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ज्यादा मौके और बेहतर सुविधाएं देने का असर टीम के प्रदर्शन पर दिख रहा : वेंकटेश शानमुगम - फुटबॉलर

भारतीय फुटबॉल टीम के मौजूदा सहायक कोच वेंकटेश शानमुगम ने कहा अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में ज्यादा मौके और बेहतर सुविधाएं देने का असर टीम के प्रदर्शन पर दिख रहा है.

Venkatesh Shanmugam
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Published : Apr 18, 2019, 1:01 PM IST

नई दिल्ली : भारतीय फुटबॉल टीम 2015 में फीफा रैंकिंग में 173वें स्थान पर थी लेकिन दमदार प्रदर्शन के दम पर इस साल शीर्ष 100 में जगह बनाने में सफल रही. टीम की मौजूदा रैंकिंग 101 है. भारतीय टीम पहली बार एएफसी एशियाई कप के नाक आउट दौर में जगह बनाने के करीब पहुंच गयी थी लेकिन अंतिम क्षणों में बहरीन ने गोल कर उसके सपने को तोड़ दिया.

भारतीय फुटबॉल टीम
भारतीय फुटबॉल टीम

मजबूत टीमों के खिलाफ दोस्ताना मैच खेला

पिछले चार सालों में टीम ने चीन, जोर्डन, ओमान, प्यूर्तो रिको, सेंट किट्स एवं नेविस, न्यूजीलैंड, कीनिया जैसी खुद से मजबूत मानी जानी वाली टीमों के खिलाफ दोस्ताना मैच खेला है. वेंकटेश ने कहा, 'चीन, जोर्डन, ओमान, प्यूर्तो रिको, सेंट किट्स एवं नेविस, न्यूजीलैंड, कीनिया जैसी टीमों के खिलाफ खेलने से टीम को इस साल हुए एएफसी एशियाई कप 2019 में खेलने में मदद मिली.'

वेंकटेश शानमुगम
वेंकटेश शानमुगम

मौजूदा दौर के खिलाड़ियों को ज्यादा सुविधाएं मिल रही

उन्होंने कहा, 'एक फुटबॉलर के तौर पर ऐसे प्रतिस्पर्धी मैचों से आपको विभिन्न परिस्थितियों से निपटने की सीख मिलती है. इसलिए जब आप बड़े टूर्नामेंट में खेलते है तो आप हार नहीं मानते. भारतीय टीम के इस पूर्व कप्तान ने कहा कि मौजूदा दौर के खिलाड़ियों को पहले से ज्यादा सुविधाएं मिल रही है जिससे उनके खेल में काफी सुधार आया है.

ये भी पढ़ें - भारतीय और विदेशी दोनो कोच का प्रोफाइल मायने रखता है: बाइचुंग भूटिया

उन्होंने कहा, 'लगभग 15 साल पहले ऐसा नहीं था, खिलाड़ियों के पास ऐसी सुविधाएं नहीं थी जिससे खेल के स्तर को सुधारा जा सके लेकिन अब फुटबॉलरों के पास विश्व स्तरीय सुविधाएं है.

नई दिल्ली : भारतीय फुटबॉल टीम 2015 में फीफा रैंकिंग में 173वें स्थान पर थी लेकिन दमदार प्रदर्शन के दम पर इस साल शीर्ष 100 में जगह बनाने में सफल रही. टीम की मौजूदा रैंकिंग 101 है. भारतीय टीम पहली बार एएफसी एशियाई कप के नाक आउट दौर में जगह बनाने के करीब पहुंच गयी थी लेकिन अंतिम क्षणों में बहरीन ने गोल कर उसके सपने को तोड़ दिया.

