नई दिल्ली: विश्व फुटबॉल की नियामक संस्था फीफा ने भारतीय फुटबॉल के विकास के लिए आई-लीग क्लबों को अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के साथ मिलकर काम करने के लिए कहा है.
इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) को भारत की शीर्ष लीग बनाने के मुद्दे पर महासंघ और आई-क्लबों के बीच में लंबे सयम से विवाद चल रहा है.
फीफा के कार्यवाहक उप महासचिव मैटियास ग्रैफस्ट्रॉम ने मिनर्वा पंजाब एफसी के निदेशक रंजीत बजाज को पत्र लिखा है और अन्य आई-लीग क्लबों को भी महासंघ के साथ मिलकर काम करने के लिए कहा.
ग्रैफस्ट्रॉम ने लिखा,"2018 में की गई समीक्षा ने कई जटिल मुद्दों को उजागर किया, जिन्हें सुलझाने के लिए सभी हितधारकों को साथ लेकर चलते हुए विवेकपूर्ण दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है. चर्चा के बाद ये स्पष्ट था कि सिफारिशों के कई पहलू हैं जिन्हें लागू करने से पहले और अधिक विचार करने की आवश्यकता है."
उन्होंने कहा,"हम समझते हैं कि इसी आधार पर एआईएफएफ अध्यक्ष ने क्लबों से मुलाकात की और उन्हें स्थायी समाधान न निकलने तक कुछ समय के लिए एक समाधान निकालकर दिया. इसलिए हम मानते हैं कि एआईएफएफ ऐसा करने में सक्षम है और हमें विश्वास है कि भारत में फुटबॉल की शासी निकाय के रूप में एआईएफएफ एक संपूर्ण और प्रभावी प्रक्रिया का प्रबंध कर सकता है."
उन्होंने ये भी कहा कि एआईएफएफ के प्रयासों को सहायता प्रदान करने के लिए फीफा और एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफसी) उसके साथ खड़ा है और क्लबों को महासंघ के साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है.
ग्रैफस्ट्रॉम ने लिखा,"फीफा, एएफसी के साथ मिलकर इस प्रक्रिया के साथ एआईएफएफ की सहायता करने के लिए हमेशा उपलब्ध है और ये महत्वपूर्ण होगा कि सभी क्लब महासंघ के साथ मिलकर काम करें क्योंकि भारत में शीर्ष स्तरीय फुटबॉल को आगे बढ़ाने के लिए सभी हितधारकों का सहयोग बहुत जरूरी होगा."
इससे पहले, छह आई-लीग क्लबों ने फीफा प्रमुख गियानी इन्फेंटिनो को पत्र लिखकर उनसे भारतीय फुटबॉल को बचाने के लिए मामले में हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई थी. ये छह क्लब मिनर्वा पंजाब एफसी, मोहन बागान, क्वेस ईस्ट बंगाल, चर्चिल ब्रदर्स गोवा, आइजोल एफसी और गोकुलम केरला एफसी थे.