नई दिल्ली : भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने कहा है कि आई-लीग क्लबों की अपील को ध्यान में रखते हुए समिति ने आई-लीग में वही नियम लागू करने का फैसला किया है जो एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफसी) में क्लबों के टूर्नामेंट में लागू किया जाता है.
विदेशी खिलाड़ियों की संख्या को कम करने का सुझाव दिया था
जहां तक इंडियन सुपर लीग की बात है तो एआईएफएफ ने एक बयान में कहा है, "एफएसडीएल, एआईएफएफ के साथ काम करेगी और अगले कुछ महीनों में विदेशी खिलाड़ियों के संबंध में अपना प्लान कार्यकारी समिति के सामने पेश करेगी. ये प्लान 2020-21 सीजन से लागू होगा."
एआईएफएफ की तकनीकी समिति ने पिछले सप्ताह दोनों लीगों में विदेशी खिलाड़ियों की संख्या को कम करने का सुझाव दिया था. बयान में कहा गया है, "तमाम आई-लीग क्लबों की अपील को मानते हुए समिति ने सर्वसम्मति से तीन विदेशी और एक एशियाई खिलाड़ी को अंतिम-11 में शामिल करने का नियम आई-लीग के 2020-21 सीजन से लागू करने का फैसला लिया है."
आईएसएल क्लबों को ज्यादा मैच खेलने की जरूरत है
एएफसी के क्लब संबंधी नियमों के मुताबिक, एएफसी चैम्पियंस लीग में खेलने के लिए हर क्लब को 27 मैच खेलने होते हैं, इसे देखते हुए कार्यकारी समिति को लगता है कि आईएसएल क्लबों को ज्यादा मैच खेलने की जरूरत है वो सिर्फ नियमों को पालन करने के लिए नहीं, बल्कि भारतीय फुटबॉल के विकास के लिए भी.
एआईएफएफ अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक की अध्यक्षता की और आईएसएल तथा आई-क्लबों से कहा कि वो इंडियन वुमन लीग (आईडब्ल्यूएल) के लिए एक महिला टीम बनाएं. उन्होंने कहा, "भारत में महिला फुटबॉल, क्लबों की भागीदारी के बिना जिंदा नहीं रह सकता."