भारतीय फुटबॉल टीम
भारतीय फुटबॉल टीम

मजबूत टीमों के खिलाफ दोस्ताना मैच खेला

पिछले चार सालों में टीम ने चीन, जोर्डन, ओमान, प्यूर्तो रिको, सेंट किट्स एवं नेविस, न्यूजीलैंड, कीनिया जैसी खुद से मजबूत मानी जानी वाली टीमों के खिलाफ दोस्ताना मैच खेला है. वेंकटेश ने कहा, 'चीन, जोर्डन, ओमान, प्यूर्तो रिको, सेंट किट्स एवं नेविस, न्यूजीलैंड, कीनिया जैसी टीमों के खिलाफ खेलने से टीम को इस साल हुए एएफसी एशियाई कप 2019 में खेलने में मदद मिली.'

वेंकटेश शानमुगम
वेंकटेश शानमुगम

मौजूदा दौर के खिलाड़ियों को ज्यादा सुविधाएं मिल रही

उन्होंने कहा, 'एक फुटबॉलर के तौर पर ऐसे प्रतिस्पर्धी मैचों से आपको विभिन्न परिस्थितियों से निपटने की सीख मिलती है. इसलिए जब आप बड़े टूर्नामेंट में खेलते है तो आप हार नहीं मानते. भारतीय टीम के इस पूर्व कप्तान ने कहा कि मौजूदा दौर के खिलाड़ियों को पहले से ज्यादा सुविधाएं मिल रही है जिससे उनके खेल में काफी सुधार आया है.

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उन्होंने कहा, 'लगभग 15 साल पहले ऐसा नहीं था, खिलाड़ियों के पास ऐसी सुविधाएं नहीं थी जिससे खेल के स्तर को सुधारा जा सके लेकिन अब फुटबॉलरों के पास विश्व स्तरीय सुविधाएं है.

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भारतीय फुटबॉल टीम के मौजूदा सहायक कोच वेंकटेश शानमुगम ने कहा अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में ज्यादा मौके और बेहतर सुविधाएं देने का असर टीम के प्रदर्शन पर दिख रहा है.

नई दिल्ली : भारतीय टीम 2015 में फीफा रैंकिंग में 173वें स्थान पर थी लेकिन दमदार प्रदर्शन के दम पर इस साल शीर्ष 100 में जगह बनाने में सफल रही. टीम की मौजूदा रैंकिंग 101 है. भारतीय टीम पहली बार एएफसी एशियाई कप के नाक आउट दौर में जगह बनाने के करीब पहुंच गयी थी लेकिन अंतिम क्षणों में बहरीन ने गोल कर उसके सपने को तोड़ दिया.

पिछले चार सालों में टीम ने चीन, जोर्डन, ओमान, प्यूर्तो रिको, सेंट किट्स एवं नेविस, न्यूजीलैंड, कीनिया जैसी खुद से मजबूत मानी जानी वाली टीमों के खिलाफ दोस्ताना मैच खेला है.

वेंकटेश ने कहा, 'चीन, जोर्डन, ओमान, प्यूर्तो रिको, सेंट किट्स एवं नेविस, न्यूजीलैंड, कीनिया जैसी टीमों के खिलाफ खेलने से टीम को इस साल हुए एएफसी एशियाई कप 2019 में खेलने में मदद मिली.'

उन्होंने कहा, 'एक फुटबॉलर के तौर पर ऐसे प्रतिस्पर्धी मैचों से आपको विभिन्न परिस्थितियों से निपटने की सीख मिलती है. इसलिए जब आप बड़े टूर्नामेंट में खेलते है तो आप हार नहीं मानते. भारतीय टीम के इस पूर्व कप्तान ने कहा कि मौजूदा दौर के खिलाड़ियों को पहले से ज्यादा सुविधाएं मिल रही है जिससे उनके खेल में काफी सुधार आया है.

उन्होंने कहा, 'लगभग 15 साल पहले ऐसा नहीं था, खिलाड़ियों के पास ऐसी सुविधाएं नहीं थी जिससे खेल के स्तर को सुधारा जा सके लेकिन अब फुटबॉलरों के पास विश्व स्तरीय सुविधाएं है.





    


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