नई दिल्ली: महज चार महीने पहले वो भारतीय क्रिकेट के बेताज बादशाह थे. तीनों प्रारूपों में भारतीय टीम के कप्तान 'किंग कोहली' लेकिन टी20 टीम की कप्तानी उन्होंने खुद छोड़ी, वनडे की कप्तानी से हटाया गया और फिर हालात ऐसे हो गए कि टेस्ट कप्तानी छोड़ने के अलावा विराट कोहली के पास कोई चारा नहीं बचा था.
एक सफलतम कप्तान 'रिटायर्ड हर्ट' हुआ कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी.
इसका ठीकरा दक्षिण अफ्रीका से टेस्ट श्रृंखला में मिली हार पर फोड़ना गलत होगा. इसका आगाज 16 सितंबर के उस ट्वीट से हो गया था जब कोहली ने टी20 टीम की कप्तानी छोड़ने का ऐलान किया था. वजह बताई टेस्ट और 2023 विश्व कप को जेहन में रखकर वनडे क्रिकेट पर फोकस करना.
उस ट्वीट को कल चार महीने पूरे हो जाएगे और अब कोहली का नाम पूर्व कप्तानों की सूची में होगा. इस दौर के महानतम बल्लेबाज के चार महीने में 'अर्श से फर्श' के इस सफर की किसी ने कल्पना नहीं की होगी.
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दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिये रोहित शर्मा टेस्ट टीम के उपकप्तान थे और उनका कप्तान बनना तय है. श्रीलंका के खिलाफ श्रृंखला बतौर कप्तान उनकी पहली जिम्मेदारी होगी.
कार्यभार प्रबंधन के तहत रोहित जब भी ब्रेक लेंगे तो केएल राहुल को कमान सौंपी जा सकती है.
BCCI सूत्रों की मानें तो कोहली ने यह फैसला लेने से पहले बोर्ड के आला अधिकारियों से कोई मशविरा नहीं किया. दक्षिण अफ्रीका दौरे पर रवानगी से पहले तूफानी प्रेस कांफ्रेंस के बाद इसकी उम्मीद भी कम ही थी.
यह उनका और सिर्फ उनका फैसला था. उन्होंने औपचारिक बयान जारी करने से पहले बीसीसीआई से इतना ही कहा कि वह थक चुके हैं.
राहुल द्रविड़ अब भविष्य का खाका तैयार कर रहे हैं. टीम कप्तान विराट कोहली से आगे निकल चुकी है और अब फोकस बल्लेबाज कोहली पर होगा.
बोर्ड सचिव जय शाह ने कोहली का फैसला आते ही जिस तरह प्रतिक्रिया देने में तेजी दिखाई, उससे लगता है कि मानो यह इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है. श्रृंखला में मिली हार और बल्ले से रन नहीं निकलने से कोहली हाशिये पर चले गए थे और उनका विश्वासपात्र सहयोगी स्टाफ भी बदल गया था.