए प्रत्येक क्लब को अधिक समय चाहिए. इसके अलावा, आईडब्ल्यूएल की तारीखों की घोषणा एक महीने पहले ही की गई थी, जिससे हमें खिलाड़ियों को टीम में शामिल और पंजीकृत करने के लिए संघर्ष करना पड़ा."
उन्होंने कहा,"हमारे शिविर के दौरान पुरुषों की टीम के खिलाफ तीन दोस्ताना मैच हुए और उन्होंने वास्तव में अच्छा मुकाबला किया. हर बार उन्होंने कड़े प्रतिद्दंद्वियों की मांग की. यहां तक कि हमारे कोचिंग स्टाफ को भी आश्चर्य हुआ. इन लड़कियों को फुटबॉल पसंद है और यही मुझे उनके बारे में पसंद है."