हैदराबाद: आईसीसी पुरुष क्रिकेट विश्व कप 2023 की तैयारियां जोर पर हैं और टूर्नामेंट की शुरूआत 5 अक्टूबर से होने जा रही है. साउथ अफ्रीका को भी इस विश्व कप का प्रबल दावेदार माना जा रहा है. इस टीम के ऊपर हमेशा चॉकर्स का टैग लगा रहता है लेकिन अब ये टैग साउथ अफ्रीका की टीम हटाना चाहेगी. इस विश्व कप में साउथ अफ्रीका की टीम काफी संतुलित नजर आ रही है तो आइए इस टूर्नामेंट से पहले साउथ अफ्रीका की ताकत और कमजोरी के साथ-साथ टीम से जुड़ी कुछ अहम बातें भी जानते हैं.
ताकत
1 - अनुभवी बल्लेबाजी : इस टीम की ताकत उनकी अनुभवी बल्लेबाजी है. इस टीम में क्विंटन डी कॉक, डेविड मिलर और एडेन मार्कराम जैसे खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का खूब अनुभव है. ये सभी बल्लेबाज दबाव की स्थिति को टीम को संभालने की क्षमता रखते हैं. क्विंटन डी कॉक टीम को विस्फोटक शुरुआत दिलाते हैं. उन्होंने 145 मैचों में 44.8 की औसत के साथ 17 शतक और 30 अर्धशतकों की ममद से 44.8 की औसत से 6176 रन बनाए हैं. इस टीम का मध्यक्रम काफी मजबूत नजर आता है. मध्यक्रम में डेविड मिलर, हेनरिक क्लासेन और एडेन मार्कराम जैसे खिलाड़ी मौजूद हैं.
मिलर ने 137 वनडे मैचों में 42.6 की औसत और 103.3 की बेहतरीन स्ट्राइक रेट की मदद से 4090 रन बनाए हैं. एडेन मार्कराम ने 1665 रन बनाए हैं और इस दौरान उनका स्ट्राइक रेट 96.3 और औसत 35.4 का रहा है. तो वहीं, हेनरिक क्लासेन ने हाल ही में टीम के लिए विस्फोट बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 174 रन की धमाकेदार पारी खेली थी. क्लासेन अब तक 41.3 की औसत से 1323 रन बनाए हैं.
2 - घातक गेंदबाजी आक्रमण: साउथ अफ्रीका की टीम अपनी तेज गेंदबाजी के लिए भी जानी जाती है. कैगिसो रबाडा, लुंगी एनगिडी और मार्को जानसन के रूप में टीम के पास खतरनाक गेंदबाज हैं जो विरोधी बल्लेबाजों को घातक यॉर्कर और तेज बाउंसर के साथ धूल चटाने की काबिलियत रखते हैं. रबाडा ने 92 वनडे मैचों में 27.8 की औसत से 144 विकेट चटकाए हैं. इस दौरान उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 6 विकेट 16 रन देकर रहा है. एनगिडी डेथ ओवरों में विरोधियों पर लगाम लगा सकते हैं.
एनगिडी ने 48 वनडे मैचों में 27.6 की औसत से 78 विकेट अपने नाम किए हैं. इस टीम के पास तबरेज़ शम्सी और केशव महाराज के रूप में दो बेहतरीन स्पिन गेंदबाजी भी मौजूद हैं. शम्सी ने 46 वनडे मैचों में 5.50 की इकॉनमी रेट के साथ 63 विकेट जबाकि महाराज ने 31 मैचों में 4.69 की इकॉनमी रेट के साथ 37 विकेट हासिल किए हैं.
कमजोरी
1 - एनरिक नॉर्टजे की अनुपस्थिति: साउथ अफ्रीका के लिए एनरिक नॉर्टजे एक अहम तेज गेंदबाज थे. अब वो चोट के कारण विश्व कप 2023 से बाहर हो गए हैं. नॉर्टजे लगातार 145+ किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाजी करने की काबिलियत रखते थे. ऐसे में टीम में नॉर्टजे का ना होना टीम के लिए कमजोरी साबित हो सकता है.
2 - स्पिन डिपार्टमेंट में गहराई की कमी: साउथ अफ्रीका के स्पिन डिपार्टमेंट में ज्यादा गहराई नहीं हैं जो इस टीम के लिए भारतीय पिचों पर कमजोरी साबित हो सकती है. इस टीम में शम्सी और महाराज के अलावा कोई भी अनुभवी और भरोसेमंद स्पिन गेंदबाजी नहीं हैं. ऐसे में टीम के स्पिन डिपार्टमेंट में गहराई नजर नहीं आती है.
मौका
साउथ अफ्रीका की ओर से इस विश्व कप में युवा तेज गेंदबाजी मार्को जानसन के पास मौका होगा कि वो अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन बड़े मंच पर कर सकें. उन्होंने साउथ अफ्रीका के लिए हाल ही के दिनों में शानदार प्रदर्शन किया है. अब वो विश्व कप में अपनी गेंदों से आग लगाते हुए नजर आएंगे.
खतरा
1 - चोटें: इस टीम के लिए प्रमुख खिलाड़ियों की चोटें खतरा पैदा कर सकती हैं. टीम के अनुवभी खिलाड़ियों को टूर्नामेंट के दौरान अगर चोट लग जाती है तो इससे टीम का पूरा संतुलन और रणनीति खराब हो सकती है. इसके अलावा खिलाड़ी का फॉर्म में ना रहना टीम के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है.
2 - महत्वपूर्ण पलों में बिखरना: साउथ अफ्रीका की टीम मैच के महत्वपूर्ण समय में अपना कंट्रोल खो देती है. इसके साथ ही टीम अच्छी स्थिति से खराब स्थिति में आ जाती है. टीम ने इस विश्व कप में भी ऐसा ही किया तो वो मुश्किलों में पड़ सकती है.
साउथ अफ़्रीका की विश्व कप टीम में युवा और अनुभव खिलाड़ियों का मिश्रण है. टीम इस विश्व कप में अपनी कमजोरियों पर काम करके अच्छा खेल दिखाती है तो वो टूर्नामेंट में काफी ज्यादा आगे जा सकती है.