गुरुग्राम: शेफाली वर्मा ने 15 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था. उन्होंने पिछले दो साल में स्मृति मंधाना के साथ मिलकर महिला क्रिकेट की सबसे विस्फोटक सलामी जोड़ी बनाई है.
उन्होंने अब तक दो टेस्ट, छह वनडे और 28 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं. वह तेजी से उठती गेंदों पर अपने खेल को बेहतर बनाने के लिए यहां अंडर-25 पुरुष खिलाड़ियों की 200 से 250 गेंदों का सामना कर रही है. इन गेंदबाजों की रफ्तार 125 से 130 किमी प्रति घंटा है.
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शेफाली ने पीटीआई से कहा, यह अच्छा अहसास है कि मैंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दो साल पूरे कर लिए हैं. लेकिन अभी लंबा रास्ता तय करना है. मैं अपने खेल के उन क्षेत्रों को जानती हूं, जिनमें मुझे बेहतर होने की जरूरत है और इनमें से एक क्षेत्र शार्ट पिच गेंदों को खेलना है. आस्ट्रेलिया में महिला बिग बैश लीग खेलकर स्वदेश लौटी इस युवा खिलाड़ी ने कहा, कोच ने भी मुझे गेंदों को उनकी योग्यता के हिसाब से खेलने के लिए कहा है और मैं ऐसा करना जारी रखूंगी. मैं कभी अपना खेल नहीं बदलूंगी.
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इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया में खेली गई सीरीजों के दौरान शेफाली को शार्ट पिच गेंदों को पीछे हटकर खेलते हुए देखा गया, जिसके उन्हें मिश्रित परिणाम मिले. यहां उनकी अकादमी के कोच उन्हें सीमेंट, एस्ट्रोटर्फ और सामान्य विकेटों पर शार्ट पिच गेंदों को खेलने के लिए कह रहे हैं. वह पुरुष गेंदबाजों का सामना करने के अलावा थ्रो डाउन पर भी अभ्यास कर रही है.
अपनी फिटनेस पर भी काम कर रही शेफाली ने कहा, अब आप मुझे आगे बढ़ने के बाद पीछे हटते हुए नहीं देखेंगे. आप मुझे क्रीज के इर्द-गिर्द रहकर ही गेंद को उसकी योग्यता के अनुसार खेलते हुए देखेंगे.
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अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दो साल पूरे करने के बारे में शेफाली ने कहा कि उन्हें प्रत्येक मैच में कुछ नया सीखने को मिला और टेस्ट क्रिकेट खेलकर उनका सपना सच हो गया. उन्होंने कहा, टेस्ट क्रिकेट में मैंने जितना सोचा था. उससे कहीं अधिक सीखा विशेषकर संयम बनाए रखकर खेलना. यह सर्वश्रेष्ठ प्रारूप है और मेरे लिए यह सपना सच होने जैसा था.
शेफाली ने कहा, मुझे टेस्ट क्रिकेट में अपनी पहली पारी (96 रन) बहुत पसंद है. मैं तब वास्तव में बहुत अच्छा महसूस कर रही थी. यह पारी हमेशा मेरे लिए विशेष रहेगी. न्यूजीलैंड में अगले साल होने वाले वनडे विश्व कप के बारे में उन्होंने कहा, मैं फिट रहना चाहती हूं और अपने खेल पर कड़ी मेहनत करना चाहती हूं और भारत को जीत दिलाने में मदद करना चाहती हूं. मुझे उम्मीद है कि मैं अधिक लड़कियों को इस खेल को अपनाने के लिए प्रेरित करूंगी.